यूपी की दो सगी बहनें धर्मांतरण गैंग से जुड़ीं, फिल्म द केरल स्टोरी की तरह उनका हुआ ब्रेनवॉश
दोनों बहनें बीते 79 दिनों से लापता हैं। पुलिस जांच में सामने आया है कि वे किसी बड़े धर्मांतरण गिरोह का हिस्सा बन गई हैं, जिसका नेटवर्क पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली-एनसीआर तक फैला हुआ है।

फिल्म द केरल स्टोरी की तरह आगरा की सगी बहनों का पहले ब्रेनवॉश किया गया, फिर उनका धर्मांतरण कराया गया। चौंकाने वाली बात यह है कि अब दोनों बहनें धर्म विशेष के पक्ष में चल रही मुहिम से जुड़ गई हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आए तथ्यों ने पुलिस अधिकारियों को चौंका दिया है। दोनों बहनें बीते 79 दिनों से लापता हैं। पुलिस जांच में सामने आया है कि वे किसी बड़े धर्मांतरण गिरोह का हिस्सा बन गई हैं, जिसका नेटवर्क पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली-एनसीआर तक फैला हुआ है। मामला सदर क्षेत्र का है। 24 मार्च को सगी बहनें आगरा छोड़कर गई थीं।
उनके पिता ने उसी दिन सदर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस को बताया कि बड़ी बेटी एमफिल है। डीईआई से पढ़ी है। वर्ष 2021 में भी बड़ी बेटी घर से चली गई थी। बेटी की दोस्ती उधमपुर (जम्मू एंड कश्मीर) निवासी साईमा उर्फ खुशबू से थी। उसने ही बेटी का ब्रेन वॉश किया था। उस समय बड़ी बेटी उनके कहने पर बमुश्किल घर लौट आई थी। दोबारा घर आकर छोटी बेटी का दिमाग पलट दिया। अब उसको भी साथ लेकर गई है। इस सनसनीखेज मामले को सदर पुलिस ने उस समय गंभीरता से नहीं लिया। पीड़ित से बोल दिया गया कि दोनों बेटियां बालिग हैं। पुलिस क्या कर सकती है।
पिता बेटियों के लिए इधर-उधर भटकते रहे। सगी बहनों के आगरा से जाने के 41 दिन बाद चार मई को अपहरण की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। मुकदमे में साईमा उर्फ खुशबू नामजद है। सदर पुलिस सगी बहनों का कोई सुराग नहीं लगा पाई। आरोपित युवती कहां रहती है। क्या करती है। सदर पुलिस यह पता नहीं लगा पाई।
सगी बहनों के परिजन हर दिन यह सोचकर पुलिस के पास जाते रहे कि शायद कोई सूचना मिलेगी। चक्कर लगा-लगाकर वह हताश और निराश हो गए। सूत्रों की मानें तो जांच में आई जानकारियों ने अधिकारियों के भी होश उड़ा दिए हैं। सगी बहनें धर्मांतरण के पक्ष में मुहिम से जुड़ गई हैं। ठीक उसी अंदाज में जैसे फिल्म द केरल स्टोरी में युवतियां दूसरी युवतियों को फंसाया करती थीं।
साइबर क्राइम थाना पहुंची विवेचना
पुलिस आयुक्त दीपक कुमार को जानकारी हुई तो उन्होंने पूरे मामले पर नजर रखने की जिम्मेदारी एडीसीपी सिटी आदित्य को दी। करीब सात दिन पहले मुकदमे की विवेचना साइबर क्राइम थाना स्थानांतरित कर दी गई। पुलिस को सोशल मीडिया पर कुछ आईडी मिली हैं। पूरे मामले के तार पश्चिमी बंगाल, जम्मू एंड कश्मीर और दिल्ली एनसीआर से जुड़ रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि जल्द ही इस गैंग का बड़ा खुलासा हो सकता है
खुफिया एजेंसियों को नहीं दी गई जानकारी
इस मामले की जानकारी खुफिया एजेंसियों को नहीं दी गई है, जबकि यह मामला धर्मांतरण के साथ उसके पक्ष में चल रही मुहिम जुड़ा है। इस पर जिला स्तर से नहीं प्रदेश स्तर से छानबीन और कार्रवाई की जरूरत है। उन लोगों का बेनकाब होना जरूरी है जो इस गैंग से जुड़े हैं। पुलिस अब चेती है। पहले दिन से गंभीर होती तो मुकदमा लिखने में 41 दिन नहीं लगते। 79 दिन बीत चुके हैं। दोनों बहनें किस हाल में होगी यह चिंता परिजनों को सताए जाती है।
सोशल मीडिया पर नजर
आगरा से सगी बहनों के लापता होने और धर्मातरण गैंग से जुड़ने के मामले में पुलिस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भी खंगाल रही है। जांच के दौरान कुछ ऐसी आईडी सामने आई हैं जो धर्म परिवर्तन के समर्थन में सक्रिय हैं और युवाओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं। इन अकाउंट्स के जरिए दूसरा मजहब कबूल करने को प्रेरित किया जा रहा है। इन्हीं अकाउंट्स से बहुत कुछ जानकारी मिल सकती है
एडीसीपी सिटी, आदित्य ने इस बारे में कहा कि मामले में कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी होगा। यह एक बड़ा नेटवर्क हो सकता है। साइबर क्राइम थाना को विवेचना सौंपे जाने के पीछे कई तकनीकी कारण हैं। पुलिस की टीमें लगातार काम कर रही हैं। साइबर एक्सपर्ट्स ने कई महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाई हैं।