जमीन की दोहरी जमाबंदी हाईकोर्ट ने रद्द की, दस हजार का जुर्माना भी लगाया
रांची के ललगुटुआ में जमीन की दोहरी जमाबंदी के मामले में हाईकोर्ट ने अनिल कुमार सिंह के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने दोबारा म्यूटेशन को रद्द करते हुए अपीलकर्ता अजीत कुमार बरियार पर 10 हज़ार रुपए का...

रांची, विशेष संवाददाता। रांची के ललगुटुआ में एक जमीन की दोहरी जमाबंदी कराए जाने के मामले में हाईकोर्ट की खंडपीठ ने प्रतिवादी अनिल कुमार सिंह के पक्ष में फैसला देते हुए उक्त जमीन का दोबारा म्यूटेशन कराए जाने को रद्द कर दिया। चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने फैसले में कहा कि उक्त जमीन को दोबारा बेचकर उसकी दोहरा म्यूटेशन कराकर अनावश्यक रूप से वृद्ध महिला पर केस डालकर उन्हें परेशान किया गया है। इसलिए, अपीलकर्ता (अजीत कुमार बरियार) पर 10 हज़ार रुपए का जुर्माना लगाया जाता है। दरअसल, वर्ष 1963 में देवकली देवी ने लालगुटुआ में 43 डिसमिल जमीन खरीद कर म्यूटेशन कराया था।
जमीन की रसीद भी कट रही थी। इसी दौरान पुराने जमीन मालिक के रिश्तेदारों ने वर्ष 2000 में धोखाधड़ी कर अजीत कुमार बरियार को उक्त जमीन दोबारा बेच दी थी। अजीत कुमार बरियार ने यह जमीन खरीद कर बिल्डर को बेच दी थी। बिल्डर ने इस जमीन की रजिस्ट्री कराकर दोबारा म्यूटेशन कर लिया था और देवकली देवी द्वारा पूर्व में कराई गई उक्त जमीन के म्यूटेशन को रद्द करवा दिया था। इसके खिलाफ वर्ष 2007 में देवकली देवी की ओर से अनिल कुमार सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने अनिल कुमार सिंह के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बिल्डर द्वारा कराए गई दोहरे म्यूटेशन को गलत बताते हुए देवकली देवी के म्यूटेशन को सही बताया था। इसके खिलाफ अजीत कुमार बरियार ने हाईकोर्ट की खंडपीठ में अपील दाखिल की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अपीलकर्ता पर जुर्माना लगाया और उनकी अपील खारिज कर दी।
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