फरीदाबाद:प्रदूषण फैलाने वालों की खैर नहीं,कैमरे की नजर में आते ही कट जाएगा चालान
इसके अलावा शहर में पांच सौ से अधिक सरकारी गैर-सरकारी कार्यालय हैं। वहां भी एक लाख से अधिक लोग कार्यरत हैं। अधिकांश अपने वाहनों से गंतव्य की ओर आवागमन करते हैं। ऐसे में देखा जाता है कि अधिकांश वाहन सड़क पर धुंआ छोड़ता दौड़ता है। इसके अलावा कई ऐसे होते हैं, जिनके पास प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं होता।

स्मार्ट सिटी में प्रदूषण छोड़ने वाले वाहनों की निगरानी अब सीसीटीवी कैमरे से भी की जाएगी। कैमरे में कैद यातायात नियमों को तोड़न वाले वाहनों के कागजात की जांच में अगर प्रदूषण और बीमा सर्टिफिकेट नहीं पाए गए तो उसका चालान किया जाएगा। स्मार्ट सिटी को औद्योगिक नगरी के रूप में भी जाना जाता है। शहर स्थित करीब 25 हजार छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयों में आठ लाख से अधिक कामगार कार्यरत हैं।
इसके अलावा शहर में पांच सौ से अधिक सरकारी गैर-सरकारी कार्यालय हैं। वहां भी एक लाख से अधिक लोग कार्यरत हैं। इनमें से अधिकांश अपने वाहनों से गंतव्य की ओर आवागमन करते हैं। ऐसे में देखा जाता है कि अधिकांश वाहन सड़क पर धुंआ छोड़ता दौड़ता है। इसके अलावा कई ऐसे होते हैं, जिनके पास प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं होता। बावजूद वह पुलिस की नजर से बच निकलने में कामयाब होते हैं। इससे शहर के वातावरण पर प्रभाव पड़ता रहा है। आलम यह रहता है कि शहर में रोजाना वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआआई) समान्य से दोगुना अधिक यानी 150 से अधिक रहता है। जानकारों की मानें तो शहर में प्रदूषण बढ़ रहे प्रदूषण का एक कारण वाहनों से निकलने वाला धुंआ भी है। अधिकारियों का दावा है कि इससे प्रदूषण की रोकथाम में मदद मिलेगी।
सूत्रों की मानें तो प्रदूषण छोड़ने वाले वाहनों की पहचान और कार्रवाई के लिए परिवहन विभाग के साथ यातायात पुलिस स्मार्ट डिजिटल एनफोर्समेंट सिस्टम शुरू करने की तैयारी कर रही है। इसमें शहर में जगह-जगह लगे सीसीटीवी कैमरे को अपग्रेड किया जाएगा। उसमें एआई सिस्टम को लगाया जाएगा। ऐसे में बिना प्रदूषण और बीमा सर्टिफिकेट के वाहनों की पहचान आसानी से अपग्रेडेड सीसीटीवी कैमरा कर लेगी।
जानकारी के अनुसार स्मार्ट सिटी में मौजूदा समय में करीब 1200 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इन सीसीटीवी कैमरों को कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जोड़ा गया है। सेंटर में कार्यरत कर्मचारी 24 घंटे शहर की सड़कों पर वाहनों की निगरानी करते हैं। ऐसे में यातायात नियमों को तोड़ने वाले वाहनों का सीसीटीवी कैमरे की मदद से फुटेज निकाली जाती है। फिर उसका चालान किया जा रहा है। पुलिस प्रवक्ता यशपाल ने बताया कि अगर कोई बिना हेममेट बाइक चलाता हुआ कैमरे में कैद हुआ तो रीयल-टाइम में वाहन की रजिस्ट्रेशन डिटेल्स के जरिए पीयूसी डिजिटली जांच की जाएगी। प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं होने पर चालान घर भेजा जाएगा।