खैरनटोली में दिखा धार्मिक सौहार्द की मिसाल
सिमडेगा के खैरनटोली में 85 वर्षीय बांधो फुफु की मृत्यु पर समुदाय ने एकता दिखाई। किसी परिजन के न होने पर, मुहल्ले के युवाओं ने इसाई रीति से उनका अंतिम संस्कार किया। बांधो फुफु ने लगभग 70 वर्षों तक...

सिमडेगा, जिला प्रतिनिधि। शहर के खैरनटोली में बुधवार को धार्मिक सौहार्द की मिसाल देखने को मिल। खैरनटोली मदरसा के बगल में रहने वाली 85 वर्षीय वृद्धा जिसे लोग बांधो फुफु कहकर पुकारते थे, उसकी मौत बुधवार को हो गई। बांधो फुफु अपने घर में अकेले रहती थी। फुफु के मौत की खबर मिलते ही आस पड़ोस के सभी लोग उसके घर में जुटे। बांधो फुफु का कोई परिजन मुहल्ले में नहीं रहने के कारण मुहल्ले के युवाओं ने खुद इसाई धर्मविधि से उनका अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया। इसके बाद मुहल्ले के युवाओं ने बगल के पतराटोली गांव से इसाई समाज के कुछ लोगों को बुलाकर उनकी रीति रिवाज के साथ बांधो फुफु के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया।
मुहल्ले के लोगों ने बताया कि बांधो फुफु लगभग 70 साल से मदरसा के बगल में रह रही थी। और पुरे मुहल्ले के लोगों से आत्मियता पुर्ण संबंध निभाती थी। बांधो फुफु के अंतिम संस्कार में मो सहजाद, मो वसीम, मो तबरेज आदि ने महत्वपुर्ण भूमिका अदा की।
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