गटर की भाषा बोली, अभी FIR करिए, हो सकता है कल ना रहूं... मंत्री विजय शाह पर ऐसा भड़का हाईकोर्ट
कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान पर बुधवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मंत्री विजय शाह को तगड़ी फटकार लगाई। सुनवाई के दौरान अदालत ने कई बातें कही।

कर्नल सोफिया कुरैशी पर एमपी के मंत्री विजय शाह के विवादित बयान का मसला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बुधवार को विवादित बयान पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मंत्री विजय शाह को तगड़ी फटकार लगाई। अदालत ने पुलिस को मंत्री विजय शाह के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन और न्यायमूर्ति अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने कई बातें कही।
अदालत ने पुलिस विभाग को मंत्री विजय शाह के खिलाफ बुधवार शाम छह बजे तक प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया। अदालत ने अपने आदेश कहा कि महाधिवक्ता कार्यालय को निर्देश दिया जाता है कि यह आदेश तत्काल डीजीपी कार्यालय को भेजा जाए और सुनिश्चित किया जाए कि इसका पालन हो। अभी एफआईआर दर्ज करिए, तुरंत करिए... हो सकता है कल मैं जिंदा न रहूं... मैं आपको चार घंटे का समय दे रहा हूं।
इसके साथ ही अदालत ने FIR दर्ज हो जाने बारे में उसे सूचित करने का भी निर्देश दिया। अदालत कहा कि यह शाम तक हो जाना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर अदालत कल मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक के खिलाफ आदेश की अवमानना के लिए कार्यवाही पर विचार भी कर सकती है। अदालत ने कहा कि शाह के बयान में प्रथम दृष्टया मुस्लिम धर्म के लोगों के बीच वैमनस्य और दुश्मनी या घृणा या दुर्भावना की भावना पैदा करने की प्रवृत्ति है।
जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने कहा- विजय शाह की टिप्पणियां न केवल संबंधित अधिकारी के लिए वरन सशस्त्र बलों के लिए भी अपमानजनक और खतरनाक हैं। यह अदालत सोमवार को महू के अंबेडकर नगर के रायकुंडा गांव में एक कार्यक्रम में दिए गए मंत्री के अभद्र बयान पर स्वत: संज्ञान लेने के लिए मजबूर हुई है। मंत्री विजय शाह ने भारतीय सेना की एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ 'अभद्र भाषा' का इस्तेमाल किया है।
अदालत ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को बीएनएस की धारा 152 (भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्य), 196 (1) (बी) (धर्म, जाति, भाषा या अन्य समान विशेषताओं के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 197 (1) (सी) (बयान या कार्रवाई जो शत्रुता, या विभिन्न समूहों के बीच घृणा पैदा करता है) के तहत अपराध के लिए विजय शाह के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश दिया।
इसके साथ अदालत ने सेना की जमकर तारीफ की। अदालत ने कहा- सशस्त्र बल, शायद इस देश में मौजूद आखिरी संस्थान है जो ईमानदारी, अनुशासन, बलिदान, नि:स्वार्थ भाव, चरित्र, सम्मान और अदम्य साहस को दिखाता है। इस आचरण को हर देशवासी अपनी पहचान समझता है। विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ गटर की भाषा का इस्तेमाल किया है। इस मामले में अभी एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।