भयावह दृश्य था, कल्पना से परे; रामबन में भारी बारिश से मची तबाही के बाद लोगों की दर्दनाक दास्तां
- स्थानीय निवासी ने कहा कि हमें नहीं पता था कि मदद के लिए किससे संपर्क करें या अब क्या करें; हमें कुछ भी पता नहीं था। ये दुकानें ही हमारी आजीविका का एकमात्र स्रोत थीं। अब हमारे पास न तो कोई दुकान है और न ही कोई जमीन।

जम्मू-कश्मीर के रामबन में भारी बारिश और ओलावृष्टि के बाद जिले के कई हिस्सों में लैंडस्लाइड हो गई। इससे कई इमारतें और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। स्थानीय लोगों ने सरकार से मदद और पुनर्वास की गुहार लगाई है। उनका दावा है कि उन्होंने अपनी दुकानें और आजीविका खो दी है। स्थानीय दुकानदार रवि कुमार ने न्यूज एजेंसी 'एएनआई' से कहा, "बाजार में मेरी दो दुकानें थीं। जब हमें सुबह 4 बजे पता चला कि पूरा बाजार बह गया है, तो हम यहां पहुंचे और पाया कि यहां कुछ भी नहीं बचा है। हमें नहीं पता था कि मदद के लिए किससे संपर्क करें या अब क्या करें; हमें कुछ भी पता नहीं था। ये दुकानें ही हमारी आजीविका का एकमात्र स्रोत थीं। अब हमारे पास न तो कोई दुकान है और न ही कोई जमीन।''
उन्होंने अपनी दर्दनाक दास्तां सुनाते हुए कहा कि मैं सरकारों से अनुरोध करता हूं कि वे आएं और हमारी मदद करें... यह बहुत ही भयावह दृश्य था, कल्पना से परे... हम चाहते हैं कि हमारे ऋण माफ किए जाएं, हमारे पास कुछ भी नहीं बचा है... एक अन्य स्थानीय निवासी प्रदीप सिंह राजू ने मुख्यमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह से अनुरोध किया कि वे उन लोगों को मुआवजा प्रदान करें जिन्होंने बाढ़ में अपनी आजीविका खो दी है। उन्होंने कहा, “इस बाजार में करीब 20-25 दुकानें थीं... बाजार में करीब 20-25 मोटरसाइकिलें खड़ी थीं और सुबह करीब 3.30 बजे पूरा बाजार बह गया। मैं मुख्यमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह से अनुरोध करना चाहता हूं कि वे उन लोगों को मुआवजा दें जिन्होंने इस बाढ़ में अपनी आजीविका खो दी है... प्रभावित लोगों का पुनर्वास किया जाना चाहिए... दुकानदारों ने अपना सब कुछ खो दिया है।”
उपायुक्त बसीर-उल-हक चौधरी ने कहा कि रविवार को जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में भूस्खलन के बाद दो बच्चों सहित तीन लोगों की मौत हो गई। उपायुक्त चौधरी ने कहा कि इस घटना में करीब 200-250 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। उन्होंने कहा, "लगातार बारिश और बादल फटने के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर बंद हो गया है। रामबन में मकान और होटल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बघाना गांव में भूस्खलन के कारण दो मकान ढह गए, जहां 3 लोगों की मौत हो गई। करीब 200-250 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। सबसे ज्यादा नुकसान रामबन कस्बे में हुआ है। बचाव अभियान चलाया जा रहा है। एनडीआरएफ की टीम रास्ते में है और सभी स्थानीय टीमें भी यहां तैनात हैं।"