आदत से बाज ही नहीं आता... बात करके क्यों जाया करें कीमती वक्त; पाक पर भड़के जयशंकर
- विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि मुंबई हमले के बाद भारत ने अपनी सोच और रणनीति दोनों में बड़ा बदलाव किया, लेकिन पाकिस्तान आज भी उन्हीं पुरानी साजिशों और गलत हरकतों में संलिप्त है।

पाकिस्तान की हरकतों पर एक बार फिर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दो टूक जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि एक दौर था जब हर बार हमला होता था, और हम सिर्फ निंदा कर के चुप बैठ जाते थे। मगर 26/11 का मुंबई हमला वो मोड़ साबित हुआ जिसने भारत की नीति, सोच और अंदाज-ए-बयां को पूरी तरह से बदल दिया। अब बात सिर्फ जवाब की नहीं है, बात ये है कि पाकिस्तान जैसे मुल्क पर अपना कीमती वक्त जाया करने का कोई मतलब नहीं रह गया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि 2008 के मुंबई आतंकी हमले से पाकिस्तान के साथ संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया क्योंकि उस समय भारतीयों ने सामूहिक रूप से महसूस किया कि पड़ोसी देश के इस तरह के व्यवहार को अब बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। एक सत्र को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान पहले जैसा ही है, काश उसके अंदर भी कुछ बदलाव होता।
चारोतार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में एक संवाद सत्र को संबोधित करते हुए जयशंकर ने पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत में आए परिवर्तन का जिक्र किया।
पाक जैसा था वैसा ही है: एस जयशंकर
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसके विपरीत, पाकिस्तान जैसा था, वैसा ही बना हुआ है और वह अब भी गलत हरकतों में संलिप्त है। यह पूछने पर कि भारत सरकार अब सार्वजनिक रूप से पाकिस्तान पर शायद ही कभी चर्चा करती है, जयशंकर ने स्पष्ट किया कि उस (पाकिस्तान) पर ‘कीमती समय’ बर्बाद करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने कहा, “भारत बदल गया है। काश! मैं कह पाता कि पाकिस्तान बदल गया है। दुर्भाग्य से, वे कई मायनों में गलत हरकतों में अब भी लिप्त हैं। मैं कहूंगा कि 26 नवंबर का मुंबई आतंकवादी हमला एक महत्वपूर्ण मोड़ था। मुझे लगता है कि उस समय भारतीय जनता और सभी राजनीतिक दलों ने कहा था कि अब अति हो गई।”
यूपीए सरकार पर भी साधा निशाना
जयशंकर ने वर्ष 2008 में सत्ता में रही कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए, “मुझे लगता है कि समाज में यह भावना बहुत प्रबल थी, लेकिन उस समय सरकार द्वारा इसे पूरी तरह से नहीं समझा गया होगा, जो एक अलग मामला है।”
गुजरात से राज्यसभा सदस्य जयशंकर ने कहा, “2014 के बाद जब सरकार बदली तो पाकिस्तान को यह सख्त संदेश दिया गया कि अगर आतंकवादी गतिविधियां जारी रहीं तो इसके परिणाम भुगतने होंगे।”
जयशंकर ने कहा, “इस अवधि के दौरान हमने आर्थिक और राजनीतिक रूप से प्रगति की है तथा दुनिया में हमारी स्थिति में सुधार हुआ है। लेकिन पाकिस्तान पुरानी नीति पर ही चलता रहा।’’ जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान में संघर्ष से भी कुछ हासिल करने की कोशिश कर रहा था, जब अमेरिका और नाटो वहां मौजूद थे।
पाकिस्तान का दोहरा चरित्र: विदेश मंत्री
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान दोहरा चरित्र अपना रहा था। वह तालिबान और दूसरे पक्ष के साथ भी दोहरा चरित्र अपना रहा था। लेकिन, जब अमेरिकी चले गए तो दोहरा चरित्र जारी नहीं रह सका। इस दोहरे चरित्र से उन्हें जो भी लाभ मिल रहा था, वह भी खत्म हो गया। इसके अलावा, जिस आतंकवाद उद्योग को उन्होंने बढ़ावा दिया था, वह उन्हें ही नुकसान पहुंचाने लगा।”
उन्होंने कहा कि भारत नयी ऊचाइयों पर पहुंच गया है लेकिन आतंकवाद का ठप्पा उन (पाकिस्तान) पर चिपका हुआ है। मंत्री ने पूछा, “आज हमारा ब्रांड तकनीक है। यही अंतर है। अगर आतंकवाद होता है तो हम जवाब देंगे लेकिन मैं अपना कीमती समय उन पर क्यों खर्च करूं?”
केंद्रीय मंत्री ने वर्ष 2020 में गलवान घाटी में भारत-चीन गतिरोध पर कहा कि प्रधानमंत्री ‘बहुत स्पष्ट थे और भारत की प्रतिक्रिया के बारे में उनके दिमाग में कोई दूसरा विचार नहीं था। उन्होंने कहा, “पहली ही बैठक में यह घोषित कर दिया गया था कि हम जवाब देंगे। इसलिए निर्णय लिया गया क्योंकि इसमें विश्वास था। और जब आप निर्णय ले लेते हैं तो कोई न कोई रास्ता खोजना ही होता है। और आप उसे खोज लेते हैं।”