अधर्म का नाश करने के लिए भगवान जन्म लेते हैं : अतुल कृष्णा
कुच्चू गांव में चल रहे श्रीश्री 1008 शिव शक्ति हनुमत महायज्ञ में अतुल कृष्ण भारद्वाज ने धर्म की रक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि असुरों की शक्ति बढ़ने पर भगवान राम का जन्म हुआ। उन्होंने...

ओरमांझी, प्रतिनिधि। प्रखंड के कुच्चू गांव में चल रहा श्रीश्री 1008 शिव शक्ति हनुमत महायज्ञ सह राम कथा के चौथे दिन अतुल कृष्ण भारद्वाज ने कहा कि जब-जब होई धरम की हानी, बाढ़हि असुर अधम अभिमानी।। तब-तब प्रभु धरि विविध शरीरा, हरहि दयानिधि सज्जन पीरा।। उन्होंने बताया कि त्रेता युग में जब असुरों की शक्ति बढ़ने लगती है उसी दौरान माता कौशल्या की कोख से प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ। उन्होंने बताया कि भगवान सभी स्थानों पर रहते हैं। सच्चे मन और प्रेम से पुकारने पर भगवान कहीं भी प्रकट को सकते हैं। धर्म और संप्रदाय में अंतर को बताते हुए अतुल कृष्ण ने बताया कि धर्म मानव जीवन और व्यक्ति के अंदर एकजुटता का भाव पैदा करता है।
जबकि संप्रदाय मानव को बाहरी रूप से एक बनाता है। उन्होंने बताया कि अयोध्या भगवान राम और श्रीकृष्ण ने मथुरा में अवतार लेकर असुरों का नाश किया और धर्म की रक्षा की। युवाओं के संबंध में कहा कि आज का युवा वर्ग पाश्चात्य सभ्यता के भंवर में फंसा है। उन्हें प्रभु श्रीराम-श्रीकृष्ण और माता सीता के साथ अपनी सभ्यता और संस्कृति से मतलब नहीं है। उन्होंने माताओं से कहा कि गर्भावस्था में ईश्वर का स्मरण जरूर करें इसका प्रभाव बच्चों पर पड़ता है। कथा सुननेवालों में भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेयी, कार्यकारी अध्यक्ष रवीन्द्र राय, संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह, राज्यसभा सांसद सह यज्ञ के मुख्य यजमान आदित्य प्रसाद साहू, पूर्व सांसद रामटहल चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुदर्शन भगत, रणधीर कुमार चौधरी, कुलदीप प्रसाद साहू आदि शामिल थे।
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