सामुदायिक भवन में चल रहा है सूर्यगढ़ा अवर निबंधन कार्यालय, परेशानी
सामुदायिक भवन में चल रहा है सूर्यगढ़ा अवर निबंधन कार्यालय, परेशानी
राजेन्द्र राज,सूर्यगढ़ा। सूर्यगढ़ा नगर परिषद और प्रखंड मुख्यालय स्थित अवर निबंधन कार्यालय वर्षों से एक पुराने सामुदायिक भवन में चल रहा है। इस सामुदायिक भवन में मात्र दो ही कमरे हैं। इस कारण से अवर निबंधन पदाधिकारी से लेकर कर्मियों एवं कंप्यूटर कर्मियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। एक कमरे में जहां कर्मी बैठतें हैं, वहीं दूसरे कमरे में इजलास तथा अन्य कर्मियों के बैठने का छोटा स्थान है। इसमें निबंधन कराने वाले से लेकर कातिब आदि रहते हैं। लोगों को बहुत कठिनाई होती है। कमरे के बाहर छोटा सा बरामदा है और यहां कुछ ही लोग बैठ सकते हैं।
नगर परिषद से लेकर सुदूर देहात के लोग आते हैं और उन्हें अपनी जमीन के निबंधन कराने के लिए इधर उधर बैठने या खड़ा होने को मजबूर होना पड़ता है। इसके साथ ही शौचालय तथा पेयजल की व्यवस्था का अभाव है। महिलाओं को तो विशेष परेशानी झेलनी पड़ती है। प्रखंड कार्यालय परिसर में एक शौचालय है, जिसकी देख रेख नहीं होती है और वह गंदा पड़ा हुआ रहता है। रोज ही कार्य करने वाले कातिबों अर्थात मुंशी लोगों को तो और भी परेशानी झेलनी पड़ती है। वे इधर उधर के कार्यालय परिसर में बैठ कर कार्य करते हैं। जमीन निबंधन कराने वाले लोगों को भी यही परेशानी का सामना करना पड़ता है। कातिब लोगों के लिए एक बार बैठने के लिए शेड निर्माण की भी बात आई थी और जानकारी के अनुसार इसके लिए राशि भी आवंटित की गई थी। सेड के निर्माण नहीं होने के कातिबों के साथ जमीन खरीदने और बेचने वालों को भी परेशानी झेलनी पड़ती है। वे जहां तहां बैठने को बाध्य होते हैं। उन्हें अब तक काई सुविधा नहीं दी जाती है। कार्यालय परिसर में मौजूद कुछ महिलाओं और अन्य लोगों ने बताया कि सुविधाओं की कमी के चलते वर्षों से परेशानी झेलनी पड़ रही है। इस पर किसी अधिकारी का ध्यान नहीं जाता है। कातिबों के अनुसार राजस्व वसूली में यह कार्यालय बिहार के चंद कार्यालयों में शुमार है , जहां अधिक आमदनी होती है। इसके बाद भी इस कार्यालय के पास न तो जमीन है और न ही भवन का निर्माण कराया जा सका है। पूर्व के डीएम ने जमीन को इसी परिसर में उपलब्ध कराने की कोशिश की थी लेकिन आगे कोई पहल नहीं हो सकी। स्थानीय चेंबर ऑफ कामर्स इकाई के पूर्व अध्यक्ष स्व. रामजीवन प्रसाद अग्रवाल, रविशंकर प्रसाद सिंह अशोक, अधिवक्ता ओम प्रकाश साह, अनिल कुमार वर्मा, पूर्व वाणिज्य संघ अध्यक्ष गिरिजा प्रसाद , वर्तमान चैंबर अध्यक्ष आलोक कुमार, सचिव प्रेम कुमार महाजन समेत अन्य लोगों ने बराबर निबंधन कार्यालय की यहां स्थापना के लिए प्रयास किया। सीएम नीतीश कुमार और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी की प्रखंड कार्यालय परिसर में आयोजित जन सभा में इन लोगों के द्वारा इस आशय का एक स्मार पत्र पूर्व विधायक प्रेम रंजन पटेल के सहयोग से दिया गया था। बाद में वर्तमान विधायक प्रह्लाद यादव के द्वारा भी इस दिशा में सहयोग किया गया था। लोगों ने बताया कि इस निबंधन कार्यालय के होने से बहुत सुविधा हुई। कभी उन्हें लखीसराय जाना पड़ता था। दिन भर का समय लग जाता था। समय और पैसे अधिक खर्च होते थे। इस कारण से अवर निबंधन कार्यालय होने से अमीर हो या गरीब सभी प्रसन्न थे। प्रखंड और नगर परिषद के लोगों को सुविधा मिल रही है, लेकिन सुविधाओं को उपलब्ध नहीं कराने से कठिनाइयां झेलने को बाध्य होना पड़ रहा है। इसे उपेक्षित छोड़ दिया गया है। पिछले चुनाव में भी श्री अशोक समेत अन्य सदस्यों ने भवन निर्माण समस्याकी ओर मंत्रियों, अधिकारियों आदि का ध्यान दिलाया था। मौके पर यहां के लोग इस समस्या की ओर डीएम से लेकर अन्य पदाधिकारियों का ध्यान दिलाते रहते हैं। इसके बाद भी यहा का भवन नहीं बना है। लोगों की सुविधाओं कीओर ध्यान नहीं दिया गया। चुनावी सभाओं और होने वाले कार्यक्रमों में इस मांग को पुरजोर उठायास जाता है, मगर जमीन तक उपलब्ध नहीं कराया गया। इससे यहां के लोग स्वयं को उपेक्षित समझते हैं। कई लोगों ने बताया कि आनेवाले वर्ष 2025 के विधानसभा के चुनाव में वे वे चुनावी सभाओं में वे इस मांग के लिए आवाज उठाएंगे। नाम के लिए निबंधन कार्यालय है। मुंशी,कातिबों को तो और भी परेशानी है। वे कहीं -हजयोपड़ी या जैसे तैसे शेड देकर बैठते हैं। बरसात में परिसर में पानी का जमाव हो जाता है। इस गर्मी में भी पेड़ों या टीन आदि के शेड देकर वे कार्य करते हैं। हर मौसम में कातिबों और जमीन की खरीद बिक्री करने वालों को परेशानी है। अवर निबंधन पदाधिकारी नीरज कुमार ने कहा कि अवर निबंधन कार्यालय सामुदायिक भवन में चल रहा है। भवन और जमीन के बारे में वरिष्ठ पउाधिकारी बता पाएंगे। कातिब लोग अनुज्ञप्ति बनाते हैं और कार्य करते हैं।
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