वक्फ कानून रद्द नहीं हुआ तो हर मोर्चे पर होगा मुकाबला, मुस्लिम संगठनों की NDA को दो-टूक
- ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदर खालिद सईफुल्लाह रहमानी, AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी, यूपी के शिया लीडर मौलाना कल्बे जवाद जैसे कई अहम शख्सियतों ने एक मंच से हुंकार भरी।

दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में मंगलवार को हुए एक बड़े संवेलन में देशभर की मुस्लिम संगठनों और लीडरों ने बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार को वक्फ कानून को लेकर सख्त लहजे में चेताया। उन्होंने साफ कहा कि अगर वक्फ कानून को फौरन वापस नहीं लिया गया, तो एनडीए के तमाम घटक दलों को मुस्लिम समाज की नाराजगी का सामना करना पड़ेगा।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदर खालिद सैफुल्लाह रहमानी, AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी, यूपी के शिया लीडर मौलाना कल्बे जवाद जैसे कई अहम शख्सियतों ने मंच से हुंकार भरी। उन्होंने कहा कि वक्फ बिल का समर्थन करने वाले दलों ने मुसलमानों की पीठ में छुरा घोंपा है। अब इन्हीं दलों की जिम्मेदारी है कि वो केंद्र सरकार पर दवाब डालें ताकि ये कानून फौरन रद्द किया जाए।
BJP के घटक दलों को चेतावनी
जिन दलों का नाम लिया गया उनमें, नितीश कुमार की जेडीयू, चिराग पासवान की एलजेपी, जीतनराम मांझी की हम पार्टी, चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी और जयंत चौधरी की आरएलडी शामिल हैं। नेताओं ने कहा कि अगर ये दल चुप रहे तो मुस्लिम समाज हर गली-हर चौराहे पर इनसे सवाल करेगा।
इस आंदोलन को समाजवादी पार्टी और आरजेडी का भी खुला समर्थन मिला। एसपी सांसद धर्मेंद्र यादव और मोहिबुल्लाह नदवी ने कहा कि वो मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ खड़े हैं। आरजेडी नेता मनोज झा ने वक्फ कानून को संविधान विरोधी बताते हुए इसे नकार दिया।
खास बात ये रही कि बीजेपी से कभी करीबी रखने वाले शिया लीडर कल्बे जवाद भी इस बार विरोध में सामने आ गए। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इसे मुसलमानों की जायदाद पर हमला बताया। वहीं, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव फजलुर रहीम मुजद्दिदी ने एनडीए के नेताओं को सीधे लहजे में कहा कि अगर आपने अपनी गलती नहीं सुधारी तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें।
सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई
इस पूरे मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में भी चल रही है, जहां सौ से ज्यादा याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं। सरकार ने कोर्ट को भरोसा दिया है कि अगली सुनवाई तक वक्फ प्रॉपर्टी की लिस्ट में कोई बदलाव नहीं होगा और न ही वक्फ बोर्ड में नई नियुक्तियां होंगी।