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झेलम नदी में अचानक आई बाढ़, पाक मीडिया ने भारत पर लगाया आरोप, इमरजेंसी का ऐलान

भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल समझौते को रद्द किए जाने को लेकर चल रहे तनाव के बीच पाकिस्तानी मीडिया ने झेलम नदी को लेकर भारत पर बड़ा आरोप लगाया है। हालांकि भारत की ओर से इस पर फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की गई है।

Jagriti Kumari लाइव हिन्दुस्तानSat, 26 April 2025 09:47 PM
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झेलम नदी में अचानक आई बाढ़, पाक मीडिया ने भारत पर लगाया आरोप, इमरजेंसी का ऐलान

India-Pakistan Tension: पहलगाम हमले के बाद बढ़े तनाव के बीच पाकिस्तानी मीडिया ने भारत पर बड़ा आरोप लगाया है। पाकिस्तान की डॉन न्यूज के मुताबिक पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद जिले के आसपास जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और बाढ़ के हालात बन रहे हैं। इस बीच इलाके में वाटर इमरजेंसी भी लगा दी गई है। पाकिस्तानी मीडिया ने इन सब का आरोप भारत पर लगाया है। दुनिया न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने पाकिस्तान को बिना सूचित किए झेलम नदी का पानी छोड़ दिया है जिससे यह हालात बन गए हैं।

इन रिपोर्ट्स में बताया गया है कि स्थानीय प्रशासन ने हट्टियन बाला में आपातकाल लागू कर लोगों को अलर्ट कर दिया है। वहीं मस्जिदों में घोषणाओं के जरिए स्थानीय लोगों को चेतावनी भी दी गई है। दुनिया न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि इस खबर के सामने आने के बाद नदी किनारे रहने वाले लोगों में दहशत फैल गई है। रिपोर्ट के मुताबिक पानी भारत में अनंतनाग से होकर पाकिस्तान के चकोठी इलाके से होकर बह रहा है।

सिंधु जल समझौता रद्द

इससे पहले भारत ने पहलगाम हमले पर सख्त एक्शन लेते हुए पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए हैं। भारत ने सिंधु जल समझौते को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का ऐलान किया है और फिलहाल केंद्र सरकार उन तीन नदियों के पानी की के अधिकतम उपयोग करने के तरीकों पर योजना बना रही है, जिनका इस्तेमाल पाकिस्तान सिंधु जल संधि के तहत कर रहा था।

भारत बना रहा है रणनीति

शुक्रवार को गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में 1960 की सिंधु जल संधि पर भविष्य की कार्रवाई के संबंध में चर्चा की गई है। विश्व बैंक की मध्यस्थता वाली संधि के तहत भारत को पूर्वी नदियों, सतलुज, ब्यास और रावी के पानी पर विशेष अधिकार दिए गए थे, जिसका औसत वार्षिक प्रवाह लगभग 33 मिलियन एकड़ फुट (एमएएफ) है। वहीं पश्चिमी नदियों-सिंधु, झेलम और चिनाब का पानी बड़े पैमाने पर पाकिस्तान को आवंटित किया गया था, जिसका औसत वार्षिक प्रवाह लगभग 135 एमएएफ है। संधि के स्थगित होने के बाद सरकार सिंधु, झेलम और चिनाब के पानी का उपयोग करने के तरीकों पर विचार कर रही है।

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बौखलाया हुआ है पाकिस्तान

शुक्रवार की उच्च स्तरीय बैठक के बाद जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल ने कहा है कि सरकार यह सुनिश्चित करने की रणनीति पर काम कर रही है कि पानी की एक भी बूंद पाकिस्तान में न जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कई निर्देश जारी किए हैं और उन पर अमल के लिए यह बैठक आयोजित की गई। शाह ने बैठक में उनके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कई सुझाव दिए। बैठक के बाद जल शक्ति मंत्री ने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करेंगे कि भारत से पानी की एक भी बूंद पाकिस्तान में न जाए।’’ वहीं इन कार्रवाइयों के बीच पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। जल-बंटवारे के समझौते पर भारत के फैसले के जवाब में पाकिस्तान की सीनेट ने एक प्रस्ताव में कहा है कि भारत का यह कदम युद्ध की कार्रवाई के बराबर है।