दस्तारबंदी कार्यक्रम में बोले ओलेमा, मां के कदमों के नीचे है जन्नत
रांची के मदरसा फैजुल कुरआन में जलसा-ए-दस्तारबंदी का आयोजन हुआ। मौलाना मुफ्ती अनवर कासमी ने कुरआन के महत्व और आपसी भाईचारे की बात की। कार्यक्रम में हाफिजों को कुरआन हिफ्ज करने पर सम्मानित किया गया। इस...

रांची, वरीय संवाददाता। हिंदपीढ़ी नाला रोड स्थित मदरसा फैजुल कुरआन में जलसा-ए-दस्तारबंदी का आयोजन रविवार को किया गया। मौके पर इमारत-ए-शरिया के काजी मौलाना मुफ्ती अनवर कासमी ने कहा कि कुरआन एक मुकम्मल किताब है। हम सबको अपना जीवन कैसे जीना है, यह कुरआन ने हमें बताया है। इस्लाम आपसी भाईचारा और मिलजुल कर रहने की शिक्षा देता है। इसलिए हमें हर हाल में आपसी मुहब्बत कायम रखनी चाहिए। शिक्षा ग्रहण करें जिससे समाज, देश को फायदा पहुंचे। दुनिया के किसी यूनिवर्सिटी में नहीं सिखाया जाता की मां के कदमों में जन्नत है यह सिर्फ मदरसा मकतब में ही सिखाया जाता है।
जमीअतुल ओलेमा के महासचिव मौलाना असगर मिसबाही की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में हाफिज अहमद सईद, हाफिज सोहराब, हाफिज अबु आमिर, हाफिज साद, हाफिज हम्माद, हाफिज सोहराब तारिक, हाफिज उवैस रजा, हाफिजा मदीहा नौशीन, हाफिजा कहकशा और हाफिजा अलीशा को कुरआन हिफ्ज करने पर पगड़ी बांधकर सम्मानित किया गया। हजरत मौलाना मुफ्ती जाहिद कासमी, मदरसा फैजुल कुरआन के प्रिंसिपल हजरत कारी हुजैफा, हाफिज जुबैर, हाफिज साद, कारी अब्दुल हफिज, हाफिज फुरकान, हाफिज गुफरान, मौलाना जावेद, हाफिज अबुलकलाम, मौलाना महबूब, हाफिज हम्जा, मो मुस्लिम, मुफ्ती तल्हा नदवी, मो नौशाद, मौलाना हारिश, कैप्टन शकील, मो इस्लाम, मो शाकीर, हैदर, मो सोहराब, तल्हा रहमानी, मो सहमा, मुफ्ती मोहम्मद, मौलाना अब्दुल माजिद, एजाज गद्दी, शुजाउद्दीन परवेज, समेत सैंकड़ों लोग मौजूद थे।
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