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मीडिया से नहीं होगा गठबंधन; पापा-चाचा करें बात, ठाकरे परिवार के अंदर से आ गया बड़ा संकेत

ठाकरे परिवार की तीसरी पीढ़ी यानी राज ठाकरे के बेटे अमित ने कहा कि दोनों पार्टी प्रमुखों यानी उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे को गठबंधन पर आपस में बातचीत करना चाहिए। यह गठबंधन मीडिया के जरिए नहीं हो सकता है।

Pramod Praveen भाषा, मुंबईThu, 5 June 2025 04:54 PM
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मीडिया से नहीं होगा गठबंधन; पापा-चाचा करें बात, ठाकरे परिवार के अंदर से आ गया बड़ा संकेत

महाराष्ट्र के एक और बड़े सियासी परिवार यानी ठाकरे परिवार में भी एका और सुलह की अटकलों की बातें कई हफ्तों से मीडिया की सुर्खियां बन रहीं हैं। अब ठाकरे परिवार की ही तीसरी पीढ़ी के एक शख्स ने इस बावत बड़ा संकेत और संदेश दिया है और कहा है कि एकता और गठबंधन के लिए ठाकरे परिवार से जुड़ी दोनों पार्टियों के मुखियाओं यानी पापा (राज ठाकरे और चाचा उद्धव ठाकरे) को आपस में बात करनी चाहिए।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के नेता और पार्टी संस्थापक राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे ने बृहस्पतिवार को कहा कि गठबंधन मीडिया में बात करने से नहीं होता है, इसलिए शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे और MNS प्रमुख राज ठाकरे को गठबंधन की किसी भी संभावना को लेकर एक-दूसरे से बात करनी चाहिए। बता दें कि राज ठाकरे, उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई हैं।

राज ठाकरे भी सुलह के दे चुके हैं संकेत

उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने इस बात का संकेत देने वाले बयान देकर संभावित सुलह की अटकलों को हवा दे दी है कि वे ‘‘छोटे-मोटे मुद्दों’’ को नजरअंदाज कर सकते हैं और लगभग दो दशक के कटुतापूर्ण मतभेदों के बाद हाथ मिला सकते हैं। MNS प्रमुख ने कहा है कि मराठी मानुष के हित में एकजुट होना कठिन नहीं है और उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह छोटी-मोटी लड़ाइयां किनारे रखने के लिए तैयार हैं, बशर्ते कि महाराष्ट्र के हितों के खिलाफ काम करने वालों को तरजीह न दी जाए।

दोनों भाइयों को बात करनी चाहिए

राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘दोनों भाइयों को बात करनी चाहिए। (दोनों के अलावा) इस मुद्दे पर हमारे बात करने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मुझे दोनों भाइयों के साथ आने से कोई दिक्कत नहीं है लेकिन मैंने 2014, 2017 (तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के साथ गठबंधन करने के मनसे के असफल प्रयास का संदर्भ) में यह देखा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना वायरस महामारी के दौरान भी जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे, तब राज ठाकरे ने उनका समर्थन किया था। अगर वह (उद्धव) चाहें तो फोन कर सकते हैं। मीडिया में बात करने से गठबंधन नहीं होता। उनके पास एक-दूसरे के मोबाइल नंबर हैं, वे एक-दूसरे से बात कर सकते हैं।’’पिछले साल राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान अपने पहले चुनाव में हार का सामना करने वाले अमित ठाकरे की टिप्पणी शिवसेना (उबाठा) नेता आदित्य ठाकरे के इस बयान के बाद आई है कि अगर कोई महाराष्ट्र के हितों की रक्षा के लिए साथ आना चाहता है, तो ‘‘हम भी उन्हें साथ लेकर चलेंगे।’’

सुबह-सुबह बोलने वाले.…किसे बेवकूफ बना रहे?

उद्धव ठाकरे के बेटे एवं राज्य के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि इस मामले में उनकी पार्टी की मंशा बिल्कुल साफ है। शिवसेना (उबाठा) सांसद संजय राउत पर निशाना साधते हुए अमित ठाकरे ने कहा, ‘‘सुबह-सुबह बोलने वाले....आप किसे बेवकूफ बना रहे हैं?’’ राउत ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों से कहा कि उनकी पार्टी के नेता शिवसेना (उबाठा) और मनसे के बीच गठबंधन को लेकर बहुत सकारात्मक हैं। राउत ने कहा, ‘‘हमारे विचार स्पष्ट हैं। महाराष्ट्र के हित में हम कोई भी त्याग कर सकते हैं।’’

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मनसे के नेता प्रकाश महाजन ने बुधवार को कहा कि अगर शिवसेना (उबाठा) दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर वाकई गंभीर है तो उसके नेता आदित्य ठाकरे को आगे आकर राज ठाकरे से मिलना चाहिए। महाजन ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता वाली शिवसेना (उबाठा) में ‘‘उचित’’ कद के किसी नेता को संभावित गठबंधन पर चर्चा के लिए मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के पास जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर किसी कनिष्ठ नेता को बातचीत के लिए भेजा जाता है तो राज ठाकरे भी किसी कनिष्ठ पदाधिकारी को भेजेंगे।

महाजन ने कहा, ‘‘अगर गठबंधन करना है तो आदित्य ठाकरे को आगे आना चाहिए और राज साहेब के विचारों को समझना चाहिए। अगर आदित्य ठाकरे (बातचीत के लिए) आगे आते हैं तो दोनों पक्ष गंभीरता को समझेंगे। मराठी लोगों में एक साथ आने की भावना है।’’महाजन ने कहा कि राजनीतिक रूप से अलग हुए ठाकरे भाइयों (उद्धव एवं राज ठाकरे) के साथ आने के इस प्रयोग में कोई बुराई नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने (मनसे) 2014 और 2017 में यह प्रयोग किया था। अगर वे गंभीर हैं, तो इस संबंध में नेतृत्व करने में कोई समस्या नहीं है।’’