कोरोना से लगातार दूसरे दिन 7 मौतें, सबसे ज्यादा इस राज्य पर असर; 5 हजार के करीब एक्टिव केस
कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि स्थिति अभी नियंत्रण में है। लोगों से सतर्कता बरतने और स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का पालन करने का आग्रह किया गया है।

भारत में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। देश ने लगातार दूसरे दिन सात कोविड से संबंधित मौतें दर्ज की हैं। इनमें से सबसे ज्यादा तीन मौतें महाराष्ट्र और दो मौतें दिल्ली में हुई हैं। दिल्ली में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 562 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में कुल सक्रिय कोविड मामले 4,866 तक पहुंच गए हैं, जिसमें केरल, दिल्ली और महाराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित राज्य हैं।
दिल्ली में गुरुवार को दो कोविड से संबंधित मौतें दर्ज की गईं। इनमें एक पांच महीने का शिशु शामिल है, जिसे पहले से दौरे की बीमारी थी, और एक 87 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति, जो हृदय और किडनी की बीमारियों से पीड़ित था। दोनों की मृत्यु कोविड-19 के साथ अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हुई। दिल्ली में इस साल अब तक कोविड से कुल सात मौतें हो चुकी हैं, और बुधवार को 105 नए मामले सामने आए।
महाराष्ट्र ने सबसे अधिक तीन कोविड मौतें दर्ज कीं, जहां सभी मृतक बुजुर्ग थे और पहले से अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त थे। कर्नाटक में भी दो मौतें हुईं, जिनमें एक 65 वर्षीय कैंसर रोगी और एक 42 वर्षीय व्यक्ति शामिल था, जिसे सांस संबंधी बीमारी थी। देश में इस साल कोविड से होने वाली मौतों की कुल संख्या अब 51 तक पहुंच गई है, जिसमें महाराष्ट्र में सबसे अधिक 17, केरल में 9, दिल्ली में 7 और कर्नाटक में 6 मौतें शामिल हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि कोविड के अधिकांश मरीजों में हल्के लक्षण हैं और वे घर पर ही ठीक हो रहे हैं। हालांकि, जिन लोगों की मृत्यु हो रही है, उनमें ज्यादातर पहले से मौजूद गंभीर बीमारियां जैसे कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह और श्वसन समस्याएं थीं। मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को किसी भी संभावित संकट से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश जारी किए हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि हालिया उछाल के पीछे ओमिक्रॉन के चार सब-वेरिएंट (LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1) जिम्मेदार हैं। इनमें NB.1.8.1 एक नया सब-वेरिएंट है, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 'वेरिएंट अंडर मॉनिटरिंग' के रूप में वर्गीकृत किया है। यह सब-वेरिएंट भारत में तमिलनाडु से लिए गए कम से कम एक नमूने में पाया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि टीकाकरण या पिछले संक्रमण से मिली प्रतिरक्षा समय के साथ कम हो रही है, जिससे लोग पुन: संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो रहे हैं।
देश में कोविड की स्थिति पर नजर रखने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने आपदा प्रबंधन सेल, आपातकालीन प्रबंधन प्रतिक्रिया (EMR) सेल, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC), भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) के साथ बैठकें की हैं। दिल्ली में केंद्रीय सरकारी अस्पतालों और सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों के साथ भी कोविड स्थिति और तैयारियों का मूल्यांकन किया गया है।