Spiritual Discourse on Devotion and Self-Control by Prakash Pundarik Prabhu in Ranchi परमात्मा की भक्ति के लिए मोह का त्याग जरूरी : प्रकाश पुंडरीक, Ranchi Hindi News - Hindustan
Hindi NewsJharkhand NewsRanchi NewsSpiritual Discourse on Devotion and Self-Control by Prakash Pundarik Prabhu in Ranchi

परमात्मा की भक्ति के लिए मोह का त्याग जरूरी : प्रकाश पुंडरीक

रांची में श्रीधाम वृंदावन से आए कथावाचक प्रकाश पुंडरीक प्रभु ने भक्ति और आत्म-नियंत्रण पर प्रवचन दिया। उन्होंने कहा कि धर्म से जीवन का विकास होता है और हरि शरणमं का जाप सभी व्याधियों को दूर करता है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीMon, 2 June 2025 09:22 PM
share Share
Follow Us on
परमात्मा की भक्ति के लिए मोह का त्याग जरूरी : प्रकाश पुंडरीक

रांची, प्रमुख संवाददाता। श्रीधाम वृंदावन से आए कथावाचक प्रकाश पुंडरीक प्रभु ने कहा कि परमात्मा की भक्ति के लिए मोह का त्याग करना जरूरी है। पैसे से ईंट का विकास हो सकता है, लेकिन धर्म से जीवन का विकास होता है। भगवत प्राप्ति की व्याकुलता अगर जीवन में आ गई है तो यह जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है। मनुष्य को स्वयं पर और अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रखकर द्वंदों से ऊपर उठकर स्वकर्तव्य को पूरा करना चाहिए। यही मनुष्य का सच्चा कर्म है। सच्चा कर्म जब होता है तो वही भक्ति में परिवर्तित हो जाता है। कथावाचक सोमवार को पंडरा की पूर्वी फ्रेंड्स कॉलोनी में संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन प्रवचन कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि हरि शरणमं नाम का जाप जीवन की सभी व्याधियों को दूर कर देता है। इस कारण हर मनुष्य को सुबह उठकर हरि शरणमं का जाप करना चाहिए। भागवत कथा सुनने की इच्छा करने मात्र से ही श्री हरि हृदय में बस जाते हैं। उन्होंने कहा कि भागवत कथा का श्रवण करने से भगवान की प्राप्ति होती है। इसलिए, भागवत कथा का बार-बार श्रवण करना चाहिए। सकल कामना सिद्धि शून्य है। केवल कृपा ही सहारा है। उन्होंने कहा कि जीवन संगीत है। गुनगुनाते रहना चाहिए और मुस्कुराते रहना चाहिए। जिसने अपनी प्रसन्नता गंवा दी, वह दुनिया का सबसे बड़ा दिवालिया है। एकांत का अर्थ समझाते हुए महाराज ने कहा कि परमात्मा में डूब जाना ही एकांत है। जीवन को वासना में नहीं उपासना में लगाना चाहिए। अहिंसा और प्रेम दोनों एक ही शब्द हैं। राजा और रंक में कभी भेद नहीं होता है। ईमान की रोटी इतनी मोटी होती है जो खाने और खिलाने से कभी समाप्त नहीं होती है। कथा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कई प्रसंग का भक्तों को श्रवण कराया। कथा के बाद व्यास पीठ की यजमानों ने आरती उतारी। इसके बाद श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण हुआ।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।