बोले रामगढ़: रेफरल अस्पताल में न चिकित्सक हैं न ही संसाधन
रेफरल अस्पताल में न चिकित्सक हैं न ही संसाधन रामगढ़ जिला मुख्यालय से करीब 12

कुजू। रामगढ़ जिला मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित रांची -रामगढ़ एनएच 33 पर पुरानी सड़क से दो किलोमीटर अंदर स्थित टूटीझरना रेफरल अस्पताल वर्ष 1975 में अस्तित्व में आने के बाद से ग्रामीण इलाके के निवासियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं साबित हुआ। लेकिन आज यह रेफरल अस्पताल खुद कई अव्यवस्थाओं से जूझ रहा है। यहां ने तो पर्याप्त संसाधन हैं और ना ही विशेषज्ञ चिकित्सक। बोले रामगढ़ की टीम ने जब स्थानीय लोगों से बात की तो लोगों की पीड़ा खुलकर सामने आई। सभी ने अस्पताल में होनेवाली परेशानियों को साझा किया और कहा कि इस अस्पताल में व्यवस्था बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है।
कुजू। झारखंड अलग राज्य के 15 नवंबर 2000 में गठन के बाद से ही रामगढ़ को हजारीबाग से काटकर नया जिला सृजित करने की मांग ने जोर पकड़ा। इसके बाद काफी आंदोलन व चक्का जाम के बाद अंतत: जनभावना के सामने सरकार को नतमस्तक होना पड़ा। हजारीबाग जिला के दक्षिणी इलाके को काटकर राज्य के 24 वें जिला के रूप में 12 सितंबर 2007 को रामगढ़ अस्तित्व में आया। इसके बाद से ही यहां जनसुविधाओं को पूरा करने के लेकर कवायद शुरू की गई। इसी के तहत रामगढ़ जिले के एकमात्र रेफरल अस्पताल की अहमियत सामने आई।
तत्कालीन बिहार के कार्यकाल में ही टूटीझरना अस्पताल वर्ष 1975 में मुख्यमंत्री विदेंश्वरी दुबे के कर कमलों से शुभारंभ किया गया। किंतु यहां सामान्य रोगों के चिकित्सकों के अलावा मामूली दवाईयां ही रोगियों को मिल पाती थी। समय बितने के साथ ही यहां पदस्थपित होने वाले चिकित्सकों ने आसपास के इलाके के दर्जन भर गांवों से आने वाले ग्रामीण रोगियों को बेहतर चिकित्सा सेवा प्रदान करने की अपनी संकल्पबद्धता बनाए रखा। यही वजह है कि एक दर्जन से अधिक से अधिक चिकित्सा प्रभारियों ने अपने कार्यकाल के दौरान चिकित्सा सुविधा को लेकर गंभीरता दिखाते हुए हर बार नई इबारत लिखी। रेफरल अस्पताल सीमित संसाधनों व मैन पावर के साथ ही क्षेत्र के ग्रामीणों के हर दु:ख दर्द का सहभागी बनकर वर्षों से सेवारत है। बस अवश्यकता है एक अदद रहनुमा की जो इसकी सिरत को संवारकर अपने नाम को भी रौशन कर सके। रेफरल अस्पताल टूटीझरना क्षेत्र के विभिन्न पंचायतवासियों के लिए चिकित्सा का सर्वसुलभ साधन होने के वावजूद पर्याप्त और बेहतर सुविधा दे पाने में असमर्थ है। इसका प्रमुख कारण यहां साधन और कर्मियों की कमी है। वहीं चिकित्सकों के चौबीसों घंटे तैनातगी को लेकर भी आवासीय परिसर का न होना एक बड़ी समस्य बनकर सामने आई है। रेफरल अस्पताल जैसे प्रमुख चिकित्सा केंद्र होने के वाजूद यहां डयूटी करने वाले चिकित्सकों को रामगढ़, रांची, रांचीरोड, हजारीबाग व अन्य स्थानों से अपनी व्यवस्था के बूते ड्यूटी पर जाना पड़ता है।
ऐसे में देर शाम से लेकर पूरी रात आकस्मिक चिकित्सा सेवा की जरूरत आने पर ग्रामीणों और आसपास के वाशिंदों को निजी सुविधा के भरोसे अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ती है। ऐसे में अस्पताल की उपलब्धता के बाद में लोगों की चिकित्सा सुविधा देर शाम से सुबह नौ बजे तक राम भरोसे ही रहती है। इस दौरान किसी भी प्रकार के अनहोनी होने की स्थिति में खुद ही परेशानी झेलना लोगों की मजबूरी है। यहां अस्पताल निर्माण के बाद से ही चिकित्सकों के चौबीसों घंटे तैनात रहने के लिए आवासीय परिसर निर्माण को लेकर समाजसेवी सह प्रमुख उद्योगपति स्वर्गीय युधिष्ठरलाल अग्रवाला के पुत्र शिवकुमार अग्रवाला ने साढ़े तीन एकड़ अधिक जमीन दान स्वरूप दिया था। जिसे कुछ लोगों ने फर्जी कागजात के बल खरीद बिक्री कर ग्रामीणों को मिलने वाली चौबीसों घंटे चिकित्सा सुविधा पर तुषारापात कर दिया। यहां कुछ लोगों के चलते सरकारी योजना ने पूरी तरह घुटने टेक दिया।
दान की जमीन पर बना है अस्पताल
रेफरल अस्पताल टूटीझरना का इतिहास काफी पुराना और ऐतिहासिक रहा है। यहां के तत्कालीन प्रमुख उद्योगपतियों में शुमार स्वर्गीय युधिष्ठारलाल अग्रवाला ने अपने औद्योगिक इकाई से लाभ कमाने के साथ-साथ क्षेत्र के निवासियों के सुख सुविधा का भी ख्याल रखा करते थें। इसी से प्रेरित होकर उनके पुत्र शिवकुमार अग्रवाला ने अपने पुरखों के कीर्ति को अमर रखने के लिए यहां अस्पताल बनवाने का प्रस्ताव रखते हुए पहले अस्पताल परिसर व बाद में चिकित्सकों के आवास हेतू जमीन दान स्वरूप दे दिया।
रेफरल अस्पताल की स्थिति जर्जर
रेफरल अस्पताल टूटीझरना वर्तमान समय में जर्जर हो चुके भवन में चल रहा है। यह अस्पताल के खुद ही बीमार लाचार होने को इंगित करता है। वैसे यहां के वर्तमान चिकित्सा प्रभारी डॉ जफर और डॉ एके रंजन समेत अन्य चिकित्सक ने अपने लगन से इसे संवारने का भरसक प्रयास किया है। इससे क्षेत्र के ग्रामीणों में भी अपने रोगों के नि:शुल्क व बेहतर रूप से इलाज की आस जगी है। वहीं स्थानीय और आसपास के इलाके में निवास करने वाले लोगों में इस ऐतिहासिक अस्पताल के भविष्य पर मंडराते काले बादल के छटने का भाव उत्पन्न हुआ है।
मूलभूत सुविधाओं की है भारी कमी
रेफरल अस्पताल परिसर में निकट के गांवों के अलावा सुदूर ग्रामीण क्षेत्र से इलाज को पहुंचने वाले ग्रामीणों के लिए यहां पहुंचना एक जटिल समस्या बनकर खड़ी है। यहां आने जाने के लिए खुद के वाहन पर निर्भर करना पड़ता है। ऐसे में जिन ग्रामीणों के पास वाहन सुविधा नहीं है। उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ती है। इसका मुख्य कारण अस्पताल के मुख्य सड़क से दूर होना है। वहीं खस्ताहाल सड़क के अलावा रास्ते में प्रकाश की व्यवस्था पर्याप्त न होना भी है। जबकि अस्पताल परिसर में पेयजल की समस्या भी है। हालांकि इसे वर्तमान चिकित्सा प्रभारी के सार्थक प्रयास से दूर कर लिया गया है। अस्पताल में चिकित्सकों समेत कर्मियों की स्वीकृत संख्या के अनुरूप तैनातगी भी आवश्यक है। ऐसे में अस्पताल में व्याप्त समस्याओं को दूर कर ही बीमार अस्पताल को दुरूस्त किया जा सकेगा।
बेहतर करने का हो रहा है प्रयास
सरकार ने यहां 60 बेड का अत्याधुनिक सुविधा युक्त अस्पताल परिसर ग्रामीणों व आम नागरिकों के लिए उपलब्ध कराया है। वहीं यहां बीपीएचयू बनाने की योजना को भी कार्यरूप दिया जा रहा है। वहीं कुछ लोगों के कुकृत्यों के कारण रेफरल अस्पताल के जमीन के अहाते के एक ओर की जमीन में भी अवैध रूप से कब्जा जमा लिया गया। मामले में रामगढ़ जिला प्रशासन की उदासीनता के कारण क्षेत्र में सक्रिय दबंगों की करतूत से रेफरल अस्पताल अब तक चोटिल है। रेफरल अस्पताल के कायाकल्प को लेकर तत्कालीन चिकित्सा प्रभारी डॉ अमरेश कुमार ने काफी प्रयास कर इसे ट्रैक पर लाने का प्रयास किया। ताकि आर्थिक रूप से लाचार ग्रामीणों को घर आंगन के पास ही बेहतर चिकित्सा सेवा मिल सके। आने वाले दिनों में इसकी झलक देखने को मिलेगी।
इसकी उम्मीद है।
रेफरल अस्पताल में बेहतर से बेहतर सेवा ग्रामीणों को उपलब्ध कराई जाए। इससे क्षेत्र के ग्रामीणों को दूर दराज जाने की जरूरत न पड़े। वहीं बेवजह के समय की भी बर्बादी न हो सके। -गोविंद महतो
समय के अनुसार जटिल रोगों में भी बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में विशेषज्ञ चिकित्सकों की आवश्यकता प्राय: सभी अस्पतालों में भी है। सरकार की समुचित व्यवस्था ग्रामीणों के लिए शीघ्र करे। -संतोष पटेल
चिकित्सा सेवा की बेहतरी किसी भी क्षेत्र के लोगों को राहत पहुंचाने वाली है। राज्य सरकार को इसके लिए गंभीर होना होगा। बेहतर इलाज अस्पताल में मिल सके यह सुनिश्चित करना होगा। -योगेंद्र कुमार
स्वास्थ्य सुविधा की बेहतरी के लिए राज्य के स्वास्थ्य विभाग को सजग और गंभीर होना होगा। रेफरल अस्पताल टूटीझरना क्षेत्र के लोगों के लिए जीवनदायिनी से कम नहीं है।
-चमन खंडेलवाल
अस्पताल की अतिक्रमित जमीन को खाली कराकर चिकित्सकों के आवासी परिसर का भी निर्माण किया जाना चाहिए। इसमें रामगढ़ जिला प्रशासन को भी गंभीरता दिखाना होगा। -सुरजकांत
टूटीझरना रेफरल अस्पताल में सभी प्रकार के इलाज के साथ ही ऑपरेशन की भी सुविधा बहाल की जानी चाहिए। इससे ग्रामीणों को इलाज व सीजिरियन प्रसव पर होने वाले खर्च से राहत मिलेगी। -रामअवतार खंडेलवाल
रेफरल अस्पताल में सभी रोगों के दवाईयों की प्रचुरता सुनिश्चित की जाय। साथ ही सभी रोगों के जांच, एक्सरे, लैब जांच के अलावा ऑपरेशन की भी व्यवस्था बहाल हो। इससे लोगों को राहत मिलेगी। -संदीप पटवारी
विभिन्न प्रकार के रैबीज के टीका, ओपीडी में चौबीसों घंटे एक डाक्टर की तैनाती की व्यवस्था बहाल की जाय।साथ ही ग्रामीणों के लिए ब्लड बैंक की सुविधा भी बहाल की जाय।
-संजय पटवारी
रेफरल अस्पताल के कर्मियों की सुख सुविधा का पूरा ख्याल रखा जाना चाहिए। इससे अस्पताल के कर्मी अपनी समस्या से छुटकारा पाकर चिकित्सा सेवा बेहतर दे पाने में सक्षम होंगे। -मनोज सिंह
रेफरल अस्पताल का उपयोग केवल मरीजों को सदर अस्पताल भेजने की नहीं बल्कि यहीं इलाज की समुचित सेवा प्रदान करने की होनी चाहिए। इसे अपग्रेड करने की जरूरत है।
-विशेश्वर प्रजापति
रेफरल अस्पताल टूटीझरना एक धरोहर है। घर के पास ही बेहतर इलाज की सुविधा मिले यह सभी लोगों की चाहत है। जनप्रतिनि अपने दायित्वों का पालन कर नागरिकों को सुविधा मुहैया कराएं। -सुरेश प्रजापति
रेफलरल अस्पताल टूटीझरना के कब्जाए जमीन को खाली कराकर डाक्टरों के लिए कॉलोनी बनया जाय।इससे अस्पताल में चौबीसों घंटे इलाज के लिए डाक्टर तैनात रह पाएंगे। -रेश्मी देवी
बेहतर चिकित्सा सेवा बहाली का प्रयास शीघ्र ही रंग लाएगा। यहां सभी रोगों के दवाईयों के अलावा रैबीज व सनैक के टीके पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। आने वाले कुछेक महीने में टूटीझरना रेफरल अस्पताल क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सेवा प्रदान करने वाला प्रमुख केंद्र होगा। वहीं यहां परिसर में शीघ्र ही एक्सरे, ऑपरेशन समेत अन्य प्रकार के जांच की सुविधा बहाल होगी।
-डॉ जफर,चिकित्सा प्रभारी, टूटीझरना रेफरल अस्पताल
चिकित्सा सुविधा प्रदान करने में यहां के रेफरल अस्पताल की प्रमुख भूमिका है। इसे और बेहतर बनाया जाना चाहिए। साथ ही सुविधाओं में भी बढ़ोतरी की जानी चाहिए। यहां स्वास्थ्य कर्मियों के दुःख दर्द को भी समझना होगा। वहीं यहां चौबीसों घंटे डॉक्टर की ड्यूटी सुनिश्चित करने के लिए उनके आवासीय कॉलोनी बनाना आवश्यक है। इसके लिए अस्पताल के अतिक्रमित जमीन को खाली कराने में आम ग्रामीणों को भी आगे आना होगा।
-दिनेश्वर प्रसाद साहू,राजनीतिज्ञ सह समाजसेवी
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