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एक्सआईएसएस के जीआईएस पाठ्यक्रम में प्रवेश को ऑनलाइन आवेदन 12 जून तक

रांची के ज़ेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विस में एआईसीटीई अनुमोदित पीजीसीएम जियो-स्पेशल टेक्नोलॉजी एप्लीकेशन कोर्स में 30 सीटों के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 12 जून 2025...

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीFri, 30 May 2025 06:42 PM
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एक्सआईएसएस के जीआईएस पाठ्यक्रम में प्रवेश को ऑनलाइन आवेदन 12 जून तक

रांची, विशेष संवाददाता। ज़ेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विस (एक्सआईएसएस), रांची में एआईसीटीई अनुमोदित 30 सीटों के पीजीसीएम जियो-स्पेशल टेक्नोलॉजी एप्लीकेशन कोर्स में नामांकन के लिए ऑनलाइन आवेदन 12 जून 2025 तक आमंत्रित किए जा रहे हैं। इच्छुक छात्र-छात्राएं संस्थान की वेबसाइट- https://xiss.ac.in/GITRAINING/admissionform/, पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। पाठ्यक्रम शुल्क विद्यार्थियों के लिए- 67,000 रुपए और कामकाजी पेशेवरों के लिए शुल्क- 80,000 रुपये है। इसके अलावा 15,000 रुपये और 10,000 रुपये मूल्य की छात्रवृत्ति भी बेहतरीन प्रदर्शन करनेवाले विद्यार्थियों को दी जाती है। पिछले वर्ष इस पाठ्यक्रम के 70-80 प्रतिशत विद्यार्थियों को प्लेसमेंट प्राप्त हुआ था। किसी भी विषय में स्नातक के साथ 45% अंक होना जरूरी एक्सआईएसएस के निदेशक डॉ जोसफ मारियानुस कुजूर ने बताया कि जीआईएस और रिमोट सेंसिंग आधुनिक समय में अत्यधिक लोकप्रिय है, क्योंकि सिर्फ पारंपरिक स्नातक या स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के माध्यम से सफल करियर बनाना अब एक चुनौती बन गया है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में शायद ही कोई ऐसा सरकारी विभाग है, जहां जीआईएस का उपयोग नहीं किया जा रहा हो। इस क्षेत्र में विशेषज्ञ प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद करियर की संभावनाएं व्यापक हो सकती हैं। इस पाठ्यक्रम में नामांकन लेने के लिए आवेदक का किसी भी विषय में स्नातक के साथ 45 प्रतिशत अंक होना आवश्यक है। इसमें ई-कल्याण (छात्रवृत्ति) की सुविधा है, जिसका लाभ झारखंड सरकार के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक, और पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थी ले सकते हैं। इस पाठ्यक्रम में सभी अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर- आर्कजीआइएस, एरडास इमेजिन, क्यूजीआईएस, पायथन का प्रयोग होता है और सर्वे उपकरणों में डीजीपीएस और इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन का फील्ड प्रशिक्षण भी दिया जाता है। कोर्स के बाद यहां अवसर इस पाठ्यक्रम को करने के बाद विद्यार्थियों को अंतरिक्ष उपयोग केंद्र, खनन एवं भूविज्ञान विभाग, नगर नियोजन एवं ग्रामीण नियोजन, कृषि विभाग, आपदा प्रबंधन, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, खनिज अन्वेषण, वन विभाग और भूमि अभिलेख विभाग आदि क्षेत्र में सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों में बेहतर मौका मिलता है।

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