राज्य को दी गई 25 वर्ष की आय का वर्षवार ब्योरा दे वित्त आयोग : भाजपा
राज्य भाजपा उपाध्यक्ष राकेश प्रसाद व विधि प्रकोष्ठ के संयोजक सुधीर श्रीवास्वत ने भेजा पत्र, केंद्र सरकार से मिलने वाली करीब 1500 करोड़ की राशि से झारख

रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। प्रदेश भाजपा ने 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों के झारखंड दौरे का स्वागत करते हुए 22 सुझाव दिए हैं। साथ ही मांग की है कि झारखंड बनने के बाद (15 नवंबर 2000) राज्य के करों की शुद्ध आय अर्थात राज्य को पिछले 25 वर्षों से उसके हिस्से की कितनी आय (वर्षवार) केन्द्र सरकार द्वारा दी गई, इसका ब्योरा जारी करना चाहिए। वित्त आयोग को राज्य भाजपा उपाध्यक्ष राकेश प्रसाद व विधि प्रकोष्ठ के संयोजक सुधीर श्रीवास्वत के द्वारा पत्र भेजा गया है। पत्र में बताया गया है कि पिछले 2 वर्षों से राज्य में पंचायत एवं नगरपालिका का चुनाव लंबित है।
दो वित्तीय वर्ष में स्थानीय चुनाव नहीं होने के कारण केंद्र सरकार से मिलने वाली करीब 1500 करोड़ की राशि से झारखंड वंचित रह गया है। नगर निकाय के चुनाव नहीं होने से राज्य के 49 नगर निकाय क्षेत्र का विकास प्रभावित होता है। बताया गया है कि झारखंड में शहरी विकास का काम चुने हुए जनप्रतिनिधियों के बजाय नौकरशाह के हवाले कर दिया गया है, ताकि मनमानी कर घोटालों को अंजाम दिया जा सके। आयोग को पत्र के जरिए जानकारी दी गई है कि झारखंड में प्रति वर्ष लगभग साढ़े तीन लाख व्रजपात की घटनाएं होती हैं, जिसमें औसतन 350 लोगों की मृत्यु होती है। राज्य सरकार के द्वारा पिछले 6 वर्षों में कितनी राशि वज्रपात में मरने वालों के आश्रितों को दी गई, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। वर्तमान में वज्रपात से जिनकी मृत्यु हो रही है, उनके आश्रितों को मुआवजा के तौर पर 4 लाख रुपये दिए जा रहे हैं। भाजपा की मांग है कि इस राशि को बढ़ाकर 5 लाख किया जाए। भाजपा ने बताया है कि फॉल, नदी आदि में डूबकर व हाथियों के उत्पात से भी ग्रामीणों को भारी जान-माल की क्षति होती है, उन्हें भी मुआवजा दिया जाए। वन नेशन वन इलेक्शन की तरह वन नेशन व वन ड्रेस हो भाजपा ने मांग की है कि जिस तरह वन नेशन-वन इलेक्शन की जरूरत भारत के हर नागरिक के लिए उचित है, उसी तरह वन नेशन-वन ड्रेस (स्कूल/कॉलेज) की अब आवश्यकता हो गयी है। वित्त आयोग द्वारा शिक्षा पर क्या हिस्सेदारी राज्य को दी गई है और बदले में राज्यों में स्थित स्कूल की क्या स्थिति है, यह भी आम जनता के समक्ष आना चाहिए। मतदाता सूची को आधार कार्ड से जोड़ना अनिवार्य हो भाजपा ने आयोग को लिखा है कि हमारी पार्टी का कहना है कि वन नेशन-वन इलेक्शन अब देश की जरूरत हो गयी है। इससे न सिर्फ देश की एक बड़ी राशि की बचत होगी, बल्कि सालों भर पूरे देश में कहीं न कहीं अचार संहिता के कारण विकास बाधित भी नहीं होगा। 16वें वित्त आयोग को चुनाव से पूर्व मतदाता सूची को आधार कार्ड से जोड़ने हेतु अनिवार्य करने पर विशेष ध्यान देने का सुझाव भी दिया गया है। जैसे विद्यार्थी जब स्कूल/कॉलेजों में अपने नामांकन या नौकरियों के फॉर्म भरते समय उनका आधार कार्ड जो मतदाता सूची से जुड़ा हो, उसका विवरण देता है।
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