बोले रामगढ़ : दुलमी की आबादी 75 हजार,पर न थाना ना ही ओपी
दुलमी प्रखंड में थाना स्थापित करने का प्रस्ताव पिछले 13 वर्षों से ठंडे बस्ते में है। राज्य पुलिस मुख्यालय ने रजरप्पा में ओपी खोला, लेकिन दुलमी में अभी तक थाना नहीं खुला है। इससे 75,000 जनसंख्या को 20...
दुलमी। प्रखंड में थाना बनाने का प्रस्ताव पास होने के बाद भी पिछले 13 वर्षों से ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। जबकि राज्य पुलिस मुख्यालय ने दुलमी और रजरप्पा मंदिर में ओपी खोलने का प्रस्ताव एक साथ भेजा गया था। प्रस्ताव मिलने के साथ ही रजरप्पा मंदिर में ओपी खोलकर पुलिस बल बहाल कर दिया गया। लेकिन इतना लंबा समय बीत जाने के बाद भी दुलमी प्रखंड में थाना नहीं खुला। दुलमी प्रखंड के लगभग 75 हजार आबादी को आज भी 20 किमी की दूरी तय कर रजरप्पा थाना जाना पड़ता है। हन्दिुस्तान के बोले रामगढ़ कार्यक्रम में खुलकर अपनी परेशानियां साझा की। रामगढ़ प्रखंड से कट कर 2009 में दुलमी प्रखंड बनने के साथ ही क्षेत्र में थाना बनाने का प्रस्ताव राज्य पुलिस मुख्यालय से रामगढ़ निवर्तमान एसपी को भेजा गया था और पिछले पांच वर्षों के दौरान आपराधिक गतिविधियों की जानकारी उपलब्ध कराने का नर्दिेश दिया गया था। इसके बाद एसपी ने रजरप्पा थाना प्रभारी को प्रस्ताव भेजकर प्रखंड की आबादी, क्षेत्रफल और भौगोलिक स्थिति की जानकारी मांगी थी। वहीं दुलमी अंचल अधिकारी को थाना भवन नर्मिाण के लिए स्थल व जमीन चिंहित करने को कहा गया था।
सभी रिपोर्ट समय के साथ देने के बाद भी पिछले 13 वर्ष से दुलमी में थाना बनने का सपना ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। क्षेत्र के बुद्धजीवियों का कहना है कि रजरप्पा मंदिर और दुलमी में पुलिस स्टेशन खोलने का प्रस्ताव एक पत्र में राज्य पुलिस मुख्यालय से आया था। तो ऐसा क्या हुआ कि रजरप्पा मंदिर में प्रस्ताव आने के साथ ही पुलिस स्टेशन बन गया और दुलमी प्रखंड में नहीं बना। जबकि पुलिस-प्रशासन और अधिकारियों का कहना है कि दुलमी प्रखंड थाना बनने कि सभी आहर्ताएं पूरी करता है। दुलमी प्रखंड के दक्षिण सीमा पर तीन थानों का सीमांकन है, जिसमें सिकिदिरी, गोला और रजरप्पा और इसी घाटी से होकर भारत माला सड़क का नर्मिाण हो रहा है और एक पहले से बना टू लेन सड़क है, जो हर समय व्यस्त रहता है और अक्सर छोटी बड़ी घटनाएं होते रहता है। इसलिए दुलमी क्षेत्र में थाना खुलना अतिआवश्यक हो गया है। वर्तमान विधायक ममता देवी विधानसभा सत्र में दुलमी प्रखंड में थाना नर्मिाण को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि दुलमी प्रखंड के नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है, थाना न होने की वजह से लोगों को कई समज़याओं का सामना करना पड़ता है। सरकार को जल्द-जल्द इस दिशा में ठोस कदम उठाना चाहिए। थाना बनने से लोगों को कई तरह के फायदे होते हैं, जैसे कि अपराध नियंत्रण, शांति व्यवस्था बनाए रखना और लोगों को सुरक्षा का एहसास होना। थाना पुलिस व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हस्सिा है, जो कानून व्यवस्था बनाये रखने में मदद करता है। थाना होने से लोगों को सुरक्षा का एहसास होता है और वे अपराधियों से डरने के बजाय सुरक्षित महसूस करते हैं।
नजदीक में थाना रहने से लोग अपनी शिकायतें और अपराधों की सूचना थाने में दर्ज करा सकते हैं। थाना आपातकालीन स्थिति में लोगों को तुरंत मदद प्रदान कर सकता है। अपराधी द्वारा किये जाने वाले अपराधों की खोजबीन करने और जो अपराधी है,उनका अपराध साबित करने के लिए साक्ष्य जुटाना ही पुलिस का मुख्य कार्य है। अपराधी घोषित होने के बाद पुलिस संबंधित व्यक्ति को अदालत को सौंपती है। प्रखंड में थाना होना इसलिए जरूरी है, क्योंकि यह कानून व्यवस्था बनाये रखने, अपराधों को नियंत्रण करने और ग्रामीणों की सुरक्षा सुनश्चिति करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गावों के विवादों, दुर्घटना, चोरी आदि से संबंधित समस्याओं को निपटाने व वहां शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस थानों की व्यवस्था की जाती है। हर पुलिस थाने का एक कार्य क्षेत्र होता है जो उसके नियंत्रण में रहता है। उसी कार्य क्षेत्र के लोग उसी थाने में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। हमारी स्वाधीनता सुनश्चिति करने के लिए एक कुशल पुलिस व्यवस्था का होना बहुत जरूरी है।
मानक पूरा करने के बाद भी थाना नहीं बना
थाना खोलने की मानक को माने तो ग्रामीण क्षेत्र में थाना बनाने के लिए आबादी 50 हजार और शहरी क्षेत्र में 75 हजार तय है और दुलमी प्रखंड आज से 15 वर्ष पहले ही ये मानक पूरा कर चुका है। जानकारों का कहना है कि दुलमी में थाना बनने से रजरप्पा थाना क्षेत्र के कुछ सफेदपोश नेताओं का दबदबा खत्म हो जाएगा। इसलिए वैसे नेता दुलमी प्रखंड क्षेत्र में थाना बनने नहीं देना चाहते हैं। दुलमी प्रखंड क्षेत्र में अपराधी कई बड़े आपराधिक घटना को अंजाम दे चुके हैं। कुल्ही चितरपुर टू लेन सड़क नर्मिाण कंपनी क्लासिक इंजिकोम के खड़े दर्जनों गाड़ियों में आग लगाना जैसी घटनाएं हो चुकी हैं।
, इनलैंड पावर लिमिटेड प्लांट में सैकड़ों राउंड गोली चलाना, चिमनी भट्ठा के संचालकों के साथ मारपीट, रंगदारी आदि छोटे बड़े दर्जनों घटनाओं को बेखोफ अंजाम दे चुके हैं। क्योंकि प्रखंड क्षेत्र के अपराधी कस्मि के लोगों को यह पता है कि दुलमी प्रखंड क्षेत्र में रजरप्पा पुलिस को आने में समय लगता है। पुलिस स्टेशन ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षा व आश्वासन की भावना प्रदान करते हैं। वे आपातकालीन कॉल का जवाब देने और संकट के समय सहायता प्रदान करने के लिए भी जम्मिेदार है। वे मामलों की जांच भी करते हैं, गिरफ्तारियां करते हैं और अपराध से पीड़ितों को सहायता प्रदान करते हैं। थाना ग्रामीण क्षेत्र को प्रशासन से जोड़ता है, जिससे ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं और सेवाओं तक पहुंच प्राप्त होती है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षा और आश्वासन की भावना प्रदान करता है।
ग्रामीण क्षेत्र में पुलिस की पहुंच बहुत कम
दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस की पहुंच बहुत कम हो पाती है, इसलिए पुलिस और ग्रामीणों में ठीक से सामंजस्य स्थापित नहीं हो पाता है। इसलिए अब भी ग्रामीण क्षेत्र के लोग पुलिस के सामने जाने से हिचकिचाते हैं और खुलकर अपना दुखड़ा सुना नहीं पाते हैं और नशे के दुष्परिणामों और साइबर ठगों के चक्कर में फंस जाते हैं। प्रखंड क्षेत्र में थाना होने से पुलिस समय समय पर नशे के दुष्परिणाम, साइबर क्राइम से बचाव, यातायात नियमों की जानकारी, नये कानूनों की जानकारी देते रहती और लोगों को जागरूक करते रहती।
रजरप्पा थाना दूरी में होने के कारण कई ऐसे मामले में लोग थाना नहीं जा पाते हैं और उनको सही इंसाफ नहीं मिल पाता है। वहीं दुलमी के ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी डायन, बिसाही, ओझा सोखा के चक्कर में फंस कर अपनी जान गंवा देते हैं। जबकि पास में थाना होने से पुलिस अभियान चलाकर लोगों को अंधवश्विास से दूर कराते हैं।
पुलिस-पब्लिक के बीच सामंजस्य जरूरी
दुलमी प्रखंड में पुलिस और पब्लिक के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिए, पुलिस को जनता के साथ सकारात्मक संवाद स्थापित होना चाहिए। उनकी समस्याओं को सुनना चाहिए और वश्विास का माहौल बनाना चाहिए और ये सब तब हो सकता है जब दुलमी में पुलिस स्टेशन स्थापित हो। क्षेत्र में थाना स्थापित होने से पुलिस को जनता के साथ नियमित रूप से संवाद का मौका मिलता रहेगा और उनकी समस्याओं को सुनने का मौका मिलेगा। उनकी चिंताएं दूर कर सकते हैं। पुलिस को जनता को अपराध रोकने और कानून व्ययस्था बनाये रखने में मदद मिलेगी।
थाना नजदीक हो तो पुलिस को जनता के साथ वश्विास का माहौल बनेगा। तब लोग उन्हें अपना सहयोगी समझेंगे।
पुलिस को जनता के साथ नियमित संवाद का मौका मिलेगा
दुलमी प्रखंड में पुलिस स्टेशन बनने से पुलिस को जनता के साथ नियमित रूप से संवाद का मौका मिलेगा। उनकी समस्याओं को सुनने व चिंताओं को दूर करने का अवसर मिलेगा। वहीं पुलिस को जनता के साथ सामुदायिक कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को पुलिस के बारे में बेहतर जानकारी मिल सके, तब उनके बीच वश्विास बढ़ेगा। ग्रामीण क्षेत्र में पुलिस स्टेशन होने से आमजन में वश्विास और अपराधियों में भय व्याप्त होगा। पुलिस जनता की जान माल की रक्षा करती है और उन्हें अपराधों से बचाती है। पुलिस को सार्वजनिक सेवा के रूप में जो आपातकाल, यातायात नियंत्रण और प्राकृतिक आपदाओं में मदद करती है। प्रखंड क्षेत्र में थाना हो तो पुलिस और समाज के बीच सहयोग अपराधों को रोकने और समाज में शांति स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
ओपी खुला तो दूर होगा भय
क्षेत्र में पुलिस स्टेशन होने के कई फायदे हैं, अपराध दर में कमी, लोगों में सुरक्षा की भावना, आपातकालीन स्थिति में त्वरित प्रक्रिया और कानुन व्यवस्था बनाये रखने में मदद। पुलिस स्टेशन खुलने से लोगों में सुरक्षा का एहसास होता है और वे अपराधों से डरने की बजाय सुरक्षित महसूस करते हैं। पुलिस स्टेशन के डर से अपराध करने वाले लोग सहम जाते हैं। जिससे अपराध दर में कमी आएगी। पुलिस स्टेशन पास होने से आपातकालीन स्थिति में पुलिस तुरन्त प्रतक्रियिा दे सकती है। जिससे लोगों को समय रहते मदद मिल सकती है। पुलिस को अपराधों की जांच करने में सुविधा होगी, पुलिस स्टेशन क्षेत्र में पुलिस की उपस्थिति सुनश्चिति होगा। जिससे लोगों को लगता है कि वे सुरक्षित हैं।
इनकी भी सुनिए
दुलमी प्रखंड में थाना नर्मिाण को लेकर रामगढ़ वर्तमान विधायक ममता देवी ने विधानसभा सत्र में थाना नर्मिाण व पुलिस व्यवस्था को लेकर सरकार से जवाब मांगा है और दुलमी प्रखंड बने 15 साल हो चुका है, इसके बाद भी अबतक थाना क्यों नहीं बना, दुलमी में थाना बन जाने से क्षेत्र के गरीब किसानों को 20 किमी दूर रजरप्पा थाना का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा और आपराधिक घटनाओं का समाधान जल्द होगा।
-सुरेंद्र करमाली, पूर्व प्रमुख।
प्रखंड में थाना होना इसलिए जरूरी है, क्योंकि यहां कानून व्यवस्था बनाये रखने, अपराधों की जांच करने और नागरिकों की सुरक्षा सुनश्चिति करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गांव के विवादों, दुर्घटना, चोरी आदि से संबंधित समस्याओं को निपटाने व वहां शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस थानों की स्थापना होनी चाहिए। जो उसके नियंत्रण में रहता है और उस क्षेत्र के लोग उसी थाने में अपना रिपोर्ट लिखवाते हैं।
-सुधीर मंगलेश, प्रखंड 20 सूत्री अध्यक्ष
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पुलिस स्टेशन होने से लोगों को सुरक्षा का एहसास होता है और क्षेत्र के लोग अपराधों से डरने के बजाय सुरक्षित महसूस करते हैं। इसके साथ ही क्राइम में कमी आती है।
-शंकर वर्मा
दुलमी क्षेत्र में पुलिस स्टेशन बनना ही चाहिए, क्योंकि प्रखंड क्षेत्र में थाना होने से अपराध में कमी आएगी और अपराध करने वाले लोग हिचकिचाएंगे।
—प्यारी मुंडा
प्रखंड क्षेत्र में पुलिस स्टेशन होने से किसी भी मामले में आपातकालीन स्थिति में पुलिस तुरंत प्रतक्रियिा दे सकती है। यहां पुलिस की कमी से अपराध में इजाफा हुआ है
—रामा करमाली
प्रखंड क्षेत्र में पिछले 13 वर्षों से पुलिस स्टेशन दुलमी प्रखंड में बनाने का प्रस्ताव मिल चुका है, लेकिन पता नहीं किस कारण से नहीं बन पा रहा है, थाना होने से अपराध दर में कमी होगी।
—रमेश रजक
ग्रामीण क्षेत्र दुलमी प्रखंड में पुलिस स्टेशन होने से कानून व्यवस्था बनाये रखने में सहायता प्रदान करेगा और सभी समुदाय के साथ समन्वय स्थापित हो सकेगा। यहां थाना जरूरी है।
—परमेश्वर पटेल
दुलमी प्रखंड क्षेत्र में बहुत पहले पुलिस स्टेशन स्थापित हो जाना चाहिए, प्रखंड क्षेत्र थाना होना अनिवार्य है, इससे क्षेत्र के लोगों को बहुत राहत होगी, 20 किमी दूर रजरप्पा थाना नहीं जाना पड़ेगा।
— छोटेलाल महतो
कई वर्ष पहले गोला, सिकिदिरी और रजरप्पा थाना क्षेत्र के कुल्ही में थाना बनाने के लिए अंचल अधिकारी द्वारा जमीन चिंहित किया गया था, लेकिन थाना नहीं बन पाया।
-परमेश्वर महतो
क्षेत्र में पुलिस स्टेशन बनने से पुलिस बल की उपस्थिति सुनश्चिति होगी, जिससे आपराधिक गतिविधियों में कमी आएगी, लोगों को समय रहते सहायता मिल पायेगा।
—जितेंद महतो
अपराध दर में कमी,लोगों में सुरक्षा की भावना बढ़ने के साथ साथ आपातकालीन स्थिति में त्वरित प्रतक्रियिा होगी और कानून व्यवस्था बनाये रखने में मदद मिलेगी।
-बैजनाथ ओहदार, बोंगासौरी।
दुलमी प्रखंड क्षेत्र में जल्द पुलिस स्टेशन खुले, इसके लिए पुलिस प्रशासन को अपनी गति में तेजी लाने की जरूरत है, तब जाकर आपराधिक घटनाओं में कमी आएगी।
-राजेंद्र सिंह, व्यवसायी।
13 वर्ष पूर्व ही राज्य पुलिस मुख्यालय से दुलमी क्षेत्र में थाना बनाने का प्रस्ताव पास हो चुका है और थाना बनाने की प्रक्रिया भी स्थानीय अधिकारी पूरा कर रिपोर्ट भेज चुके है।
-रंजीत कुशवाहा, व्यवसायी।
पुलिस स्टेशन बनने के प्रस्ताव के बाद पांच वर्षों की आपराधिक गतिविधियों की जानकारी उपलब्ध कराने के साथ साथ प्रखंड क्षेत्र की आबादी, अधिकारियों ने पूरी रिपोर्ट दी।
-इंद्रदेव साव, जामसिंग।
समस्याएं
1. प्रखंड में पुलिस स्टेशन नहीं रहने से कई अपराधी पुलिस की पहुंच से बाहर।
2. थाना के अभाव में अपराधियों का बढ़ता है मनोबल। कई प्रकार की घटनाओं को देते हैं अंजाम
3. अपराधी कई बार बड़े घटना को अंजाम देते हैं। थाना नहीं होने से अपराधियों में डर नहीं
4. दुलमी के लोगों को रजरप्पा थाना शिकायत करने जाने आने में दिनों भर का समय लगता है।
5. थाना के अभाव में क्षेत्र में गुंडागर्दी और दलाली के मामले बढ़ गए हैं।
सुझाव
1. प्रखंड क्षेत्र में पुलिस थाना खुलने से आपराधिक घटना में अंकुश लगेगा।
2. कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए थाना होना जरूरी। ताकि अपराधियों में भय हो।
3. थाना होने से अपराधी किसी अपराधी घटना को अंजाम देने से घबराएंगे।
4. पुलिस प्रशासन के आवगमन से गांव और मोहल्ले में शांति व्यवस्था बनी रहेगी।
5. थाना होने से आपराधिक गतिविधियों में कमी आएगी। अपराधी लोग नहीं घूमेंगे।
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