बांग्लादेश के खिलाफ भारत ने लिया ऐक्शन, एक्सपर्ट्स बोले- सख्त कदम उठाना था जरूरी
एक्सपर्ट ने कहा कि भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच बांग्लादेश भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था अभी खराब स्थिति में है, और यह कदम उसे और खराब कर देगा।

भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ कड़ा ऐक्शन लेते हुए रेडीमेड कपड़ों समेत कई सामानों के आयात पर बंदरगाह प्रतिबंध लगाया है। यह मोहम्मद यूनुस सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। भारत के इस कदम पर विदेश मामलों के एक्सपर्ट रोबिंदर सचदेवा ने कहा कि बांग्लादेश जिस तरह से आगे बढ़ रहा है, उसे देखते हुए भारत के लिए कुछ सख्त कदम उठाना जरूरी था। बांग्लादेश में कुछ आंदोलन शुरू हो गए हैं, जैसे 'ग्रेटर बांग्ला' और 'सल्तनत बांग्ला', और वे अपने नक्शे पर बिहार, झारखंड और पूर्वोत्तर के भारतीय राज्यों को भी दिखाते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच बांग्लादेश भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था अभी खराब स्थिति में है, और यह कदम उसे और खराब कर देगा। वहीं, बांग्लादेश में भारत की पूर्व उच्चायुक्त वीना सीकरी ने बांग्लादेश से भारत में कुछ वस्तुओं के आयात पर बंदरगाह प्रतिबंध लगाने के भारत के कदम पर कहा, "यह समय की मांग है।" उन्होंने कहा, ''प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व में, पिछले 15 वर्षों से, भारत ने बांग्लादेश की वस्तुओं को भारत में पूर्ण पहुंच प्रदान की है। तम्बाकू और शराब जैसी वस्तुओं को छोड़कर पूरी तरह से मुक्त बाजार पहुंच, इस तथ्य के बावजूद कि हमारे पास द्विपक्षीय FTA या कुछ भी नहीं है।''
उन्होंने आगे कहा कि हमने देखा है कि पिछले आठ महीनों में, जब से प्रधानमंत्री शेख हसीना को ढाका छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था और शासन, जो एक वैध शासन भी नहीं है, यह मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम शासन है, वे मनमाने ढंग से भारत और बांग्लादेश के बीच माल की आवाजाही को प्रतिबंधित कर रहे हैं। वे यह दिखाना चाहते थे कि वे भारत पर निर्भर नहीं हैं। वे पाकिस्तान जैसे अन्य देशों से इन वस्तुओं का आयात करने की कोशिश कर रहे थे। तुर्की, यहां तक कि अमेरिका, चीन... भारत ने कुछ समय तक धैर्य रखा, लेकिन जब हमने देखा कि बांग्लादेश जानबूझकर ऐसा कर रहा है। भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय व्यापार को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से एक कदम उठाया गया। भारत ने अब पारस्परिक उपाय किए हैं... मुझे लगता है कि इस समय बांग्लादेश के लिए दुनिया की स्थिति के कारण अन्य बाजार खोजना मुश्किल है, इस समय बाजार की मांग काफी कम है।