लड़की बहन योजना से सूखा खजाना, तो महंगी कर दी शराब; महाराष्ट्र में नया फॉर्मूला
महाराष्ट्र में सरकार ने 180 एमएल बोतल की कीमतों में भी बदलाव किया है। इसके तहत पहले 70 रुपये में आने वाली देशी शराब 80 रुपये की होगी, एमएमएल 148 और IMFL 205 रुपये की होगी।

नकदी संकट से जूझती महाराष्ट्र सरकार ने खजाना भरने का दूसरा रास्ता खोजा है। खबर है कि राज्य सरकार ने भारत में बनने वाली विदेशी शराब पर शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है। इसके अलावा देशी शराब की भी कीमतें बढ़ने के आसार हैं। खास बात है कि यह फैसला ऐसे समय पर लिया गया है, जब राज्य लड़की बहिन योजना में भुगतान के चलते नकदी संकट का सामना कर रहा है।
खबर है कि IMFL को बनाने की लागत से तीन गुना से बढ़ाकर शुल्क 4.5 गुना (260 रुपये प्रति बल्क लीटर) करने का फैसला किया है। राज्य सरकार ने देशी शराब पर भी ड्यूटी 180 रुपये से बढ़ाकर प्रति प्रूफ लीटर 205 रुपये कर दी है। सरकार ने MML यानी महाराष्ट्र में बनने वाली शराब का एक नया वर्ग भी शुरू किया है, जिसका निर्माण स्थानीय लोग करेंगे। हालांकि, इसके लिए लाइसेंस की जरूरत होगी।
महाराष्ट्र में सरकार ने 180 एमएल बोतल की कीमतों में भी बदलाव किया है। इसके तहत पहले 70 रुपये में आने वाली देशी शराब 80 रुपये की होगी, एमएमएल 148 और IMFL 205 रुपये की होगी। साथ ही प्रीमियम विदेशी शराब जो पहले 210 रुपये की थी, उसे बढ़ाकर अब 360 रुपये करने का फैसला किया है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि ड्यूटी बढ़ाने के बाद सरकार के खजाने में 14 हजार करोड़ रुपये ज्यादा आ सकते हैं।
अजित पवार ने लाडकी बहिन योजना के भुगतान में चूक स्वीकार की
जून की शुरुआत में ही महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने माना कि पिछले साल शुरू हुई लाडकी बहिन योजना के तहत वित्तीय सहायता का भुगतान सभी महिला आवेदकों को करके “चूक” हुई। पवार ने कहा कि जांच के माध्यम से इस गलती को ठीक किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल वास्तविक लाभार्थियों को ही सहायता प्राप्त हो।
वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे पवार ने बारामती में संवाददाताओं से कहा, “हमने सभी महिला आवेदकों को वित्तीय लाभ देकर गलती की। हमारे पास आवेदनों की जांच करने और अयोग्य लोगों की पहचान करने के लिए बहुत कम समय था। उस समय, दो से तीन महीने में चुनावों की घोषणा होनी थी।” हालांकि, उन्होंने कहा कि महिलाओं के बैंक खातों में जमा धनराशि वापस नहीं ली जाएगी।
पवार ने कहा, “जब इस योजना की शुरुआत की गई थी, तो सरकार ने अपील की थी कि केवल पात्र महिलाएं ही आवेदन करें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसकी जांच की जा रही है। केवल जरूरतमंद महिलाओं को ही मासिक सहायता राशि मिलेगी।”