झारखंड में बिना स्टाइपेंड काम कर रहे विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट डॉक्टर
झारखंड के सरकारी अस्पतालों में विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट डॉक्टर बिना स्टाइपेंड के 12 घंटे की ड्यूटी कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट और नेशनल मेडिकल कमीशन के निर्देशों के बावजूद, राज्य सरकार उनकी समस्याओं की...

रांची, संवाददाता। झारखंड के सरकारी अस्पतालों में सेवा दे रहे सैकड़ों विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट (एफएमजी) डॉक्टर बिना किसी स्टाइपेंड के 12-12 घंटे की ड्यूटी कर रहे हैं। जबकि, सुप्रीम कोर्ट और नेशनल मेडिकल कमीशन का स्पष्ट निर्देश है कि एफएमजी डॉक्टरों को भारतीय मेडिकल ग्रेजुएट्स के समान सुविधाएं और वेतन मिलना चाहिए। बावजूद इसके राज्य सरकार की उदासीनता और स्वास्थ्य मंत्रालय की लापरवाही के कारण ये डॉक्टर न सिर्फ आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, बल्कि मानसिक तनाव और निराशा के भी शिकार हो रहे हैं। हम बराबर या उससे ज्यादा काम करते हैं, पर वेतन नहीं : अध्यक्ष ऑल इंडिया मेडिकल स्टूडेंट्स एसोसिएशन-विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. असबाब अहसान अब्दी ने कहा, हम सात महीने से बिना स्टाइपेंड के काम कर रहे हैं।
हम रोज 12 घंटे की ड्यूटी करते हैं। खुद का किराया, खाना और ट्रांसपोर्ट का खर्च उठाते हैं। यह जरूरी इंटर्नशिप है, तो करना ही है। लेकिन, इस हाल में कैसे करेंगे। डॉ. अब्दी ने कहा कि बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और ओडिशा जैसे पड़ोसी राज्यों में विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट इंटर्न को स्टाइपेंड दिया जा रहा है। लेकिन, झारखंड सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रही है। एसोसिएशन ने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
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