रांची विश्वविद्यालय के पूर्व शिक्षक प्रो हिर्ला बलराम का निधन
रांची विश्वविद्यालय के हो भाषा के पहले प्रोफेसर हिर्ला बलराम पाट पिंगुवा का निधन रिम्स, रांची में हुआ। वे भूगोल विभाग में 1973 से 2001 तक प्रोफेसर रहे और एनसीसी कमांडेंट भी थे। उनके योगदान से हो भाषा...

रांची। रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के हो भाषा के पहले प्रोफेसर हिर्ला बलराम पाट पिंगुवा का रिम्स, रांची में रविवार की रात निधन हो गया। प्रो पिंगुवा रांची कॉलेज में वर्ष 1973 से लेकर 2001 तक भूगोल विभाग में प्रोफेसर व रीडर के पद पर रहे। वे रांची कॉलेज में एनसीसी कमांडेंट भी रहे। टीआरएल संकाय के पूर्व समन्वयक डॉ हरि उरांव ने कहा कि प्रो पिंगुवा के निधन से हम सभी काफी दुखी हैं। सरल व सादगीपूर्ण व्यक्तित्व के वे धनी वे। डॉ सरस्वती गागराई ने बताया कि प्रो पिंगुवा ‘वारङ चिति लिपि के निर्माता कोल गुरु लाको बोदरा के साथ लम्बे समय तक जुड़े रहे। हो भाषा व साहित्य संरक्षण संवर्द्धन के लिए काम किया। उन्होंने बताया कि वारङ चिति लिपि में हो भाषा के पठन-पाठन कराने में उनका अमूल्य योगदान रहा।
डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो, डॉ जय किशोर मंगल, आशीष बिरुवा, चिंटू दोराय, प्रवीण कुमार गागराई, गीता दोराई व अन्य ने भी शोक व्यक्त किया।
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