वही पुराने सवाल पूछ रही ईडी, मुझे तो BJP सीएम ने दी थी क्लीन चिट; समन को वाड्रा ने बताया साजिश
- प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने दावा किया कि अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार को लेकर हाल ही में सोशल मीडिया पर उनके बयान के बाद से ही परेशानियां शुरू हुईं।

बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा ने हरियाणा के गुरुग्राम में 2008 के जमीन सौदे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा समन और पूछताछ को "राजनीतिक साजिश" करार दिया है। वाड्रा ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है और यह कदम कांग्रेस नेताओं को निशाना बनाने का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह सब तब शुरू हुआ जब उन्होंने अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के खिलाफ सोशल मीडिया पर आवाज उठाई और राजनीति में प्रवेश की इच्छा जताई।
"मैं अन्याय के खिलाफ लड़ता रहूंगा, कोई नहीं रोक सकता"
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए वाड्रा ने कहा, “यह पूरी तरह से राजनीतिक प्रतिशोध है। एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। जब कोई मुख्यमंत्री पद के लिए संभावित उम्मीदवार होता है या कोई पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर रही होती है, तो एजेंसियां उसके पीछे पड़ जाती हैं। क्या किसी बीजेपी मंत्री या सदस्य को ईडी ने कभी समन किया है? क्या बीजेपी के सभी नेता निर्दोष हैं? उन पर कोई आरोप नहीं हैं? कई आरोप हैं...।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं वो व्यक्ति हूं जो दबाव में और मजबूत होता है। मेरे साथ लोग हैं, मैं उनके लिए बोलता हूं, जब इस पार्टी द्वारा लोगों पर अन्याय किया जाता है। मैं अन्याय के खिलाफ हूं और इसके खिलाफ लड़ता रहूंगा, कोई मुझे रोक नहीं सकता।”
वही पुराने सवाल पूछे जा रहे - वाड्रा
वाड्रा ने दावा किया कि उनसे वही पुराने सवाल पूछे जा रहे हैं, जिनका जवाब वे पहले ही 2019 में दे चुके हैं। उन्होंने कहा, “यह वही पुराने सवाल हैं जिनके जवाब मैंने 2019 में दिए थे। इनका कोई आधार नहीं है। कोई गलत काम नहीं किया गया है। इस केस में खुद बीजेपी के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दो बार मुझे क्लीन चिट दी है, फिर अब समन क्यों?”
उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व पर लगे आरोपों को भी राजनीति से प्रेरित बताया। प्रियंका गांधी के पति ने आगे कहा, “नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट और मुझे समन एक ही दिन में भेजा गया — यह बीजेपी का राजनीतिक कैंपेन है और ईडी का दुरुपयोग है। यह केवल मीडिया के माध्यम से यह दिखाने की कोशिश है कि हमने कुछ गलत किया है, जबकि सच्चाई यह है कि कुछ भी गलत नहीं किया गया है।”
क्या राजनीति में एंट्री करेंगे वाड्रा?
राजनीति में प्रवेश को लेकर पूछे गए सवाल पर वाड्रा ने कहा, “अगर लोग चाहेंगे, तो मैं जरूर राजनीति में आऊंगा, अपने परिवार के आशीर्वाद से। मैं कांग्रेस के लिए मेहनत करूंगा। ये ईडी के समन तो चलते रहेंगे क्योंकि हम जनता के लिए लड़ते हैं, अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हैं और आगे भी ऐसा करते रहेंगे।”
उन्होंने दावा किया कि अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार को लेकर हाल ही में सोशल मीडिया पर उनके बयान के बाद से ही परेशानियां शुरू हुईं। वाड्रा ने कहा, “कुछ दिन पहले मैंने सोशल मीडिया पर अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई, और तभी से यह परेशानी शुरू हुई। मैंने जब कहा कि लोग मुझे राजनीति में देखना चाहते हैं, तभी से यह सब शुरू हुआ।”
अंत में उन्होंने कहा, “सच्चाई यह है कि उनके पास कुछ भी नहीं है। वे चाहे जितना फर्जी दिखाएं, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकलेगा। लोग समझते हैं, जानते हैं और अब इन चीजों का कोई असर नहीं पड़ता — बल्कि इससे हम और मजबूत होते हैं।”
वाड्रा के खिलाफ क्या है मामला?
बता दें कि गुरुग्राम जमीन सौदा मामला 2008 का है, जब वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने शिखोपुर में 3.5 एकड़ जमीन को ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 7.5 करोड़ रुपये में खरीदा था। बाद में इस जमीन को डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेचा गया। बीजेपी ने इस सौदे में अनियमितताओं का आरोप लगाया था, हालांकि हरियाणा सरकार ने 2023 में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में कहा था कि इस सौदे में कोई नियम तोड़ा नहीं गया। वाड्रा ने कहा कि वह पिछले 20 सालों में 15 बार समन का सामना कर चुके हैं और हर बार 10 घंटे से ज्यादा की पूछताछ का सामना किया है। उन्होंने 23,000 दस्तावेज जांच एजेंसी को सौंपे हैं और दावा किया कि इस मामले में कोई सबूत नहीं है।