किसान जागरूक होंगे तो बिचौलिए खत्म हो जाएंगे : शिल्पी
राज्य में बीज वितरण की शुरुआत, इस बार पहले से दोगुना 80 हजार क्विंटल का लक्ष्य, कृषि निदेशालय में जीर्णोद्धार के बाद तैयार कॉन्फ्रेंस हॉल का उद्घाटन,

रांची। हिन्दुस्तान ब्यूरो कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि कमजोर राज्यों को बेहतर प्रदर्शन करने के लिए ज्यादा काम करना जरूरी है। झारखंड इसी रास्ते पर निरंतर आगे बढ़ रहा है। अगर किसान विभाग की योजनाओं को लेकर जागरूक होंगे, तो राज्य से बिचौलिए खत्म हो जाएंगे। बीज दिवस के अवसर पर रविवार को कृषि निदेशालय में आयोजित कार्यक्रम में कृषि मंत्री ने राज्य में बीज वितरण की शुरुआत की। इस अवसर पर पर रातू, बुढ़मू, कांके, मांडर, चान्हो और ओरमांझी प्रखंड के किसानों को बीज उपलब्ध कराया गया। साथ ही मंत्री ने कृषि निदेशालय में जीर्णोद्धार के बाद तैयार कॉन्फ्रेंस हॉल का उद्घाटन भी किया।
किसानों को 50 से 100 प्रतिशत तक अनुदान कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार राज्य के किसानों से किए गए वायदे के प्रति सजग है। यही वजह है कि बीज दिवस के दिन से ही राज्य में बीज वितरण की शुरुआत कर दी गई है। विभाग किसानों को 50 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक अनुदान पर बीज उपलब्ध करा रहा है। लेकिन इसका लाभ लेने के लिए समय पर सही जानकारी और प्रक्रिया को अपनाना होगा। कृषि विभाग जिला से लेकर प्रखंड स्तर तक किसानों से योजनाओं का फीडबैक ले रही है, ताकि कमियों को समय रहते दूर किया जा सके। फसल के पटवन के लिए विभाग ने नदी पर बिरसा पक्का चेक डैम योजना की शुरुआत करने का निर्णय लिया है। इसी तरह पलामू में बकरी के बजाय भेड़ का वितरण, बकरी के बजाय शूकर के वितरण का उद्देश्य आवश्यकता के अनुसार किसान के अनुरूप योजना तैयार करना है। मंत्री ने कहा कि विभाग किसानों के अनुरूप योजना को रूप देना चाहती है। किसान जागरूक बने और गांव के एक-एक लोगों तक विभाग की योजनाओं की जानकारी साझा करे। ऐसा करके झारखंड के किसान भी केरल और महाराष्ट्र की तरह खुद को कृषि के क्षेत्र में सफल साबित कर सकते हैं। प्रखंड स्तर पर मॉनिटरिंग टीम का गठन विभागीय सचिव अबू बक्कर सिद्दीखी ने किसानों को सचेत करते हुए कहा कि भूल से भी बीज खरीद के लिए अपना ओटीपी किसी से साझा ना करें। एक भूल से आप खुद का नुकसान कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में 80 हजार क्विंटल खरीफ बीज वितरण का लक्ष्य रखा गया है। यह पिछले दो वित्तीय वर्ष के लक्ष्य से दोगुना है। बीज वितरण के लिए प्रखंड स्तर पर मॉनिटरिंग टीम का गठन किया गया है। किसानों को उनकी मांग के अनुरूप समय पर बीज उपलब्ध कराने को लेकर ब्लॉक चैन सिस्टम विकसित है। कृषि निदेशक ताराचंद ने कहा कि इस साल बीज वितरण के लिए 5 सरकारी कंपनियों को बीज मुहैया कराने का काम दिया गया है, ताकि बीज का वितरण पूरे राज्य में एक साथ शुरू हो सके।
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