भारत और पाकिस्तान में फिर हो सकता है संघर्ष, इस बार चीन... पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल ने चेताया
पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल ने लिखा है कि चीन लंबे समय से भारत का मुख्य विरोधी है, जबकि पाकिस्तान केवल एक परेशान करने वाला है। चीन की बलपूर्वक मिलीभगत से पुनर्जीवित पाकिस्तान के साथ एक और संघर्ष की संभावना अधिक है।

India Pakistan News: हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष में चीन ने इस्लामाबाद को खुलकर समर्थन दिया। चार दिनों तक तनाव चरम पर रहने के बाद भले ही सीजफायर हो गया हो, लेकिन पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल एचएस पनाग ने चेतावनी दी है कि भारत को अगले पांच से दस सालों में फिर से पाकिस्तान के साथ संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है और इस बार भी वह चीन की मिलीभगत से ऐसा कर सकता है। पनाग ने एक आर्टिकल में लिखा है कि इसकी वजह से भारत को तैयार रहना चाहिए और कड़े कदम उठाते हुए अपने रक्षा बजट को दोगुना करके जीडीपी का चार फीसदी करना चाहिए।
'द प्रिंट' में लिखे आर्टिकल में जनरल पनाग ने लिखा, ''चीन लंबे समय से भारत का मुख्य विरोधी है, जबकि पाकिस्तान केवल एक परेशान करने वाला है। चीन की बलपूर्वक मिलीभगत से पुनर्जीवित पाकिस्तान के साथ एक और संघर्ष की संभावना अधिक है। मेरा मानना है कि इसमें कम से कम 5 साल और अधिकतम 10 साल लग सकते हैं। हालांकि, अगर भारत पाकिस्तान को और अधिक जोरदार तरीके से हराने और साथ ही चीन को गतिरोध में डालने की सैन्य क्षमता बनाता है, तो संघर्ष को रोका जा सकेगा।"
पनाग लिखते हैं, ''पाकिस्तान पर एक जबरदस्त तकनीकी सैन्य बढ़त स्थापित करने और चीन को गतिरोध में डालने के लिए सशस्त्र बलों का परिवर्तन एक अपरिहार्य आवश्यकता है, वह भी ऐसे संघर्ष के लिए जब दोनों विरोधी मिलीभगत में हों और इस परिवर्तन को होने के लिए, हमें सबसे पहले अपने रक्षा बजट को दोगुना करके जीडीपी का चार प्रतिशत करना होगा।'' उन्होंने आगे लिखा कि भारत को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक संरचित दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। इससे एक ऐसी सैन्य रणनीति का मार्ग प्रशस्त होगा जो संघर्ष के सभी पहलुओं से निपटने में सक्षम होगी।
बता दें कि पिछले महीने एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान भारत को अस्तित्व के लिए खतरा मानता है और युद्ध के मैदान में परमाणु हथियारों के विकास सहित अपने सैन्य आधुनिकीकरण के प्रयासों को जारी रखेगा। खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है, "पाकिस्तान अपने परमाणु शस्त्रागार का आधुनिकीकरण कर रहा है और अपनी परमाणु सामग्री और परमाणु कमान और नियंत्रण की सुरक्षा बनाए रख रहा है।" रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान को मुख्य रूप से चीन की आर्थिक और सैन्य उदारता हासिल है। पाकिस्तानी सेना हर साल चीन की पीएलए के साथ कई संयुक्त सैन्य अभ्यास करती है, जिसमें नवंबर 2024 में पूरा होने वाला एक नया हवाई अभ्यास भी शामिल है।''