दो दरोगा की फेक आईडी बनाकर 14 महिलाओं से ठगी, शातिरों ने इस तरह बुना जाल
पुलिस आयुक्त के पूर्व पीआरओ उपनिरीक्षक दीपक रानावत की फेक फेसबुक आईडी से मैनपुरी की महिला से 16 लाख ठगी करने वाले आरोपी मथुरा निवासी मुनफेद ने कुल 14 महिलाओं को इसी तरह से अपने जाल में फंसाया था।

पुलिस आयुक्त के पूर्व पीआरओ उपनिरीक्षक दीपक रानावत की फेक फेसबुक आईडी से मैनपुरी की महिला से 16 लाख ठगी करने वाले आरोपी मथुरा निवासी मुनफेद ने कुल 14 महिलाओं को इसी तरह से अपने जाल में फंसाया था। इन घटनाओं को अंजाम देने में उसने महाराजगंज जिले के परासामालिक थाने के उपनिरीक्षक अभिजीत सिंह के नाम की फेक आईडी का भी इस्तेमाल किया था। सभी महिलाओं से आरोपी को कुल 50 लाख रुपये नगद और जेवरात मिले थे।
पुलिस लाइन सभागार में बुधवार को डीसीपी क्राइम सरवणन टी. ने बताया कि ठगी के मामले में उपनिरीक्षक दीपक रानावत ने मंगलवार देर रात कैंट थाने में केस दर्ज कराया था। आरोप है कि उनके नाम और फोटो का इस्तेमाल इस्ते कर फेक फेसबुक आईडी, फर्जी पहचान पत्र बनवाकर लोक सेवा आयोग तथा अन्य सरकारी विभाग में नौकरी का झांसा देकर ठगी की जा रही है। इसी केस में एसओजी टीम ने मुनफेद को कैंट रेलवे स्टेशन की सेकेंड इंट्री की ओर से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि आरोपी ने दीपक रानावत की फेक आईडी से तीन और उपनिरीक्षक अभिजीत सिंह की फेक आईडी से 11 महिलाओं के साथ ठगी कर चुका है।
मैनपुरी की महिला हेला के साहस से खुली पोलः वाराणसी। मैनपुरी के आगरा रोड स्थित गोपीनाथ बस अड्डे के पास रहने वाली 48 साल की महिला ने बीते 27 मई को पुलिस आयुक्त से मामले में शिकायत की थी। बताया था कि दरोगा दीपक राणावत से उनकी जान-पहचान जुलाई 2024 में हुई थी। दीपकने बच्चे की नौकरी पुलिस अथवा संघलोकसेवा आयोग में कार्यरत दोस्त संदीप के जरिए दिल्ली हाईकोर्ट में स्टेनो के पद पर लगवाने की बात कही थी। उन्होंने संदीप को 16 लाख रुपये देने को कहा। इस तरह के संगीन आरोप को देखते हुए पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने 28 मई को डीसीपी क्राइम को जांच के लिए नामित किया था।
साथ ही निष्पक्ष जांच के लिए एसआई दीपक रानावत को पीआरओ पद से हटा दिया था। उधर, मामले में तस्वीर साफ होने पर उप निरीक्षक दीपक रानावत ने कहा किइस गिरफ्तारी से वर्दी पर की 'साख' भी बची। पुलिस के नाम पर भरोसा जीतकर ठगी करने वाला पकड़ा गया। ठगी के रुपये से बनवा लिया मकान मैनपुरी की जिस महिला से 16 लाख रुपये ठगे थे, मुनफेज ने गांव में नये मकान के निर्माण में लगा दिया। डीसीपी क्राइम ने बताया कि चूंकि ये पैसा अपराध के जरिये अर्जित है, इसलिए इस मकान को मुकदमे में अटैच किया जाएगा।
आरोपी मुनफेद पर तीन मुकदमे
मुनफेद पर वाराणसी के कैंट में एक केस दर्ज कराया गया है। अन्य जगहों के मामले सामने आते गोरखपुर में दरोगा अभिजीत सिंह ने केस दर्ज कराया। एक अन्य केस पहले से मथुरा में दर्ज है। लेकिन वह अज्ञात में था।
झारखंड के डीएसपी की फोटो मिली
आरोपी के मोबाइल में झारखंड में तैनात डीएसपी अशोक प्रियदर्शी की फोटो मिली है। वह डीएसपी के नाम की फेक आईडी बनाकर ठगी बनाकर अन्य महिलाओं के लिए जाल बिछाने वाला था।
ठगी के लिए इस तरह बुनता था जाल
आरोपी मथुरा के देवसेरस (गोवर्धन) निवासी मुनफेद ने बताया कि फेक फेसबुक आईडी के लिए वह ऐसे पुलिसकर्मियों को चुनता था, जो सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं। बढ़िया पर्सनॉलिटी वाले उप निरीक्षकों की तस्वीर निकालकर उनके नाम की फर्जी आईडी बनाता था। इसके बाद ऐसी महिलाओं को अपनी जाल में फंसाता था, जिनके पति का निधन हो चुका हो, जिनकी उम्र 35 से 45 साल के बीच हो। उनके घर में नौकरी या पैसे की सख्त जरूरत हो।
चैटिंग के दौरान वह महिलाओं को भावनात्मक तरीके से जाल में फंसाता था। फिर अपने आपको प्रभावशाली दर्शाते हुए पुलिस या फिर किसी भी विभाग में अपने दोस्त के जरिये नौकरी लगवाने की बात कहता था। वह अपने दोस्त संदीप के नाम पर किसी विभाग में नौकरी लगवाने की बात कहता था। जब पैसे लेने की बारी आती थी तो खुद संदीप बनकर जाता था। सभी 14 महिलाओं से वह संदीप के नाम से मिला और पैसे लिये। जिन महिलाओं के पास पैसे नहीं थे, उनसे वह जेवर ले लेता था।
टीम को 25 हजार नगद इनाम
डीसीपी क्राइम ने बताया कि आरोपी की पहचान कर गिरफ्तारी करने एसओजी प्रभारी मनीष मिश्रा, वरिष्ठ उप निरीक्षक रामकेवल यादव, उप निरीक्षक गौरव सिंह, विकास सिंह, हेड कांस्टेबल चंद्रभान यादव, प्रेम शंकर पटेल, सर्विलांस सेल से हेड कांस्टेबल संतोष पासवान, कांस्टेबल विवेक कुमार, प्रिस तिवारी थे। टीम को डीसीपी काशी जोन की ओर से 25 हजार रुपये का नगद इनाम दिये जाने की घोषणा की गई है।
वर्दी और फर्जी ज्वाइनिंग लेटर मिले
आरोपी खुद भी अक्सर पुलिस बनकर लोगों पर प्रभाव जमाता था। उसके पास से स्टार लगी वर्दी, सीटी, बैज, परिचय पत्र मिला है। इसके अलावा उसके पास से ठगी के मंगलसूत्र, लाकेट, अंगूठियां, टप्स, बिछिया, चेन, पायल आदि बरामद किया गया है। उसके पास से दो लिफाफे मिले हैं, ईस्टर्न रेलवे का फर्जी नियुक्ति पत्र, जिस पर रांगसू बिस्वास के हस्ताक्षर है। यह अकबरपुर की महिला के नाम से जारी है। एक अन्य नई दिल्ली लोक सेवा आयोग का फर्जी नियुक्ति पत्र है।
मथुरा की महिलाएं बनाई गईं निशाना
मथुरा/वाराणसी। आरोपी मुनफेद ने मथुरा की छह महिलाओं को शिकार बनाया है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर की एक, आगरा की तीन, मैनपुरी, दिल्ली, बलिया और हरियाणा के पलवल की एक महिला से ठगी की है। दरोगा दीपक रानावत के नाम पर आरोपी ने मैनपुरी की महिला से 16 लाख, आगरा की महिला से 50 हजार, मथुरा की महिला से 27 लाख रुपये ठगे हैं। मथुरा की जिस महिला से वह 19 सोने के सिक्के भी ले चुका था। अन्य महिलाओं से उपनिरीक्षक अभिजीत सिंह की फेक आईडी पर ठगी की थी।
धर्म छिपाकर सभी से संदीप बनकर मिलता था
आरोपी सभी महिलाओं से धर्म छिपाकर मिलता था और अपना नाम संदीप बताता था। पुलिस लाइन सभागार में मौजूद मैनपुरी की महिला अवाक रह गई, जब उसे युवक का वास्तविक नाम पता चला।