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रूसी राष्ट्रपति ने की PM मोदी से बात तो दो दुश्मन आ गए एकसाथ, जरदारी से मिलने पहुंचे चीनी राजदूत

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आज ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की थी। इसके बाद भारत के दो दुश्मन देश यानी पाकिस्तान और चीन में खलबली मच गई है। पुतिन-मोदी बात के फौरन बाद चीनी राजदूत ने पाक राष्ट्रपति जरदारी से जाकर मुलाकात की है।

Pramod Praveen भाषा, नई दिल्ली/ इस्लामाबादMon, 5 May 2025 07:03 PM
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रूसी राष्ट्रपति ने की PM मोदी से बात तो दो दुश्मन आ गए एकसाथ, जरदारी से मिलने पहुंचे चीनी राजदूत

भारत के मित्र देश रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आज (सोमवार को) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से फोन पर बात की और कहा कि रूस आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई का पूरा समर्थन करता है। इसके साथ ही उन्होंने पहलगाम आतंकवादी हमले के साजिशकर्ताओं को न्याय के कठघरे में लाने की बात का भी समर्थन किया। रूसी दूतावास की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया कि पुतिन ने आतंकवादी हमले को ‘बर्बर’ करार दिया और दोनों नेताओं ने हर तरह के आतंकवाद के खिलाफ ‘बिना समझौता किए लड़ाई’ की जरूरत पर जोर दिया।

इस खबर के आने के बाद चीनी राजदूत जियांग जैदोंग ने भी सोमवार को पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से मुलाकात की और कहा कि उनका देश चीन दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए पाकिस्तान का हमेशा समर्थन करेगा। सरकारी ‘रेडियो पाकिस्तान’ की रिपोर्ट के मुताबिक, जैदोंग ने राष्ट्रपति जरदारी से मुलाकात की और पाकिस्तान एवं भारत के बीच तनाव सहित विभिन्न मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

जरदारी ने जताई चिंता

बैठक के दौरान राष्ट्रपति जरदारी ने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत द्वारा हाल में उठाए गए कदमों पर चिंता व्यक्त की और कहा कि इस तरह की कार्रवाई क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए खतरा हैं। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध और खराब हो गए हैं। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।

भारत ने पिछले हफ्ते पाकिस्तान से आने वाले या वहां से गुजरने वाले माल के आयात तथा अपने बंदरगाहों पर पाकिस्तानी जहाजों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि दिल्ली आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ "दृढ़ और निर्णायक" कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।

चीन ने फिर दिया समर्थन का भरोसा

यह ताजा कदम भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ कई दंडात्मक उपायों की घोषणा के लगभग दो सप्ताह बाद उठाया गया है, जिसमें आतंकवादी हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित करना, अटारी में एकमात्र भूमि सीमा क्रॉसिंग का संचालन बंद करना और राजनयिक संबंधों को कम करना शामिल है। ‘रेडियो पाकिस्तान’ की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी राजदूत ने चीन और पाकिस्तान के बीच स्थायी और समय की कसौटी पर खरी उतरी मित्रता की पुष्टि की और इस रिश्ते को बहुत मजबूत बताया, जिन्होंने चुनौतीपूर्ण समय में हमेशा एक-दूसरे का समर्थन किया है।”

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उन्होंने पाकिस्तान का दृष्टिकोण साझा करने के लिए राष्ट्रपति जरदारी को धन्यवाद दिया और इस बात पर जोर दिया कि “दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने की दोनों देशों की साझा इच्छा को पूरा करने के लिए चीन हमेशा पाकिस्तान का समर्थन करेगा।” चीनी राजदूत ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की, जिन्होंने पहलगाम हमले की निष्पक्ष जांच कराने के उनके प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए चीन को धन्यवाद दिया।

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