मोटापा ही नहीं मौत का खतरा भी बढ़ा सकता है बाहर का खाना, ये होते हैं नुकसान
हमारे खानपान की आदतें हमें सेहतमंद रखने में अहम भूमिका निभाती हैं। अगर आप वजन घटाने की कोशिश में लगी हैं, तो घर का बना खाना ही खाएं। क्यों? बता रही हैं दिव्यानी त्रिपाठी।

आज कुछ अच्छा खाने का मन हो रहा है। कुछ ऑर्डर कर लें क्या? वीकेंड है,आज बाहर डिनर करना तो बनता है। यकीनन जुबान के चटखारे आपको बाहर पके मसालेदार खाने की ओर खींचते हैं। पर, यकीन मानिए घर का खाना आपके लिए हमेशा से फायदे का सौदा रहा है। जहां बाहर का खाना दबे पांव आपको तमाम बीमारियों की ओर ले जाता है, वहीं मां के हाथ के बने घर के खाने में सिर्फ सुकून ही नहीं बल्कि सेहत भी होती है। घर के खाने की खासियत है कि इसमें आप अपने स्वाद और सेहत के हिसाब से पोषण और स्वाद जोड़ सकती हैं। वहीं, बाहर का खाना आपकी सेहत और पैसों पर सिर्फ और सिर्फ बट्टा लगाने का काम करता है। इस बात की तसदीक विश्व स्वास्थ्य संगठन भी करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो दुनिया में हर साल बाहर का खाना खाने से लगभग 60 करोड़ लोग बीमार पड़ते हैं और उनमें से 4 लाख से ज्यादा लोगों की मौत तक हो जाती है। अब आप कहेंगी ऐसा नहीं होता। ऐसा होता तो हर शख्स बीमार ही पड़ा होता।
इस बाबत आहार सलाहकार डॉ.भारती दीक्षित कहती हैं कि बाहर के खाने से सब बीमार हो जाएं जरूरी नहीं, पर इस बात की आशंका ज्यादा होती है। बाहर की रसोई पर हमारा नियंत्रण नहीं होता। वहां का खाना कितनी स्वच्छता से बनाया जा रहा है, कौन से उत्पाद इस्तेमाल हो रहे हैं, खाना ताजा है या पहले से रखे खाने में तड़का लगाकर परोसा जा रहा है, हम नहीं जानते। हम कहते हैं कि खाने को छोटे-छोटे मील्स में बांटकर खाना चाहिए। पर, होटल का खाना हम एक बार ढेर सारा खा लेते हैं, जिसके चलते कैलोरी का सारा गणित बिगड़ जाता है। साथ ही ज्यादा तेल-मसाले का लंबे समय तक सेवन भी हमारे पाचन को बिगाड़ देता है। नतीजा, अलग-अलग तरीके की परेशानियां। लिहाजा, बेहतर होगा कि बाहर के खाने की जगह घर के खाने को तरजीह दें। घर पर हम अपनी आवश्यकता के हिसाब से पकवानों में स्वाद के साथ पोषण भी डाल सकते हैं। घर पर बना खाना बाहर के खाने की तुलना में किफायती भी होता है।
बाहर का खाना यानी ज्यादा कैलोरी
जब आप स्वाद की तलाश में रेस्टोरेंट के मैन्यू से ऑर्डर करती हैं, तो खुशी तो बहुत होती है। पर, कभी सोचा है कि आपका वह ऑर्डर आपके शरीर को खुशी देता है कि नहीं? बाहर के खाने में घर के खाने की तुलना में कैलारी और नुकसान दोनों ही ज्यादा होते हैं। एक अध्ययन की मानें तो रेस्टोरेंट के औसतन एक भोजन में 1327 कैलोरी होती है, जबकि आप घर पर खाने की सर्विंग में कैलारी अपने हिसाब से कम या ज्यादा कर सकती हैं।
ट्रांस फैट करता है नुकसान
रेस्टोरेंट के खाने में कई बार गर्म हुआ तेल भी इस्तेमाल कर लिया जाता है, जिसका आपको अंदाजा भी नहीं होता। बार-बार गर्म हुए तेल में एलडीएल का स्तर बढ़ जाता है जो कि बैड कोलेस्ट्रॉल होता है। इसकी अधिकता हृदय रोग, स्ट्रोक, सीने में दर्द के खतरे को बढ़ा देता है। बार-बार गर्म हुए तेल का सेवन करने से एसिड की मात्रा भी बढ़ जाती है। सूरजमुखी, मकई के तेल जैसे कुछ वेजिटेबल ऑयल को दोबारा गर्म करने से उसमें जहरीले तत्वों की मात्रा बढ़ सकती है। जिससे हृदय रोग, अल्जाइमर, डिमेंशिया और पार्किसंस सरीखी स्थितियां बन सकती हैं। वेजिटेबल तेल को दोबारा गर्म करने पर एनएसई नाम का एक और जहर निकलता है, जो डिएनए, आरएनए यानी राइबोन्यूक्लिक एसिड और प्रोटीन को सही तरीके से काम करने से रोकता है। दोबारा गर्म हुए तेल में पका खाना कार्सिनोजेनिक भी हो सकता है। यानी कैंसर का कारण बन सकता है। बेहतर होगा कि आप घर में शुद्ध तेल में पका भोजन ही नियमित रूप से खाएं।
नहीं रहता नियंत्रण
बाहर की रसोई में पके खाने पर हमारा नियंत्रण नहीं रहता। कई बार पसंदीदा पकवान को और भी ज्यादा स्वादिष्ट बनाने के लिए उसमें कुछ ऐसी चीजों को साथ में डाल दिया जाता है, जो आपके लिए नुकसानदेह हो सकती है। कई बार खाने के गलत कॉम्बिेनशन जैसे- मछली के साथ दूध, दूध और नीबू, दही के साथ फल, बीन्स और चीज, गर्म चीजों के साथ शहद, फलों के साथ डेयरी प्रोडक्ट, मूली और दूध, प्रोटीन के साथ स्टार्च वगैरह का इस्तेमाल होता है, जिसका हमें अंदाजा नहीं लग पाता। हम स्वाद के फेर में गलत कॉम्बिनेशन को खा लेते हैं, जिसका असर हमारे पाचन तंत्र पर पड़ता है।
नहीं पता होता ताजे-बासी का फर्क
जब आप बाहर खाना खाती हैं तो आपको नहीं पता होता कि आपको ताजा खाना परोसा जा रहा है या फिर बासी। पर, बाहर का बासी खाना फूड पॉइजनिंग, पाचन संबंधी, संक्रमण, कमजोर इम्यूनिटी सरीखी समस्याओं को दावत देता है। लिहाजा, बेहतर होगा कि आप बाहर की जगह घर पर बना ताजा खाना खाएं। खासतौर पर चावल। जब उसे आप काफी देर तक रख कर उसे दोबारा इस्तेमाल करती हैं तो वह संक्रमित हो जाता है, जिसे फ्राइड राइस सिंड्रोम कहा जाता है। यह आपके पेट से लेकर कई तरह की बीमारियों की वजह बन सकता है। बासी चावल दिल से जुड़ी बीमारियों का भी कारण बन सकता है।
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