अगले 10 साल में जैविक उत्पाद के बाजार में 20 प्रतिशत का विकास संभव : शिल्पी
राज्य में पहली बार आयोजित क्रेता-विक्रेता मिलन में देश-विदेश की कंपनियां शामिल, कृषि विभाग के ऑर्गेनिक फार्मिंग ऑथोरिटी ऑफ झारखंड ने किया आयोजन

रांची। हिन्दुस्तान ब्यूरो कृषि मंत्री मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि देश में जैविक उत्पाद का बहुत बड़ा बाजार है। अगले 10 वर्षों में जैविक उत्पाद बाजार में 20 प्रतिशत तक के विकास की संभावना है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि झारखंड इस दौड़ में कहां रहेगा? कृषि मंत्री शनिवार को एक होटल में कृषि विभाग के ऑर्गेनिक फार्मिंग ऑथोरिटी ऑफ झारखंड(ओफाज) द्वारा आयोजित 'क्रेता-विक्रेता मिलन (बायर सेलर मीट 2025)' को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थीं। झारखंड में पहली बार जैविक उत्पाद को बढ़ावा देने और बाजार उपलब्ध कराने की सोच के साथ इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
जिसमें केन्या के साथ साथ भारत के कई राज्यों की कंपनियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मंत्री ने कहा कि आज का आयोजन एक छोटी-सी शुरुआत जरूर है, पर इसका उद्देश्य बहुत बड़ा है। झारखंड के जैविक उत्पादों को खरीददारों से जोड़ने का प्लेटफॉर्म ओफाज ने मुहैया कराया है। कार्यक्रम में केन्या के इकोलॉजी फोर्ट के एमडी डॉ सेल्बन डैनियल, केरला से आलोम केपी, देहरादून से अतुल पंडित, जयपुर से राहुल माथुर, आनंद संदली, हैदराबाद से सुधा रेड्डी के अलावा महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस अवसर पर जैविक उत्पाद व आमों की बिक्री सह प्रदर्शनी लगायी गयी थी। इस अवसर पर ओफाज के सीईओ विकास कुमार, भूमि संरक्षण विभाग के निदेशक अशोक सम्राट, एपेक्स सोसाइटी से राकेश कुमार, अभिनव मिश्रा आदि उपस्थित थे। भविषय की योजना तैयार करना उद्देश्य मंत्री ने कहा कि झारखंड जैसे राज्य जहां 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है, वहां जैविक खेती की अपार संभावना है। मीट का आयोजन जैविक उत्पाद की वर्तमान स्थिति, चुनौती और बाजार को समझने के साथ भविष्य की योजना तैयार करना है। सिक्किम ने जैविक उत्पाद राज्य के तौर पर अपना नाम दर्ज करा लिया है। पहले से कई और राज्य भी इस दिशा में बेहतर काम कर रहे हैं। मंत्री ने हिदायत दी कि राज्य के किसानों के लिए एक एसओपी तैयार कर ऐसे राज्यों का दौरा कराना चाहिए। ओफाज को इस दिशा में काम करने की जरूरत है। एफपीओ को प्रोसेसिंग यूनिट मोहैया कराने के लिए ओफाज को कार्य योजना बनाना होगा, जिसमें सब्सिडी के तहत मदद पहुंचाई जा सकती है। मिट्टी की उर्वरक क्षमता को बचाए रखने के लिए जैविक खेती जरूरी : सचिव विभागीय सचिव अबू बक्कर सिद्दीखी ने कहा कि पर्यावरण और मिट्टी की उर्वरक क्षमता को बचाए रखने के लिए जैविक खेती जरूरी है। आज आधुनिक युग में लोग खुद को स्वास्थ्य रखने के जैविक उत्पाद का सेवन करना चाहते हैं। किसानों के लिए जैविक उत्पाद आर्थिक लाभ का बेहतर विकल्प है। बाजार में जैविक उत्पाद की कीमत दूसरे उत्पाद से अधिक है। जरूरत है तो इसकी बेहतर पैकेजिंग की और सही बाजार की। ओफाज ने आज इसकी शुरुआत कर दी है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।