MP में अपनी ड्यूटी निभाने के लिए घूस मांग रहा था रेवेन्यू इंस्पेक्टर, ग्रामीण ने यूं सिखाया सबक
- पुलिस अधिकारी ने बताया कि घाटीगांव के तहसीलदार ने शिकायतकर्ता द्वारा खरीदी गई भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश पहले ही जारी कर दिए थे और राजस्व निरीक्षक नागर को भूमि की पैमाइश करने व अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया था।

मध्यप्रदेश के ग्वालियर से रिश्वतखोरी का एक मामला सामने आया है, जहां लोकायुक्त पुलिस ने राजस्व विभाग के एक निरीक्षक को अपनी ड्यूटी निभाने के बदले ग्रामीण से रिश्वत लेने के आरोप में रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। आरोपी ने ग्रामीण द्वारा खरीदी गई जमीन का माप करने और वहां से अतिक्रमण हटाने के बदले उससे 35,000 रुपए की रिश्वत मांगी थी, जिसकी शिकायत उसने लोकायुक्त पुलिस में कर दी। जिसके बाद उसे 30 हजार रुपए लेते हुए गिरफ्तार कर लिया गया।
लोकायुक्त विशेष पुलिस स्थापना (SPE) के पुलिस अधीक्षक (एसपी) राजेश मिश्रा ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि निरीक्षक दिलीप नागर को मंगलवार को ग्रामीण के घर पर रिश्वत की राशि लेते समय पकड़ा गया। उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता ने 16 अप्रैल को लोकायुक्त SPE से संपर्क किया था और बताया था कि आरोपी राजस्व निरीक्षक ग्वालियर जिले के दादोरी गांव में स्थित उसकी भूमि से अतिक्रमण हटाने और उसका माप करने के लिए 50,000 रुपए की रिश्वत मांग रहा है।
मिश्रा के अनुसार, घाटीगांव के तहसीलदार ने शिकायतकर्ता द्वारा खरीदी गई भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश पहले ही जारी कर दिए थे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि राजस्व निरीक्षक नागर को भूमि की पैमाइश करने और अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया था।
लोकायुक्त पुलिस में दर्ज शिकायत का हवाला देते हुए एसपी ने बताया कि निरीक्षक ने 35 हजार रुपए में काम करने के लिए सहमति जताई और पांच हजार रुपए अग्रिम राशि भी ले ली। उन्होंने बताया कि नागर को रिश्वत की शेष 30,000 रुपए की राशि लेते समय पकड़ा गया। एसपी के मुताबिक, नागर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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