किसका लेटर आया और मेघालय पुलिस ने रॉकेट की रफ्तार पकड़ ली! सोनम-राजा रघुवंशी केस का गेमचेंजर
राजा रघुवंशी मर्डर केस में मेघालय पुलिस ने कई बड़े खुलासे किए हैं। उनकी पत्नी सोनम को मुख्य साजिशकर्ता बताते हुए गिरफ्तार किया है। लेकिन पुलिस की कार्रवाई एक लेटर मिलने के बाद तेज हुई थी।

इंदौर के नवविवाहित कपल राजा और सोनम रघुवंशी का मेघालय में हनीमून एक रहस्यमयी हादसे में बदल गया। हनीमून पर गए राजा रघुवंशी की हत्या हो गई और उनकी पत्नी सोनम लापता। ये केस पूरे देश की सुर्खियों में था। लेकिन इस केस में टर्निंग पॉइंट तब आया, जब राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने सख्ती दिखाते हुए मेघालय पुलिस को अल्टीमेटम दे डाला। एनसीडब्ल्यू ने बकायदा मेघालय के डीसीपी को लेटर लिखा और तीन दिन में जवाब मांगा। इसके बाद मेघालय पुलिस ने केस की गुत्थी सुलझाने में रफ्तार पकड़ ली।
NCW का लेटर के बाद बढ़ी जांच की रफ्तार
राष्ट्रीय महिला आयोग ने मेघालय के डीजीपी इदाशीशा नोंग्रांग को पत्र लिखकर राजा रघुवंशी की हत्या और सोनम की गुमशुदगी पर तीन दिन में विस्तृत रिपोर्ट मांगी। शिलांग टाइम्स की एक खबर के अनुसार, महिला आयोग ने बांग्लादेश में मानव तस्करी की आशंका वाली मीडिया रिपोर्ट्स का स्वत: संज्ञान लिया। आयोग की अध्यक्ष विजया राहटकर ने पुलिस को ड्रोन, डॉग स्क्वॉड और विशेष जांच टीमों के साथ सोनम की तलाश तेज करने का आदेश दिया। इस लेटर ने मेघालय पुलिस को हिलाकर रख दिया और जांच ने अचानक रॉकेट की रफ्तार पकड़ ली।
हनीमून से हत्याकांड तक: क्या है पूरा मामला?
11 मई 2025 को इंदौर में शादी के बंधन में बंधे राजा और सोनम 20 मई को हनीमून के लिए शिलांग पहुंचे। 23 मई को नोंग्रियाट गांव के लिविंग रूट्स ब्रिज देखने के बाद दोनों लापता हो गए। 2 जून को वेइसावदोंग झरने के पास एक खाई में राजा का शव मिला, जिसकी पहचान उनके ‘राजा’ टैटू से हुई। पोस्टमॉर्टम में हत्या की पुष्टि हुई, क्योंकि उनके सिर पर धारदार हथियार से दो गहरे घाव थे। सोनम का कोई सुराग नहीं मिला, जिससे मानव तस्करी की आशंका गहरा गई।
बांग्लादेश कनेक्शन: मानव तस्करी का डर
केस में सनसनी तब फैली, जब पुलिस को दंपति की किराए की स्कूटी बांग्लादेश सीमा के पास ओसरा हिल्स में लावारिस मिली। राजा के भाई विपिन रघुवंशी ने दावा किया कि स्थानीय लोगों ने बताया कि इस इलाके में पर्यटक जोड़ों को निशाना बनाकर महिलाओं को अगवा किया जाता है। NCW ने भी अपने बयान में बांग्लादेश में बढ़ती मानव तस्करी पर चिंता जताई, खासकर जब खून से सने कपड़े और संदिग्धों के साथ दंपति को देखे जाने की खबरें सामने आईं।
NCW की सख्ती
NCW के पत्र के बाद मेघालय पुलिस ने SIT का गठन किया और जांच में तेजी लाई। ड्रोन और डॉग स्क्वॉड को तैनात किया गया। फोरेंसिक जांच के लिए सबूत भेजे गए, और सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। होटल मैनेजर और टूरिस्ट गाइड से पूछताछ हुई, जिन्होंने दंपति को आखिरी बार 23 मई को देखा था। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी गृह मंत्री अमित शाह से CBI जांच की मांग की, जिससे पुलिस पर दबाव और बढ़ गया।
सस्पेंस का नया ट्विस्ट
17 दिन की गहन तलाश के बाद, सोनम को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक ढाबे पर बदहवास हालत में पाया गया। मेघालय पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया और 72 घंटे की ट्रांजिट रिमांड पर शिलांग ले गई। हालांकि, सोनम की चुप्पी और उनके पिता के दावे कि पुलिस उन्हें फंसा रही है, ने केस को और उलझा दिया। क्या सोनम पीड़ित हैं या कुछ और राज है? यह सवाल अब भी अनसुलझा है।