बोले सहरसा : दंडात्मक कार्रवाई पर लगे रोक, नियमित की जाए हमारी सेवा
लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत कार्यरत स्वच्छता कर्मी अपनी 13 सूत्री मांगों के साथ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। वे स्थायी नौकरी, सम्मानजनक वेतन और आकस्मिक मृत्यु पर 25 लाख रुपये की सहायता की मांग...
पंचायत से लेकर हर गली-मोहल्ले को स्वच्छ रखने के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना लोहिया स्वच्छ अभियान को धरातल पर लाने की जिम्मेदारी स्वच्छता कर्मियों ने निभाई। इसे शत प्रतिशत लागू करवाकर सफल बनाया लेकिन आज खुद को असफल महसूस कर रहे हैं। अपने स्थायी करण सहित विभिन्न मांगों को लेकर दर-दर की ठोकर खा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार हमलोगों की सेवा स्थायी करे। सम्मानजनक वेतन दे। सेवा काल में दुर्घटना या सामान्य मृत्यु होने पर बीआरडीएस के अनुरूप राशि 25 लाख करे। हिन्दुस्तान के साथ संवाद के दौरान स्वच्छता कर्मियों ने अपनी परेशानी बताई।
13 सूत्री मांग पूरी कराने को लेकर कर्मी लगातार कर रहे प्रयास
08 अप्रैल से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर हैं, नहीं हो रही सुनवाई
25 लाख सेवा काल में आकस्मिक मौत एवं स्थायी दुर्घटना पर देने की मांग
विभिन्न प्रखंडों में पदस्थापित लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के प्रखंड समन्वयकों ने सरकार से अपनी विभिन्न मांगों को पूरा करने की अपील की है। इसको लेकर प्रमंडल स्तर पर भी स्थानीय विधायक सांसद, मंत्री को ज्ञापन देकर अपनी समस्या बताई है। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार के महत्वकांक्षी योजना को हम लोग धरातल पर शत प्रतिशत उतारने का काम कर रहे हैं। लेकिन अब हम लोग का जीवन यापन सही से नहीं हो पा रहा है।
ऐसे में सरकार यदि हमारी मांगें पूरी करेगी तो हम लोग भी अपने घर परिवार को सही से चलते हुए अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दे पाएंगे। विभाग द्वारा हम लोगों को बिना वजह कार्रवाई करने की धमकी दी जाती है। जबकि हम लोग अपने काम को ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रखंड समन्वयकों के न्याययोचित मांग को यथाशीघ्र पूरा करें नहीं तो हमलोग सरकार एवं विभाग के विपरीत जाकर के आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे। हम लोग सरकार एवं विभाग के सभी नियमों को पालन करते हुए क्षेत्र में काम करते हैं। लेकिन परिणाम शून्य के बराबर है। बीआरएलपीएस के दो विंग हैं। जिसमें एक जीविका कर्मी दूसरा लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान कर्मी। एक ही सोसायटी के अंतर्गत कार्यरत जीविका कर्मी का सेवा नियमावली वेतन भत्ता एवं अन्य सुविधाओं की तुलना में लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान कर्मियों का वेतन भत्ता एवं अन्य सुविधा बहुत कम प्राप्त हो रहा है। विभाग द्वारा मानदेय पुनरीक्षण हेतु कमेटी गठन किया गया है एवं 15 कार्य दिवस के अंदर अनुशंसा सहित प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश दिया गया है, जो अभी तक लंबित पड़ा हुआ है। हमारे मांगे पूरी की जाएं ताकि हम भी तनावमुक्त होकर काम कर सकें।
जीविका बीपीएम के समतुल्य वेतन, भत्ता व सुविधा मिले
लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान अंतर्गत कार्यरत प्रखंड समन्वयक की 1.9.2017 से लागू सेवा नियमावली को संशोधित कर कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा अथवा जीविका बीपीएम के समतुल्य वेतन भत्ता एवं अन्य सुविधाएं लागू होना चाहिए। प्रखंड समन्वयकों ने कहा हम प्रखंड समन्वयक को प्रखंड से लेकर जिला स्तर तक प्रताड़ित किया जाता है। प्रखंड समन्वयक प्रखंड विकास पदाधिकारी के अंदर तकनीकी सहयोगी के रूप में कार्यरत हैं। जिनके पास किसी भी तरह का वित्तीय अधिकार नहीं है। धीमी प्रगति एवं कार्य में अभिरुचि की कमी का हवाला देकर विभाग द्वरा स्पष्टीकरण,निलंबन सहित दंडात्मक कार्रवाई कर दी जाती है। कई महीने वेतन रोक दिया जाता है। ऐसे हमलोग आर्थिक और मानसिक रूप से तनाव में रहते हैं। ऐसे में सरकार के द्वारा हमलोगों के हित में यदि काम करेगी तो हमारा घर परिवार भी सही से चल सकेगा। उन्होंने कहा कि इससे भी ज्यादा विभाग के द्वारा हमलोगों पर जबरन जबरन कार्य मुक्त करने हेतु राज्य कार्यालय को अनुशंसित कर दी जाती है। जिसके आधार पर कार्य मुक्त भी कर दिया जाता है। धीमी प्रगति एवं प्रशासनिक दृष्टि से की गई दंडात्मक कार्रवाई को अविलंब सरकार द्वारा वापस ली जाए।
शिकायत
1. विभाग द्वारा गलत तरीके से कार्रवाई की जाती है जो गलत है।
2. अपने विभाग के कार्य को छोड़कर अन्य कार्य में मजिस्ट्रेट ड्यूटी में लगाया जाता है।
3. वर्षों से हम लोग अपनी मांग के लिए आंदोलन कर रहे हैं फिर भी सुनवाई नहीं हो रही है।
4. सरकार की योजना को शत प्रतिशत लागू करने में लगे हैं। फिर भी हम सब उपेक्षित हैं।
सुझाव
1. विभाग द्वारा की जा रही कार्रवाई पर सरकार को रोक लगानी चाहिए।
2. हम लोगों से सिर्फ अपने विभाग का काम लिया जाए।
3. 13 सूत्री लंबित मांग को सरकार द्वारा ध्यान देते हुए पूरा किया जाना चाहिए।
4. हमलोगों की सेवा को स्थायी किया जाना चाहिए। इससे लाभ मिलेगा।
हमारी भी सुनें
कार्यहित में क्षेत्रीयता एवं क्षेत्रीय भाषा के आधार पर नियुक्त प्रखंड संवन्यवक को अपने गृह जिला में पदस्थापित किया जाए।
राजेन्द्र कुमार
विभाग द्वारा की जा रही गलत तरीके से कार्रवाई पर सरकार के द्वारा अविलंब रोक लगाई जानी चाहिए। हमें स्थायी करें।
अभिषेक कुमार
परियोजना समाप्ति के उपरांत भी समकक्ष पद पर बिहार सरकार के अन्य विभाग में समान आयोजन किया जाए।
रमण कुमार राणा
हमलोगों से चुनाव आपदा एवं विधि व्यवस्था संबंधित मजिस्ट्रेट ड्यूटी में कार्य लिया जाता है। इससे विभाग का कार्य बाधित होता है।
मनीषा कुमारी
प्रखंड समन्वयक सह सचिव प्रखंड परियोजना अनुश्रवण इकाई नियम अनुसार वित्तीय व अन्य अधिकार दिया जाए।
धीरेंद्र मोहन झा
हम लोगों की सेवा का सरकार द्वारा स्थायी करण किया जाना चाहिए। वर्षों से मांग लंबित है। जिस पर सरकार ध्यान दे।
मो इम्तियाज आलम
विभाग के अधिकारियों द्वारा की जा रही परेशानी पर रोक लगाई जाए सरकार स्वच्छता कर्मी की परेशानी पर ध्यान दें।
अजय कुमार ठाकुर
सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को सफल बनाने का काम हम लोग करते हैं फिर भी विभाग कार्रवाई के नाम पर परेशान करता है।
खुशबू कुमारी
सेवा काल में दुर्घटना या सामान्य मृत्यु होने पर बीआरडीएस अनुरूप अनुग्रह राशि 25 लख रुपए एवं संबंधी प्रस्ताव स्वीकृत किया जाए।
संतोष कुमार
सेवा काल में दुर्घटना या सामान्य मृत्यु होने पर 25 लाख का मुआवजा मिलना चाहिए।हमलोग सरकार से मांग करते हैं।
शिक्षा शुभम
हम लोगों को विभागीय कार्य के अतिरिक्त अन्य कार्यों में प्रतिनियुक्त नहीं किया जाना चाहिए। लंबित सुविधा दी जाए।
पूनम देवी
अनुभव आधारित प्रोत्साहन राशि बिना शर्त नियुक्ति की तिथि से पूर्व कार्य अनुभव की गणना करते वंचित सभी प्रखंड संवन्यवक का वेतन फिटमेंट किया जाना चाहिए।
दिलीप कुमार
सम्मानजनक वेतन पूणरीक्षण एवं वेतनमान सहित विभिन्न प्रकार के लंबित मांग को अविलंब पूरा करते सुविधा दिया जाए।
सुशील कुमार सुमन
विगत 14 वर्षों से नियुक्त एवं कार्यरत प्रखंड संवन्यवक की सेवा बिना शर्त 60 वर्ष तक किया जाना चाहिए। अन्य मांग पूरा हो
नेहा सिंह
वर्षों से लंबी 13 सूत्री मांग को सरकार पूरा करें अन्यथा हम लोग उग्र आंदोलन करने जो मजबूर हो जाएंगे।
देवेंद्र कुमार देव
सरकार हमलोगों का सेवा स्थायी करते हुए सभी मांगों पर सीघ्र सुनवाई होनी चाहिए। जिससे हम सही से काम कर सकें।
राजकिशोर झा
बोले जिम्मेदार
प्रखंड संवन्यवक अपनी 13 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं।उनकी जो भी मांग है वो राज्य स्तर का मामला है। सभी प्रखंड संवन्यवकों ने अपना मांग पत्र विभाग को भी भेजा है। इसमें जो कार्रवाई होगी वह राज्य स्तर का मामला है। हमलोगों को जो पत्र दिया गया है। उसको आगे भेज दिए हैं।
-सचिन कुमार चौधरी , जिला समन्वयक स्वच्छता
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