ट्रंप के रेसिप्रोकल टैक्स का खतरा नजदीक, अचानक अमेरिका रवाना हुए पीयूष गोयल
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ लगाने की धमकियों के बीच सोमवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल अचानक अमेरिका रवाना हो गए हैं। इससे पहले कई बार तय बैठकों को रद्द कर दिया गया था।
भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल सोमवार को अचानक अमेरिका दौरे के लिए अमेरिका रवाना हो गए हैं। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कुछ ही हफ्तों में भारत समेत कई देशों पर रेसिप्रोकल टैक्स लगाने की घोषणा कर सकते हैं। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि पहले से तय बैठकों को रद्द करने के बाद पीयूष गोयल का यह दौरा बेहद अप्रत्याशित है। खबरों के मुताबिक इस दौरे के लिए 8 मार्च तक का कार्यक्रम तय है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस यात्रा पर फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की है।
गौरतलब है कि ट्रंप ने इससे पहले पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से ठीक पहले भारत सहित दुनिया के कई देशों पर पारस्परिक शुल्क यानी जैसे को तैसा टैक्स लगाने की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री के साथ बातचीत के दौरान भी ट्रंप ने अपनी इस फैसले को सही ठहराया था और उन्होंने कहा था कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर बहुत अधिक शुल्क लगता है और अमेरिका भी अब ऐसी ही नीति अपनाने जा रहा है। वहीं पिछले महीने पीएम मोदी के अमेरिका के आधिकारिक दौरे पर भारत और अमेरिका ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का संकल्प लिया था।
पीयूष गोयल के दौरे पर क्या संभावनाएं?
सूत्रों के मुताबिक पीयूष गोयल अपने इस दौरे पर ट्रंप के रेसिप्रोकल टैक्स पर चीजों को स्पष्ट करने की कोशिश करेंगे। इस दौरान भारत पर इसके संभावित प्रभाव का आकलन करने की कोशिश भी होगी। साथ ही कहा गया है वे भारतीय निर्यातकों के लिए रियायतें मिलने की संभावना पर भी चर्चा करेंगे। वहीं द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए तैयार किए गए व्यापार सौदे पर भी बातचीत होगी।
भारत को हो सकता है इतना नुकसान
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने कई मौकों पर कहा है कि वह अप्रैल की शुरुआत में पारस्परिक शुल्क लगाने का इरादा रखते हैं। इस खबर से भारतीय एक्सपोर्टर्स, खास तौर पर ऑटोमोबाइल और कृषि क्षेत्र में चिंताएं बढ़ गई हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक सिटी रिसर्च के विश्लेषकों का अनुमान है कि इस तरह के टैरिफ से भारत को सालाना 7 बिलियन डॉलर तक का नुकसान हो सकता है।
भारत ने उठाए हैं कदम
इस बीच व्यापार तनाव को कम करने के लिए भारत ने पहले ही कुछ वस्तुओं पर टैरिफ कम करने के लिए कदम उठाए हैं। हाई-एंड मोटरसाइकिलों पर टैरिफ 50 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत कर दिया गया है। वहीं बॉर्बन व्हिस्की पर लगने वाले टैरिफ को 150 प्रतिशत से घटाकर 100 प्रतिशत कर दिया गया है। भारत ने अन्य टैरिफ की समीक्षा करने, ऊर्जा आयात बढ़ाने और अमेरिका से अधिक रक्षा उपकरण खरीदने का भी वादा किया है।