Challenges for Jharkhand Board Students Seeking Admissions in Private Schools जैक के छात्रों का निजी स्कूलों में दाखिला चुनौती, गिनी-चुनी सीटें ही उपलब्ध, Ranchi Hindi News - Hindustan
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जैक के छात्रों का निजी स्कूलों में दाखिला चुनौती, गिनी-चुनी सीटें ही उपलब्ध

झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) के 10वीं बोर्ड के छात्रों के लिए 11वीं में निजी स्कूलों में दाखिला लेना चुनौतीपूर्ण हो गया है। अधिकांश स्कूलों में सीटें भरी हुई हैं, और जहां कुछ सीटें हैं, वहां भी...

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीFri, 23 May 2025 08:15 PM
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जैक के छात्रों का निजी स्कूलों में दाखिला चुनौती, गिनी-चुनी सीटें ही उपलब्ध

रांची, वरीय संवाददाता। झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) बोर्ड के 10वीं बोर्ड के वे छात्र, जो 11वीं में शहर के निजी स्कूलों में दाखिला लेने चाहते हैं, उनके लिए काफी चुनौतीपूर्ण स्थिति है। अधिकांश स्कूलों में उनके लिए सीटें नहीं हैं। जहां बची भी हैं, वहां गिनी-चुनी सीटों पर उन्हें नामांकन मिल सकता है। कारण जैक बोर्ड का परीक्षाफल आने में देरी होना है। शहर के लगभग सभी बड़े स्कूलों में 11वीं में नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। कुछ स्कूल 5 से 7 प्रतिशत सीटें रखते हैं, जिनमें जैक बोर्ड के टॉप स्कोरर को मौका मिल सके। इसके लिए स्कूलों द्वारा तय कटऑफ होने के बाद भी पहले आओ और पहले पाओ की स्थिति रहती है।

जेवीएम श्यामली के प्राचार्य समरजीत जाना कहते हैं कि हमारा एक तय फॉर्मेट है, जिसके आधार पर नामांकन प्रक्रिया होती है। जैक बोर्ड के बच्चों के लिए कुछ सीटें रखते हैं, ताकि स्टेट के बेहतर छात्रों को अवसर से वंचित न होना पड़े। उन्होंने बताया कि 10 से 15 प्रतिशत सीटों पर प्रोविजिनल एडमिशन होता है। इसके बाद आईसीएसई, सीबीएसई और इटर्नल छात्रों का दाखिला होता। इसी के आधार पर सीटें फुल हो जाती हैं, लेकिन प्रति सेक्शन एक या दो सीट जैक बोर्ड के छात्रों के लिए रखते हैं। सीटों की तुलना में आते हैं अधिक आवेदन कैरलि स्कूल धुर्वा के प्राचार्य राजेश पिल्लई ने बताया कि 12वीं में उनके स्कूल में 440 सीटें हैं। इनमें प्रोविजिनल एडमिशन के माध्यम से बाहरी छात्रों के बाद आईसीएसई, सीबीएसई और इटर्नल छात्रों का दाखिला होता है। सीटों की तुलना में पहले ही आवेदन अधिक होते हैं, ऐसे में जैक के छात्रों का नामांकन ले पाना चुनौती बन जाती है। जैक का परिणाम पहले आने से वे छात्र भी आवेदन करेंगे तो चयन सूची में नाम आ सकता है। परीक्षा से पहले शुरू होती है नामांकन प्रक्रिया निजी स्कूलों में बोर्ड परीक्षा से पहले से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इसके बाद आईसीएसई और सीबीएसई बोर्ड का परिणाम भी समय से जारी हो जाता है और नामांकन की रफ्तार बढ़ जाती है। डीएवी गांधीनगर के प्राचार्य पीके झा ने कहा कि निजी स्कूलों का शेड्यूल समय से शुरू होता है। हमारा कटऑफ अपेक्षाकृत सामान्य होता है, जिसके कारण आवेदन की संख्या अधिक होती है और सीटें जल्द फुल होती है। जैक का परिणाम समय से आ जाए तो बहुत से मेधावी छात्र कटऑफ के आधार पर निजी स्कूल के लिए पात्रता हासिल कर आवेदन कर सकते हैं।

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