तुर्की के बॉयकॉट के सवाल पर कन्नी काटने लगे कांग्रेस प्रवक्ता, वीडियो वायरल; भाजपा ने कसा तंज
कांग्रेस प्रवक्ताओं का वीडियो वायरल हो रहा है। तुर्की के बहिष्कार पर जवाब देने के बजाय पवन खेड़ा और जयराम रमेश एक दूसरे की ओर माइक बढ़ाते दिखे। देखें वीडियो।

कांग्रेस पार्टी की बुधवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में तुर्की और अजरबैजान के बहिष्कार को लेकर पूछे गए सवाल पर पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और पवन खेड़ा जवाब देने से कतराते नजर आए। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की ओर माइक पास करते हुए सवाल को टालने की कोशिश की, जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस मुद्दे पर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या हुआ?
कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक पत्रकार ने तुर्की के खिलाफ भारत में बढ़ते बहिष्कार के आह्वान पर पार्टी का रुख पूछा। ये दोनों देश खुलकर पाकिस्तान का समर्थन करते दिखे थे। ऐसे में सवाल का जवाब देने के बजाय, कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश और मीडिया एवं प्रचार विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा एक-दूसरे को माइक पास करते नजर आए। पवन खेड़ा ने आखिर में कहा, "हम इस मुद्दे पर बाद में बात करेंगे।" इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद बीजेपी ने इसे कांग्रेस की "राष्ट्र-विरोधी" मानसिकता का सबूत बताया।
बीजेपी का हमला
बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इस घटना पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस देश के व्यापक जनभावनाओं के साथ तालमेल बिठाने में असमर्थ है। उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, "तुर्की और अजरबैजान द्वारा आतंकी देश पाकिस्तान को दिए जा रहे समर्थन से देश गुस्से में है। इन देशों के साथ व्यापार और पर्यटन का बहिष्कार करने की मांग बढ़ रही है और निजी नागरिक एकजुटता में खड़े हो रहे हैं। लेकिन कांग्रेस पार्टी खुद को भारतीय लोगों की व्यापक भावना के साथ भी नहीं जोड़ पा रही है। कोई आश्चर्य नहीं कि यह जनता से इतनी कटी हुई है। यह अपनी राजनीतिक गुमनामी और पूर्ण अलगाव की हकदार है।"
कांग्रेस का पलटवार
जवाब में, कांग्रेस ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर फैसले लेना सरकार का काम है, न कि विपक्ष का। पवन खेड़ा ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, "चूंकि यह सवाल बीजेपी के एक पदाधिकारी ने उठाया है, इसलिए प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्री एस. जयशंकर को तुरंत स्पष्ट करना चाहिए कि क्या भारत सरकार ने तुर्की के साथ सभी राजनयिक और व्यापारिक संबंध तोड़ दिए हैं और क्या भारत में तुर्की का दूतावास बंद कर दिया गया है।"
जयराम रमेश ने भी इस मुद्दे पर बीजेपी को घेरते हुए कहा, "इसी तरह, प्रधानमंत्री कार्यालय और एस. जयशंकर को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि मोदी सरकार ने चीन के साथ सामान्यीकरण की प्रक्रिया क्यों शुरू की, जबकि वह भारतीय क्षेत्र में अतिक्रमण कर रहा है। साथ ही, 19 जून 2020 को प्रधानमंत्री ने चीन को अतिक्रमण के लिए क्लीन चिट देकर राष्ट्रीय हितों को क्यों नुकसान पहुंचाया?"
तुर्की और अजरबैजान के बहिष्कार की मांग तेज
तुर्की और अजरबैजान ने हाल ही में भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया था, जिसके बाद भारत में इन देशों के खिलाफ व्यापार और पर्यटन बहिष्कार की मांग तेज हो गई थी। कई निजी नागरिकों और संगठनों ने इस आह्वान का समर्थन किया है। हालांकि, कांग्रेस ने इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने से परहेज किया, जिसे बीजेपी ने जनता की भावनाओं के खिलाफ बताया।