धूप-छांव के बीच गर्मी से लोग रहे बेहाल
Mau News - मऊ में मौसम लगातार बदल रहा है। रविवार को दिन में बादल और सूरज के बीच लुकाछिपी जारी रही, जिससे तापमान 40.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। उमस के कारण लोग परेशान हैं। पशुपालकों को सूखा चारा नहीं देने की...
मऊ। जनपद में मौसम बार-बार करवट बदल रहा है। रविवार को भी दिन में बदली और सूरज के बीच लुकाछिपी जारी रही। इससे सूरज तेज में नरमी रहीं, लेकिन पुरवा के हवा के चलते पूरे दिन लोग उमस से बहाल रहे। हालांकि, शनिवार की अपेक्षा अधिकतम और न्यूनतम तापमान 1.60 डिग्री सेल्सियस कम रहा, फिर भी गर्मी से तनिक राहत नहीं मिली। पंखा-कूलर सभी जवाब दे गए। रविवार को अधिकतम तापमान 40.6 और न्यूनतम 28.80 डिग्री सेल्सियस रहा। जनपद में करीब सप्ताह भर से जिले में प्रचंड गर्मी पड़ रही है। लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है। वहीं मौसम का मिजाज बिगड़ने के साथ ही तापमान में भी उतार-चढ़ाव जारी है।
शनिवार रात में न्यूनतम पारा सामान्य से साढ़े तीन डिग्री ऊपर पहुंच गया, जिससे उमसभरी गर्मी बढ़ गई। शहर समेत ग्रामीण अंचलों में बिजली के आवाजाही से लोग पसीने से तर-बतर रहे। रविवार भोर में तेज हवा एवं हल्की बूंदाबादी के साथ दिन की शुरुआत हुई। वहीं बदली और सूरज के बीच लुकाछिपी का सिलसिला जारी रहा। तापमान में गिरावट होने के बाद भी बदली की धूप एवं पुरवा हवा चलने से उमसभरी गर्मी ने लोगों को बेचैन रखा। पुरवा हवा के चलते धूप का असर कुछ कम रहा। फिर भी 10 बजे के बाद घर से बाहर निकलने वाले सिर, मुंह समेत पूरा बदन ढंके हुए पूरी तरह से सुरक्षित चल रहे थे। धूप से बचने के लिए जहां युवतियां दुपट्टे से सिर एवं चेहरा ढककर निकलती दिखीं। वहीं उमस भरी गर्मी से परेशान राहगीर पेड़ों के नीचे रुक कर पसीना सुखाने को विवश हुए, जबकि नगरीय क्षेत्रों में वाटर कूलरों के पास पानी के लिए लोग भीड़ लगाए रहे। शाम चार बजे के बाद मौसम कुछ ठंडा हुआ। बाजारों और सड़कों पर चहल-पहल बढ़ गई। उमस के आगे हवा भी बेकार बढ़े तापमान के बीच आए बादलों से उमस ने भी अपना डेरा जमा लिया। चल रही पुरवा हवा शरीर में नहीं लगने से लोग पसीना-पसीना होने को विवश हुए। बाहर निकलने के बाद थोड़ी देर में ही लोग पानी की तलाश करने लग रहे हैं। लू के चलते लोगों का बुरा हाल है। गर्म हवा शरीर को जलाने पर आमादा है। कूलर-पंखे गर्म हवा फेंक रहे हैं। इसके चलते लोगों को घरों के भीतर भी आराम नहीं मिल पा रहा है। वहीं दूसरे मंजिल पर बने कमरे आग की तरह धधक रहे हैं। दिनभर लोग बचाव के जतन कर रहे हैं। पशुओं को न खिलाएं सूखा-मुरझाया चारा मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. नवीन कुमार ने भीषण गर्मी में लू से बचाव और पशुओं में होने वाले रोगों और उपचार के बारे में विस्तार से बताया। पशुपालकों को बताया गर्मियों में सूखा या मुरझाया हुआ हरा चारा न खिलाएं। इसके खिलानें से साइनाइड पॉइजनिंग हो जाती है। हमेशा हरे चारे वाले खेत में समय-समय पर उचित सिंचाई करते रहना चाहिए, जिससे उसमें साइनाइड प्वाइजनिंग उत्पन्न न होने पाए। पशुओं में इस समय पानी की कमी न होने पाए। तेज धूप में पशुओं को चरने न भेजें। पशुओं को दूषित पानी न पिलाएं। इससे इन्फेक्शन हो सकता है।
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