लक्ष्मण रेखा पार; दिग्विजय सिंह के भाई को क्यों कांग्रेस ने कर दिया 'गेट आउट'
कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के सगे भाई और पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। सिंह को पार्टी ने 'लक्ष्मण रेखा' पार करने की वजह से छह साल के लिए निकाला है।

कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के सगे भाई और पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। सिंह को पार्टी ने 'लक्ष्मण रेखा' पार करने की वजह से छह साल के लिए निकाला है। वरिष्ठ नेता पिछले कुछ समय से बागी रुख अपनाए हुए थे और राहुल गांधी तक को निशाने पर लेने से बाज नहीं आते थे।
कट्टर कांग्रेसी दिग्विजय सिंह के भाई कुछ समय के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में भी शामिल हो चुके हैं। 70 वर्षीय नेता एक बार फिर पार्टी को असहज करने वाले बयान दे रहे थे। 2023 विधानसभा चुनाव में चाचौड़ा विधानसभा सीट पर हारने के बाद से वह पार्टी पर हमलावर थे। लक्ष्मण सिंह राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में गांधी परिवार के ना शामिल होने से लेकर पहलगाम आतंकी हमले पर पार्टी रुख तक की आलोचना कर चुके थे। खबर लिखे जाने तक लक्ष्मण सिंह ने अपने निष्कासन पर प्रतिक्रिया नहीं दी थी।
इससे पहले लक्ष्मण सिंह को तब कारण बताओ नोटिस दिया गया था जब उन्होंने राहुल गांधी और उनके बहनोई रॉबर्ट वाड्रा को लेकर पहलगाम आतंकी हमले के संदर्भ में टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था, 'गांधी और वाड्रा अपरिपक्व हैं। देश उनकी अपरिपक्वता को भुगत रहा है।'उन्होंने यहां तक कहा कि राहुल गांधी को कुछ बोलने से पहले सोचना चाहिए। दिसंबर 2023 में भी लक्ष्मण सिंह ने कह दिया था कि राहुल गांधी महज एक पार्टी कार्यकर्ता और सांसद हैं। इसके अलावा वह कुछ भी नहीं। राहुल गांधी को ज्यादा तवज्जो नहीं देनी चाहिए।
हाल ही में राहुल गांधी जब पार्टी के कील-कांटे दुरुस्त करने भोपाल आए थे तो उन्होंने वरिष्ठ नेताओं की ओर से अनर्गल बयानबाजी की भी चर्चा की थी। माना जा रहा है कि लक्ष्मण सिंह को बाहर का रास्ता दिखाकर ऐसे नेताओं को एक संदेश दिया गया है। लक्ष्मण सिंह पांच बार के सांसद और तीन बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1987 में राघोगढ़ से की थी। वह दो बार यहां से विधायक रहे। 2004 में वह भाजपा के टिकट पर भी राजगढ़ से सांसद रह चुके हैं। 2009 में यहां से हार के बाद वह भाजपा में भी बागी रुख अपना चुके थे। नितिन गडकरी पर टिप्पणियों के बाद उन्हें 2010 में भाजपा से निकाल दिया गया था।