गर्मी में मिट्टी के सुराही-घड़े की डिमांड
साहिबगंज में मिट्टी के बर्तनों की मांग फिर से बढ़ रही है। स्थानीय गोड़ाबाड़ी हाट में लोग मिट्टी के सुराही, घड़ा, मटका, कराही आदि खरीद रहे हैं। जानकार बताते हैं कि मिट्टी के बर्तन इको फ्रेंडली होते हैं।...

साहिबगंज। फ्रिज के जमाने में लोग एक बार फिर मिट्टी की सुराही का इस्तेमाल पर जोर दे रहे हैं। स्थानीय गोड़ाबाड़ी हाट में प्रत्येक गुरुवार व रविवार को मिट्टी के बर्तन काफी संख्या में बिकने आते हैं। लोग जमकर मिट्टी के सुराही, घड़ा, मटका, कराही, दीपक, धूपदानी आदि की खरीदारी करते हैं। जानकार बताते हैं मिट्टी के बर्तन इको फ्रेंडली होता है। मिट्टी के बर्तन में खाने पीने की चीज रखने, बनाने, पकाने से उसकी गुणवत्ता बरकरार रहती है। स्थानीय हाट में सुराही नल लगा हुआ 200 रुपए, घड़ा 120 से 150 रुपए प्रति पीस बिक रहा है। फोटो: 111, साहिबगंज हाट में मिट्टी बर्त्तन की दुकान
मिट्टी के बढ़े भाव से बर्तनों की कीमत बढ़ी
कुछ साल पहले मिट्टी सस्ते में उपलब्ध हो जाती थी ।
बढ़ती आबादी व नगर का विस्तार होने के बाद से कुंभकारों
को मिट्टी मिलना मुश्किल होता है। सालभर पहले दो से ढ़ाई हजार प्रति ट्रॉली मिलने वाला मिट्टी अब तीन हजार से अधिक का हो गया है।
मिट्टी खरीद कर लाने के कारण अब इससे बर्त्तन आदि बनाने पर लागत अधिक बैठने लगा है और मिट्टी भी काफी दिक्कत से मिलती है। इस कारण मिट्टी से बने सुराही आदि के दाम बढ़े हंै।
सहदेव पंडित, कुंभकार,पुरानी साहिबगंज
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