India was ready for Operation Sindoor 2 Pakistan started pleading Inside story of ceasefire पाकिस्तान पर एक और हमले के लिए तैयार था भारत, भीख मांगने लगा पड़ोसी; सीजफायर की इनसाइड स्टोरी, India News in Hindi - Hindustan
Hindi NewsIndia NewsIndia was ready for Operation Sindoor 2 Pakistan started pleading Inside story of ceasefire

पाकिस्तान पर एक और हमले के लिए तैयार था भारत, भीख मांगने लगा पड़ोसी; सीजफायर की इनसाइड स्टोरी

India-Pakistan: पाकिस्तान के महानिदेशक सैन्य संचालन (DGMO) काशिफ अब्दुल्ला ने सुबह 10:38 बजे भारत के डीजीएमओ को फोन कर कराची पोर्ट पर संभावित ब्रह्मोस मिसाइल हमले की बात कही और प्रतिघात की धमकी दी।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 18 May 2025 10:44 AM
share Share
Follow Us on
पाकिस्तान पर एक और हमले के लिए तैयार था भारत, भीख मांगने लगा पड़ोसी; सीजफायर की इनसाइड स्टोरी

India-Pakistan Tension: 7 मई को हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत द्वारा आतंकवादी ढांचों को ध्वस्त करने के बाद 10 मई की सुबह भारतीय मिसाइलों ने पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस को निशाना बनाया। इसके तुरंत बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया और इस्लामाबाद ने अमेरिका से तत्काल हस्तक्षेप की भीख मांगी। भारतीय नौसेना द्वारा कराची नौसैनिक अड्डे पर संभावित हमले की खबरों ने पाकिस्तान की सैन्य व्यवस्था को पूरी तरह झकझोर दिया। इसके बाद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने 10 मई की सुबह भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से संपर्क करने के लिए आपात प्रयास किए।

अमेरिकी सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने अमेरिका को बताया कि वह तत्काल युद्धविराम चाहता है, हालांकि भारत की ओर से साफ कर दिया गया कि किसी भी सैन्य कार्रवाई का निर्णय डीजीएमओ चैनल से ही होगा क्योंकि इस समय सेना ही पूरे अभियान का नेतृत्व कर रही है।

पाकिस्तान के महानिदेशक सैन्य संचालन (DGMO) काशिफ अब्दुल्ला ने सुबह 10:38 बजे भारत के डीजीएमओ को फोन कर कराची पोर्ट पर संभावित ब्रह्मोस मिसाइल हमले की बात कही और प्रतिघात की धमकी दी। हालांकि, भारतीय पक्ष पूरी तरह तैयार था और किसी प्रकार के दबाव में नहीं आया।

भारत की ओर से किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया में संयम और आत्मविश्वास दोनों स्पष्ट नजर आए। पाकिस्तान के विदेश मंत्री और पारंपरिक सहयोगियों द्वारा बार-बार किए गए फोन कॉल्स को भारत ने अनदेखा कर दिया। भारत का साफ मानना था कि अब कोई भी रणनीतिक बातचीत सिर्फ सैन्य माध्यमों से ही होगी।

10 मई के मिसाइल हमले के बाद पाकिस्तान की 11 वायुसेनाओं के ठिकाने निष्क्रिय हो चुके थे और हवाई सुरक्षा प्रणाली पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी थी। भारत की वायुसेना के राफेल विमानों, ब्रह्मोस मिसाइलों, ड्रोन और लूटरिंग म्यूनिशन ने असाधारण प्रदर्शन किया। यहां तक कि चीन से प्राप्त एयर डिफेंस सिस्टम भी या तो नष्ट हो गए या इलेक्ट्रॉनिक जामिंग के कारण निष्क्रिय हो गए।

भारत ने संघर्षविराम क्यों स्वीकारा?

भारतीय रणनीतिकारों ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत ने संघर्षविराम को इसलिए स्वीकार किया क्योंकि मिशन के लक्ष्य पूर्ण रूप से प्राप्त हो चुके थे। पाकिस्तान की ओर से कोई और प्रभावी सैन्य प्रतिक्रिया अब संभव नहीं थी। इसके अलावा, भारत नहीं चाहता था कि पाकिस्तान पश्चिमी देशों के समक्ष पीड़ित देश के रूप में प्रस्तुत हो।

चीनी और तुर्की को लेकर भारत सतर्क

रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान की वायु रणनीति में चीनी और तुर्की सैन्य सलाहकारों की भूमिका रही। इस पर भारत ने संकेत दिए हैं कि भविष्य में ऐसे आतंक समर्थक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई संभव है। भारत अब पारंपरिक युद्ध की जगह स्टैंड-ऑफ वेपंस और ड्रोन युद्ध प्रणाली पर अधिक ध्यान दे रहा है। वर्ष 2028 तक भारत में 31 अमेरिकी ‘प्रिडेटर’ सशस्त्र ड्रोन आने वाले हैं, साथ ही कम लागत वाले स्वार्म ड्रोन और हाई-एल्टीट्यूड अटैक ड्रोन के स्वदेशी विकास पर तेजी से काम चल रहा है।

सिंधु जल संधि की समाप्ति

अगले महीने भारत के सिंधु जल संधि को निलंबित करने की योजना पाकिस्तान के लिए एक और झटका साबित हो सकती है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंक के खिलाफ लड़ाई में अब आत्मनिर्भरता और निर्णायक सैन्य क्षमता ही उसका मार्गदर्शक सिद्धांत होगा।