फीस की फांस : स्कूल शिक्षा विधेयक में अभिभावकों के प्रावधानों को शामिल करें : संगठन
नई दिल्ली में निजी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी के खिलाफ अभिभावक विरोध कर रहे हैं। विभिन्न संगठनों ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने दिल्ली स्कूल शिक्षा विधेयक 2025 में...

नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। निजी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी के खिलाफ अभिभावक लगातार विरोध जता रहे हैं। इस संबंध में विभिन्न संगठनों ने दिल्ली स्कूल शिक्षा विधेयक 2025 में अभिभावकों के संशोधन और प्रावधानों को शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखेंगे। मॉडल टाउन के अभिभावक संघ के प्रतिनिधि नितिन गुप्ता ने बताया कि हमारी मांग है कि विधेयक को विधानसभा में प्रस्तुत करने से पहले सार्वजनिक किया जाए। नितिन ने कहा कि विधेयक में 15 प्रावधानों को शामिल करने की हमारी मांग है। इसमें यह प्रावधान शामिल किया जाए कि फीस बढ़ोतरी के बाद तीन वर्ष तक फीस में किसी भी तरह से बढ़ोतरी न की जाए।
एक बार फीस वृद्धि को स्वीकृति मिलने के बाद, अगले तीन शैक्षणिक वर्षों तक उसी स्कूल द्वारा फिर से कोई फीस में बढ़ोतरी न की जाए। फीस बढ़ोतरी से पहले अनिवार्य रूप से स्कूल का वित्तीय लेखा-परीक्षा सुनिश्चित किया जाए। प्रत्येक फीस बढ़ोतरी से पहले सीएजी या फीस विनियमन समिति की तरफ से स्कूल का वित्तीय ऑडिट कराया जाए। एसएमसी में अभिभावकों का प्रतिनिधित्व शामिल करें नितिन ने कहा कि स्कूल प्रबंधन समितियों (एसएमसी) में अभिभावकों का प्रतिनिधित्व किया जाए। हर एसएमसी में कम से कम पांच निर्वाचित अभिभावकों को पूरे मतदान अधिकारों के साथ शामिल किया जाए। इन अभिभावकों को फीस बढ़ोतरी के प्रस्तावों को स्वीकार व अस्वीकार करने का अधिकार हो। सभी अभिभावकों को फीस बढ़ोतरी के प्रस्ताव की पहले सूचना दी जाए। प्रत्येक अभिभावक को प्रस्तावित फीस संरचना व उसके औचित्य की अधिसूचना भेजी जाए।
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