सल्फर पौधों में प्रोटीन संश्लेषण में सहायक
Hapur News - विश्व पोषण दिवस पर कृषि विज्ञान केंद्र, हापुड़ ने एस.एम.एल. लिमिटेड के सहयोग से 'संतुलित पोषण से संतुलित आहार तक' विषय पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। डॉ. अरविंद कुमार और डॉ. वाई.एस. शिवाय ने...

विश्व पोषण दिवस पर कृषि विज्ञान केंद्र, हापुड़ ने एस.एम. एल. लिमिटेड के सहयोग से “संतुलित पोषण से संतुलित आहार तक” विषय पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। किसानों को कृषि तथा मृदा में उपस्थित पोषक तत्वों व मानव स्वास्थ्य के गहरे संबंध के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता केवीके हापुड़ के प्रमुख डॉ. अरविंद कुमार ने की। उनके साथ डां अशोक कुमार सहित अन्य वैज्ञानिक भी उपस्थित रहे। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) से वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. वाई.एस. शिवाय के नेतृत्व में पांच वैज्ञानिकों का एक दल भी कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित हुआ और किसानों के साथ अपने ज्ञान और अनुभव साझा किए।
डॉ. अरविंद कुमार ने “संतुलित पोषण से संतुलित आहार तक” विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने बताया कि मृदा स्वास्थ्य सीधे फसलों में पोषक तत्वों के अवशोषण को प्रभावित करता है, जो अंततः खाद्य गुणवत्ता और उत्पादन को निर्धारित करता है। डॉ. वाई.एस. शिवाय ने सल्फर और जिंक जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की भूमिका पर जोर दिया, जो न केवल फसल उत्पादकता बल्कि मानव स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक हैं। उन्होंने समझाया कि सल्फर पौधों में प्रोटीन संश्लेषण में सहायक होता है, जिससे खाद्य में पोषण मूल्य बढ़ता है। उन्होंने बताया कि आईसीएआर द्वारा “विकसित भारत अभियान” के तहत 29 मई से 12 जून तक वैज्ञानिक गांवों में जाकर किसानों को प्रत्यक्ष मार्गदर्शन देंगे। एसएमएल लिमिटेड की ओर से एवीपी-मार्केटिंग विवेक रस्तोगी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में उनके योगदान के लिए बधाई दी। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे एसएमएल जैसी भारतीय कंपनियों का सहयोग करें ताकि भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर हो सके। उन्होंने यूरिया और डीएपी के अत्यधिक उपयोग से बचने की सलाह दी, जिससे मृदा की क्षारीयता बढ़ती है और पोषक तत्वों का अवशोषण बाधित होता है। एसएमएल लिमिटेड के दिलीप जादौन और कमल सिंह ने एक परिक्षण में दिखाया की जिंक सलफेट (मोनो ज़िंक) डी. ए.पी. के साथ क्रिया कर फोस्फोरस को अनुपलब्ध बना देता हैँ और स्वयं भी अनुपलब्ध हो जाता है जबकि टेक्नो -जेड डीएपी के साथ क्रिया नहीं करता। उन्होंने फ़र्टिस नामक सल्फर उत्पाद को , बेंटोनाइट सल्फर की तुलना मे उत्तम बताया । डॉ. अरविंद कुमार ने सभी वैज्ञानिकों और एसएमएल टीम का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम का समापन किया। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे संतुलित पोषण की तकनीकों को अपनाएं ताकि मृदा स्वास्थ्य बेहतर हो और पोषण से भरपूर, गुणवत्तायुक्त खाद्यान्न उत्पादन सुनिश्चित किया जा सके।
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