मां-बाप की इन 5 गलतियों की वजह से बच्चे नहीं करते उनकी इज्जत, खराब हो जाता है रिश्ता
जानें-अनजाने में कई बार पैरेंट्स कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिसका सीधा असर उनके और उनके बच्चे के रिश्ते पर पड़ता है। इन छोटी गलतियों की वजह से कई बार बच्चे के आगे उनकी रिस्पेक्ट भी कम हो जाती है।

एक बच्चे के लिए उसके पेरेंट्स ही उसके आदर्श होते हैं। खासतौर से बचपन में बच्चे हर बात में अपने पेरेंट्स की नकल करते हैं, उनकी कही बातों को सच मानते हैं और उन्हीं के व्यवहार से सीखते हैं कि जीवन कैसे जीना है। ऐसे में माता-पिता की भूमिका सिर्फ बच्चों को पालना ही नहीं है, बल्कि वो बच्चे के रोल मॉडल भी होते हैं। लेकिन कई बार अनजाने में की गई कुछ गलतियाँ, बच्चों की नजरों में पेरेंट्स की इज्जत को कम कर सकती है। चलिए जानते हैं वो कौन सी गलतियां हैं, तो पैरेंट्स को अवॉइड करनी चाहिए ताकि बच्चों के आगे उनकी रिस्पेक्ट को कोई ठेस ना पहुंचे।
जब बच्चों के सामने लड़ते हैं पेरेंट्स
पति-पत्नी के बीच में थोड़ी नोंक-झोंक चलती रहती हैं, लेकिन कभी भी बच्चों के सामने लड़ाई नहीं करनी चाहिए। जब पेरेंट्स बच्चे के सामने लड़ते हैं, गुस्से में आपा खो देते हैं, छोटी-छोटी बातों पर चिल्लाते हैं, अपशब्दों का प्रयोग करते हैं या एक-दूसरे से बुरा व्यवहार करते हैं, तो बच्चों की नजरों में पेरेंट्स की इज्जत धीरे-धीरे कम होने लगती है। इसके अलावा पेरेंट्स के इस व्यवहार का बच्चों के मन पर बहुत नेगेटिव इंपैक्ट पड़ता है, जिस वजह से उनकी मेंटल ग्रोथ भी प्रभावित होती है।
बच्चों के सामने झूठ बोलना या वादे तोड़ना
बच्चे बहुत ध्यान से अपने माता-पिता की हर बात और हर हरकत को देखते हैं। अगर पेरेंट्स बार-बार झूठ बोलते हैं, फिर चाहे वो किसी और से हो या खुद बच्चे से, तो बच्चे ये समझने लगते हैं कि झूठ बोलना ठीक है। खासतौर पर जब पेरेंट्स कोई वादा कर के, उसे पूरा ना करें, तो बच्चे के मन में उनके प्रति भरोसा कम होने लगता है। धीरे-धीरे यही चीज पेरेंट्स की इज्जत को बच्चे की नजरों में कमजोर कर देती है।
बच्चे को दूसरों के सामने डांटना या अपमानित करना
कभी-कभी पेरेंट्स गुस्से में आ कर बच्चों को डांट देते हैं या उन्हें सबके सामने शर्मिंदा कर देते हैं। यह व्यवहार बच्चे के आत्म-सम्मान को चोट पहुंचाता है और वह खुद को छोटा महसूस करने लगता है। अगर यह बार-बार होता है, तो बच्चा सोचने लगता है कि उसके पेरेंट्स उसकी इज्जत नहीं करते। इससे बच्चे के मन में नाराजगी और दूरी बढ़ने लगती है और वह धीरे-धीरे पेरेंट्स से दूरी बनाने लगता है। इससे भी कहीं ना कहीं उसकी नजरों में पेरेंट्स की इज्जत भी कम हो जाती है।
दूसरों की बुराई करना या गलत व्यवहार करना
अगर पेरेंट्स किसी की पीठ पीछे बुराई करते हैं या दूसरों से गुस्से में बुरा व्यवहार करते हैं, तो बच्चे को गलत सीख मिलती है। बच्चे समझते हैं कि ऐसा व्यवहार करना नॉर्मल है और वे भी वैसा ही करने लगते हैं। साथ ही, जब बच्चा देखता है कि पेरेंट्स दूसरों का सम्मान नहीं करते, तो उसके मन में भी पेरेंट्स की जो अच्छी इमेज है वो भी खराब होती है। इसलिए भूलकर भी किसी के साथ गलत व्यवहार ना करें।
बच्चे के सामने खुद गलत करना और उन्हें सही करने की सीख देना
आप खुद गलत व्यवहार कर के अगर बच्चे को सही करने की सीख देते हैं, तब भी आपकी बातों की अहमियत बच्चों की नजर में कम होती है। उदाहरण के लिए अगर आप खुद मोबाइल में समय बर्बाद करें लेकिन बच्चे को मोबाइल ना देखने की नसीहत दें या खुद झूठ बोलकर, बच्चों को ईमानदारी का पाठ पढ़ाएं; तो बच्चे आपकी बातों पर भरोसा नहीं कर पाएंगे। बच्चे वही सीखते हैं जो वे देखते हैं। इसलिए बच्चे को कुछ सिखाने से पहले, खुद उस पर अमल करें।
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