संसदीय क्षेत्रों को लेकर परिसीमन पर 25 साल और लगे रोक, एमके स्टालिन के पैनल ने पास किया प्रस्ताव
- प्रस्ताव में कहा गया, 'लोकतंत्र के चरित्र को सुधारने के लिए केंद्र सरकार की ओर से परिसीमन प्रक्रिया में स्पष्पता होनी चाहिए, ताकि सभी राज्यों के राजनीतिक दल, राज्य सरकारें और दूसरे हितधारक इस पर विचार-विमर्श, चर्चा और योगदान कर सकें।'

संयुक्त कार्रवाई समिति (JAC) ने शनिवार को परिसीमन के मुद्दे पर प्रस्ताव पास किया। इसमें केंद्र सरकार से पारदर्शिता की कमी को लेकर चिंता जताई गई है। जेएसी ने केंद्र सरकार से मांग रखी कि किसी भी परिसीमन प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता होनी चाहिए। साथ ही, 1971 की जनगणना के आधार पर संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों पर लगाई गई रोक को अगले 25 वर्षों तक बढ़ा दिया जाए। प्रस्ताव में कहा गया, 'लोकतंत्र के चरित्र को सुधारने के लिए केंद्र सरकार की ओर से परिसीमन प्रक्रिया में स्पष्पता होनी चाहिए, ताकि सभी राज्यों के राजनीतिक दल, राज्य सरकारें और दूसरे हितधारक इस पर विचार-विमर्श, चर्चा और योगदान कर सकें।'
प्रस्ताव में आगे कहा गया, '42वें, 84वें और 87वें संवैधानिक संशोधनों का उद्देश्य उन राज्यों को प्रोत्साहित करना था, जिन्होंने जनसंख्या नियंत्रण उपायों को प्रभावी ढंग से लागू किया है। साथ ही, राष्ट्रीय जनसंख्या स्थिरीकरण का लक्ष्य अभी तक हासिल नहीं हुआ है। इसलिए 1971 की जनगणना के आधार पर संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों पर लगाई गई रोक को अगले 25 वर्षों तक बढ़ाया जाए।' तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली जेएसी ने केंद्र सरकार से उन राज्यों को दंडित न करने की रखी, जिन्होंने जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू किया है।
प्रस्ताव में क्या रखी गई मांग
जेएसी ने प्रस्ताव में कहा, 'जिन राज्यों ने जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू किया है और जिनकी जनसंख्या हिस्सेदारी कम हो गई है। अब उन्हें दंडित नहीं किया जाना चाहिए। इसके लिए केंद्र सरकार को आवश्यक संवैधानिक संशोधन करने होंगे।' एमके स्टालिन ने कहा कि मौजूदा जनसंख्या के आधार पर प्रस्तावित परिसीमन भाजपा नीत केंद्र सरकार की अपनी गुप्त मंशा को लागू करने की चाल है और इसे स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों, एक उपमुख्यमंत्री और 20 से अधिक राजनीतिक दलों के नेताओं की मौजूदगी में पहली JAC की बैठक हुई। इस दौरान स्टालिन ने कहा कि भाजपा हमेशा से ऐसी पार्टी रही है, जो राज्यों को उनके अधिकारों से वंचित करती है।