'भारी मुनाफे में तेल कंपनियां, बीजेपी का भर रहा खजाना', कांग्रेस ने कैग ऑडिट की रखी मांग
- अलका लाम्बा ने कहा, ‘भाजपा सरकार ने महंगाई से मुंह मोड़ लिया है। इनका एकमात्र लक्ष्य है कि कैसे सरकारी और निजी कंपनियों की जेब भरी जाए। देश का आम आदमी इस महंगाई का खामियाजा भुगत रहा है।’

कांग्रेस ने महंगाई का मुद्दा उठाते हुए केंद्र सरकार पर मंगलवार को निशाना साधा। पार्टी की ओर से कहा गया कि महंगाई आसमान छू रही है और जरूरी वस्तुओं के दाम आम लोगों की पहुंच से बहुत दूर हो गए हैं। नरेंद्र मोदी सरकार इस बारे में आंख मूंदे है और जनता को महंगाई से राहत देने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। महिला कांग्रेस अध्यक्ष अलका लाम्बा ने नई दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में कहा, 'महंगाई चरम पर पहुंच गई है लेकिन सरकार इस ओर ध्यान ही नहीं दे रही है। महंगाई के कारण आम लोगों का जीवन कठिन हो गया है। इसलिए सरकार को इस मुद्दे पर संसद में चर्चा करानी चाहिए और इसके लिए संसद का विशेष सत्र बुलाना चाहिए।'
अलका लाम्बा ने कहा, 'भाजपा सरकार ने महंगाई से मुंह मोड़ लिया है। इनका एकमात्र लक्ष्य है कि कैसे सरकारी और निजी कंपनियों की जेब भरी जाए। देश का आम आदमी इस महंगाई का खामियाजा भुगत रहा है। आज अगर हम देश भर में पेट्रोल-डीजल की कीमतों की तुलना करें तो-2014 में पेट्रोल की कीमत 72 रुपए प्रति लीटर थी, लेकिन आज यही आंकड़ा 98 से 100 रुपए प्रति लीटर तक है।' उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में डीजल 55 प्रति लीटर था जबकि भाजपा सरकार में 88 रुपए प्रति लीटर हो गया है। कांग्रेस की सरकार में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9.20 रुपये थी, आज वही बढ़कर 19.90 रुपए हो गई है। डीजल पर 2014 में एक्साइज ड्यूटी 3.46 रुपये थी, आज वही बढ़कर 15.80 रुपए हो गई है।
'महंगाई के खिलाफ देश भर में आंदोलन'
कांग्रेस ने कहा कि यूपीए सरकार में कच्चे तेल की कीमत 108 डॉलर प्रति बैरल थी, लेकिन आज 65.31 डॉलर प्रति बैरल है। कच्चे तेल की कीमतों में 40 प्रतिशत गिरावट आई है, लेकिन न पेट्रोल-डीजल की कीमत कम हो रही है, न एक्साइज ड्यूटी कम हो रही है। उल्टे तेल कंपनियां तगड़ा मुनाफा कमा रही हैं। अलका लाम्बा ने कहा, 'हम महंगाई के खिलाफ देश भर में आंदोलन कर रहे हैं। आज देश की महिलाएं महंगाई से त्रस्त हैं और वे हमारे साथ आंदोलन में जुड़ रही हैं। दिल्ली, केरल, राजस्थान, यूपी, पंजाब, अंडमान-निकोबार, गोवा, पुड्डुचेरी, हरियाणा समेत कई राज्यों में हमने सड़क पर उतरकर महंगाई के खिलाफ आवाज बुलंद की है। मैं खुद, आने वाली 17, 18, 19 अप्रैल को बिहार में महंगाई के खिलाफ जारी इस आंदोलन का हिस्सा बनूंगी। ये मामला जनता से लूट-खसोट और कंपनियों को मुनाफा पहुंचाने का है, जिसका एकमात्र लक्ष्य मुनाफा कमाने वाली कंपनियों से भाजपा के खजाने में चंदा लेना है।'
महंगाई पर संसद में विशेष सत्र बुलाने की मांग
अलका लाम्बा ने कहा, 'हमारी मांग है कि इस मामले में कैग ऑडिट किया जाए। अगर ये नहीं होगा तो साफ हो जाएगा कि इस पूरे मामले में भाजपा की मिलीभगत है।' उन्होंने कहा कि घरेलू सिलिंडर की कीमतों को देखेंगे तो 2014 में यह 414 रुपये थी। इसमें सब्सिडी भी दी जाती थी लेकिन आज सब्सिडी खत्म करके सिलिंडर की कीमत 1,103 रुपये कर दी गई है। आज हम पूछना चाहते हैं कि भाजपा ने राजस्थान में 450 रुपये का गैस सिलिंडर देने की बात कही थी, आखिर वो सिलिंडर कहां है। चुनावी जुमले देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह इस पर जवाब दें और तत्काल कदम उठाते हुए एलपीजी, पेट्रोल और डीजल के दाम को तुरंत कम करें। जरूरी सामानों की कीमतों पर नियंत्रण के लिए सख्त नीति लाई जाए और महिलाओं व गरीब परिवारों के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा की जाए। महंगाई पर संसद में विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए, जिसमें श्वेतपत्र जारी कर पूरी चर्चा की जाए।’