मथुरा-वृंदावन जा रहे तो जरूर घूमें ये 5 जगह, भगवान के दर्शन मोह लेंगे मन
मथुरा वृंदावन जा कर भगवान कृष्ण के दर्शन करने का प्लान बना रहे हैं, तो ये पांच मंदिर जरूर घूम आएं। यहां जो आध्यात्मिक शांति और भगवान के दर्शन आपको मिलेंगे, उन्हें आप हमेशा याद रखेंगे।

कृष्ण भगवान की नगरी मथुरा और वृंदावन ऐसे पवित्र स्थल हैं, जहाँ हर कोई एक बार जरूर जाना चाहता है। ये जगह अपने मंदिरों, कथाओं और भक्ति से भरे माहौल के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। मथुरा वह पवित्र भूमि है जहाँ भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था, वहीं वृंदावन में उन्होंने अपनी बाल लीलाएं की और रास रचाया। इन दोनों ही स्थानों का वातावरण इतना शांत और पवित्र है कि मन को एक अलग ही सुकून मिलता है। अगर आप भी मथुरा जाने के बारे में सोच रहे हैं, तो यहां कुछ ऐसे स्थान के बारे में बताया गया है, जहां आपको जरूर विजिट करना चाहिए। मथुरा-वृंदावन की ये खास जगहें ना सिर्फ आपको मानसिक सुकून देंगी, बल्कि आपकी यात्रा को भी सफल बना देंगी।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर (मथुरा)
आप मथुरा घूमने जाएं और श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर ना घूमें, तो समझ लीजिए आपकी यात्रा अधूरी है। दरअसल ये वही स्थान है, जहाँ कंस की कैद में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इस मंदिर में कंस की जेल का वो कमरा जिसमें भगवान का जन्म हुआ था, उसे देखकर एक अलग ही आध्यात्मिक एनर्जी फील की जा सकती है। ये मंदिर बहुत ही सुंदर बनाया गया है। यहाँ साल भर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। जन्माष्टमी पर यहाँ एक भव्य उत्सव का आयोजन भी होता है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, मथुरा जंक्शन से लगभग 3-4 किलोमीटर दूर है। ऑटो या ई- रिक्शा से यहां आसानी से पहुँचा जा सकता है।
राधा रमण मंदिर (वृंदावन)
यह मंदिर राधा-कृष्ण के पवित्र और अटूट प्रेम का प्रतीक है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण की जो मूर्ति है वो स्वयं प्रकट हुई थी, इसे ‘स्वयंभू’ नाम से जाना जाता है। इस मंदिर की खास विशेषता ये है कि इसमें राधा जी की कोई मूर्ति नहीं है, बल्कि श्रीकृष्ण की मूर्ति के साथ राधारानी के वस्त्र और आभूषण ही राधा जी रूप में विराजमान हैं। इस मंदिर में मन को बहुत ही शांति मिलती है और भक्ति के रस से सराबोर यहां का वातावरण मन को आकर्षित करता है। मथुरा रेलवे स्टेशन से ये लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर है। ऑटो के जरिए यहां आराम से पहुंचा जा सकता है।
बांके बिहारी मंदिर (वृंदावन)
भगवान कृष्ण के ‘बांके बिहारी’ स्वरूप को समर्पित यह मंदिर वृंदावन का सबसे प्रिय और प्रसिद्ध स्थान है। यहाँ भगवान की एक झलक पाने के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। क्योंकि यहां पर भगवान का दर्शन कुछ सेकंड भर के लिए ही होता है और बार-बार पर्दा डाल दिया जाता है। कहा जाता है कि भगवान की छवि से भक्त मोहित ना हो जाएँ, इसलिए ऐसा किया जाता है। मथुरा रेलवे स्टेशन से यह मंदिर लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां पहुंचने के लिए आप ऑटो या ई रिक्शा का सहारा ले सकते हैं।
प्रेम मंदिर (वृंदावन)
सफेद संगमरमर से बना प्रेम मंदिर, मथुरा का बहुत ही खूबसूरत मंदिर है। राधा-कृष्ण और सीता-राम की सुंदर मूर्तियों से सजा हुआ यह मंदिर दिन में तो सुंदर लगता ही है, लेकिन रात में जब इसे रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया जाता है, तब इसकी खूबसूरती देखने लायक होती है। हर शाम यहाँ रासलीला की झांकी का आयोजन भी किया जाता है, जो श्रद्धालुओं के लिए मुख्य आकर्षण है। मथुरा जंक्शन से प्रेम मंदिर की दूरी लगभग 12 किलोमीटर है। यहां पहुंचने के लिए आप टेंपो या टैक्सी की मदद ले सकते हैं।
गोवर्धन पर्वत और गिरिराज जी मंदिर (गोवर्धन)
जब भी आप जाएं तो गोवर्धन पर्वत और गिरिराज जी के मंदिर में जरूर जाएं। कहा जाता है कि गोवर्धन पर्वत वह स्थान है, जिसे भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर उठाकर इंद्रदेव के क्रोध से ब्रजवासियों की रक्षा की थी। इस पर्वत की 21 किलोमीटर की ‘परिक्रमा’ बहुत ही पवित्र मानी जाती है। गिरिराज जी का मंदिर और परिक्रमा मार्ग भक्तों को भक्ति और तप का बहुत ही खूबसूरत अनुभव देता है। मथुरा से गोवर्धन लगभग 22 किलोमीटर दूर है। बस, टैक्सी या निजी वाहन से यहाँ आराम से पहुँचा जा सकता है।
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