Severe Drinking Water Crisis in Chanpur Palamu District Amidst Rising Temperatures चैनपुर प्रखंड के सभी 25 पंचायतों में गंभीर हो गया है जलसंकट, Palamu Hindi News - Hindustan
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चैनपुर प्रखंड के सभी 25 पंचायतों में गंभीर हो गया है जलसंकट

पलामू जिले के चैनपुर प्रखंड में पेयजल संकट गहरा गया है। गर्मी में नदी, नाला और चापाकल सूख गए हैं। 2881 जलस्रोतों में से 212 खराब हैं, जिससे ग्रामीणों को पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। नल जल योजना...

Newswrap हिन्दुस्तान, पलामूThu, 8 May 2025 04:36 AM
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चैनपुर प्रखंड के सभी 25 पंचायतों में गंभीर हो गया है जलसंकट

मेदिनीनगर, प्रतिनिधि। पलामू जिले के बड़े प्रखंडों में एक चैनपुर के विभिन्न 25 पंचायत में पेयजल संकट गहरा गया है। जिले में कोयल नदी के बाएं तट पर स्थित दो प्रखंडों में एक चैनपुर के ग्रामीण क्षेत्र में पानी की समस्या अत्यंत गंभीर हो गई है। चैनपुर प्रखंड में पेयजल के लिए कुल 2881 जलस्रोत विकसित किए गए हैं परंतु इसमें 212 डेड पड़े हुए हैं। प्रखंड में चापाकलों की कुल संख्या 2849 हैं। इसमें 2600 चालू हालत में हैं। हालांकि तेजी से नीचे जा रहे जलस्रोत के कारण जलसंकट गंभीर होता जा रहा है। चैनपुर के ग्रामीणों ने बताया कि गर्मी शुरू होते ही क्षेत्र के अधिकांश नदी, नाला, तालाब, कुआ एवं चापाकल सूख गये हैं।

सरकारी स्तर पर लगाए गए अधिकांश जलमीनार फेल हैं। सुबह होते ही गांव के लोग नदी नाला में बनाए गए चुआडी एवं कुआं, चापाकल पर पानी लेने जाते हैं। चैनपुर प्रखंड के बंदुआ, महुगांवा, बरांव, नरसिंहपुर पथरा, नेउरा, सेमरा, झरिवा आदि गांव के लोगों ने बताया कि जलस्तर नीचे चले जाने के कारण चापाकल एवं कुआं सूख गए हैं। नल जल योजना के तहत गांव-गांव में बोरिंग कर जलमीनार तो बनाए गए पर रखरखाव के कमी एवं जलस्तर नीचे चले जाने के कारण अधिकांश जलमिनार खराब है। ग्रामीणों के अनुसार जलमीनार संचालक बताते हैं कि जलस्तर नीचे चले जाने के कारण जलापूर्ति नहीं की जा रही है। ग्रामीणों ने बताया पानी के लिए सुबह से ही काफी जूझना पड़ता है। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कनीय अभियंता सतीश कुमार ने बताया कि चैनपुर प्रखंड में लगभग तीन हजार सरकारी चापानल लगाए गए हैं। लगभग 15% खराब है। शिकायत के आधार पर उसे दुरुस्त कराया जा रहा है। विभाग की ओर से 18 पानी टंकी भी बनाया गया है जिसमें कुछ खराब है। नल जल योजना के तहत 265 जलमीनार लगाए गए हैं जिसमें वर्तमान में 45 जलमीनार खराब है। पथरा बहुग्राम जलापूर्ति योजना अधूरी चैनपुर प्रखंड का पथरा बाजार काफी पुराना है। परंतु पाइप लाइन जलापूर्ति योजना अबतक शुरू नहीं हो सका है। पुरानी पाइप लाइन जलापूर्ति योजना लापरवाही का शिकार बन गया जिसके कारण आम लोगों को नल से जल प्राप्त करने का सपना पूरा नहीं हो सका। जल जीवन मिशन से पथरा और आसपास के गांव के लिए बहुग्राम जलापूर्ति योजना शुरू की गई है। परंतु अबतक यह पूरा नहीं हो सका है। इसके कारण आम लोगों को काफी निराशा है। इस योजना के तहत कोयल नदी में इनटेक वेल बनाकर वाटर ट्रीटमेंट सेंटर में पानी ले जाना है। पानी को स्वच्छ करने के बाद उसकी आपूर्ति किया जाना है। टैंकर से पानी मंगाने की बाध्यता चैनपुर प्रखंड में पानी की बहुत किल्लत है। पेयजल के लिए लोगों को गर्मी के दिनों में टैंकर पर निर्भरता बढ़ जाती है। गर्मी बढ़ने के साथ इस वर्ष भी जलसंकट शुरू हो गया है। सलतुआ आदि क्षेत्र में भी जलसंकट गहरा गया है। नल जल मिशन की योजना कारगर साबित नहीं हो रही है। सोलर पैनेल आदि टूट जाने के कारण अधिकांश जलमीनार खराब है। इसके कारण लोगों की परेशानी बढ़ी हुई है। गरीबों के गांव व टोले पर परेशानी ज्यादा है। शिकायत के बाद भी चापानल, जलमीनार की मरम्मत नहीं कराई जा रही है। नौकरीपेशा वाले को भी पानी की व्यवस्था में हो रही परेशानी पानी की किल्लत से नौकरीपेशा वाले लोग की दिनचर्या गड़बड़ा जाती है। उन्हें सुबह पूरे दिन के लिए पानी का इंतजाम करना पड़ता है। इसके कारण उन्हें अक्सर अपने कार्य स्थल पर जाने में देरी का सामना करना पड़ता हैं। पानी की कमी से दिन की गतिविधियां भी अनियमित हो जाती है। कार्य का व्यवस्थित क्रम नहीं रह पाता है। पथरा निवासी सह सेवानिवृत प्रधानाध्यापक व्यास राम ने बताया कि वे लगातार पहल कर खराब पड़े चापाकलों को बनवा रहे हैं ताकि आम लोगों की समस्याएं कम से कम हो। परंतु इस दिशा में व्यापक स्तर पर पहल की जरूरत है। 0अधिकारी कोट उपायुक्त पलामू के निर्देश के आलोक में प्रखंड कार्यालय में सभी कर्मियों के साथ बैठक आयोजित किया गया है। बैठक में निर्देश दिया गया कि प्रखंड में खराब पड़े चापाकल की स्थिति की जांच कर अविलंब उसे दुरुस्त किया जाए। साथ ही पेयजल की कमी वाले क्षेत्रों को चिन्हित करके स्थिति में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।...प्रदीप दास, प्रखंड विकास पदाधिकारी गर्मी शुरू होते ही पेयजल की समस्या उत्पन्न हो गई है। क्षेत्र के अधिकांश चापानल खराब है संबंधित विभाग में सुचना देने पर बनाया जाता है पर कुछ दिन के बाद खराब हो जाता है। उन्होंने बताया कि नल जल योजना के तहत पंचायत में लगभग 30 जलमिनार लगाए गए थे काफी पुराना होने के कारण 5-6 जलमिनार में लगायें गये मोटर खराब हो गया है जिसे बनाने के लिए भेजा गया है।...दीनानाथ मांझी, मुखिया, बंदुआ पंचायत गर्मी शुरू होते ही क्षेत्र के नदी नाला सूख गए हैं। इससे पेयजल समस्या उत्पन्न हो गई है। महुगांवा पंचायत में सरकार की ओर से लगभग 80 चापाकल लगायें गये हैं। काफी पुराना होने के कारण कुछ चापाकल के पाइप खराब हो गए हैं जिसे बदलने के लिए संबंधित विभाग में कहा जाता है, परंतु उसे नहीं बदला जा रहा है। पंचायत में 30 जलमीनार लगाए गए हैं जिसमें लगभग 15 खराब हैं।...धनवंती देवी, मुखिया, महुगांवा पंचायत पंचायत में पेयजल समस्या उत्पन्न हो गई है। सबसे अधिक परेशानी जानवर को पानी पिलाने में होती है। पंचायत में लगभग 20 जलमिनार लगाए गए हैं, जिसमें चार पांच ही ठीक होंगे। शेष खराब है। पानी के लिए आम लोग काफी परेशान हैं।...उदेश्वर चौधरी, उप-मुखिया, बरांव पंचायत पंचायत में गर्मी शुरू होते ही पेयजल समस्या उत्पन्न हो गई है। नल जल योजना की तहत सभी घर में नल की सुविधा नहीं दी गई है। ड्राइजोन होने के कारण यहां के लोगों को भारी परेशान की सामना करना पड़ता है।...शशि कुमार, समाजसेवी, नरसिंहपुर पथरा

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