भारत से तनाव के दौरान पाकिस्तान की चीन ने की थी मदद? CDS ने दे दिया जवाब
यह पूछे जाने पर कि क्या चीन ने संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को कोई उपग्रह इमेजरी या अन्य वास्तविक समय की खुफिया जानकारी प्रदान की है, चौहान ने कहा कि ऐसी इमेजरी व्यावसायिक रूप से उपलब्ध थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच कई दिनों तक चले तनाव के दौरान चीन भी काफी चर्चा में रहा। उसने पाकिस्तान को समर्थन देने का ऐलान किया। अब चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा है कि यूं तो पाकिस्तान और चीन के बीच काफी करीबी संबंध हैं, लेकिन तनाव के दौरान चीन की ओर से पाकिस्तान की किसी भी वास्तविक मदद का कोई संकेत नहीं था।
न्यूज एजेंसी ‘रॉयटर्स’ के अनुसार, सीडीएस चौहान ने कहा, "जबकि यह सब (अप्रैल) 22 से हो रहा था, हमें अपनी उत्तरी सीमाओं की परिचालन या सामरिक गहराई में कोई असामान्य गतिविधि नहीं मिली, और सब कुछ सामान्य रूप से ठीक था।" यह पूछे जाने पर कि क्या चीन ने संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को कोई उपग्रह इमेजरी या अन्य वास्तविक समय की खुफिया जानकारी प्रदान की है, चौहान ने कहा कि ऐसी इमेजरी व्यावसायिक रूप से उपलब्ध थी और इसे चीन के साथ-साथ अन्य सोर्सेज से भी प्राप्त किया जा सकता था।
उन्होंने साफ किया कि भारत सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अगर पाकिस्तान से कोई और आतंकवादी हमला होता है तो उसका सटीक और निर्णायक तरीके से जवाब देगी। इसलिए जहां तक सशस्त्र बलों का सवाल है, इसकी अपनी गतिशीलता है। इसके लिए हमें 24/7 तैयार रहने की आवश्यकता होगी।
बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया था, जिसके तहत पीओके और पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए गए। इसमें जैश और लश्कर के 100 से ज्यादा आतंकी ढेर हुए थे। इस दौरान भारत और पाकिस्तान में तनाव चरम पर पहुंच गया था। तुर्की और चीन जैसे देशों से पाकिस्तान को सपोर्ट मिला।
भारत के रक्षा मंत्रालय के तहत एक शोध समूह के अनुसार, संघर्ष के दौरान चीन ने पाकिस्तान को हवाई रक्षा और उपग्रह सहायता प्रदान की थी। नई दिल्ली स्थित सेंटर फॉर जॉइंट वारफेयर स्टडीज के महानिदेशक अशोक कुमार ने एक इंटरव्यू में कहा था कि चीन ने पाकिस्तान को अपने रडार और वायु रक्षा प्रणालियों को पुनर्गठित करने में मदद की, ताकि भारत के सैनिकों और हथियारों की तैनाती का अधिक प्रभावी ढंग से पता लगाया जा सके।