कुतुब मीनार से भी ऊंचे पुल पर फर्राटा, पूर्वोत्तर की एक और राजधानी तक पहुंच गई ट्रेन
अब जल्द ही पूर्वोत्तर के चौथे राज्य मिजोरम की राजधानी तक भी ट्रेन दौड़ने वाली है। इसका सफल ट्रायल हो चुका है। 17 जून के बाद रेल सेवा का उद्घाटन हो सकता है।

पूर्वोत्तर के एक और राज्य की राजधानी तक ट्रेन पहुंच गई है। मिजोरम की राजधानी आइजोल तक कुछ ही दिनों में ट्रेन से पहुंचा जा सकेगा। आइजोल को बैराबी-सैरांग लाइन से जोड़ दिया गया है। कोलासिब जिले के का बैराबी असम की सीमा के पास है। अब तक यहीं तक ट्रेन पहुंचती थी। वहीं सैरांग आइजॉल के पास ही एक कस्बा है। शहर से इसकी दूरी केवल 20 किलोमीटर है।
एक अधिकारी के मुताबिक 17 जून के बाद बैराबी-सैरांग लाइन का औपचारिक उद्घाटन हो सकता है। फिलहाल इस लाइन पर ट्रायल रन चल रहा है। उन्होंने बताया, कमीशन ऑफ रेलवे सेफ्टी इसी सप्ताह इस रेल लाइन की जांच करने वाले हैं। इसके बाद ही उद्घाटन की तारीख निश्चित की जाएगी। रेल लाइन के आसपास थोड़ा बहुत काम बाकी है जो कि जल्द ही पूरा हो जाएगा।
बता दें कि सीआरएस के ऑडिट के बाद ट्रेन का संचालन आम तौर पर शुरू हो जाता है। 1 मई को सैरांग तक ट्रेन का सफल ट्रायल किया गया था। मिजोरम पूर्वोत्तर का चौथा ऐसा राज्य बनने वाला है जिसकी राजधानी तक ट्रेन की सुविधा उपलब्ध होगी। इससे पहले असम, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश की राजधानियों तक ट्रेन जाती थीं।
बैराबी-सैरांग रेल लाइन की लंबाई करीब 51 किलोमीटर है और इसको बनाने में लगभग 5021 करोड़ रुपये की लागत आई है। इस प्रोजेक्ट को चार सेक्शन में बांटा गया है। बैराबी से होरटोकी तक 16 किलोमीटर का पार्ट जुलाी 2024 में ही कमीशन हो चुका है। इसके अलावा होरटोकी से कॉनपुई, कॉनपुई से मुआलखांग और मुआलखांग से सैरांग तक जून में ट्रेन सेवा शुरू हो जाएगी।
कुतुब मीनार से भी ऊंचा रेल पुल
इंजीनियरिंग के नजरिए से देखें तो भी यह प्रोजेक्ट आसान नहीं था। इस रेल लाइन में 48 सुरंगें हैं जिनकी कुल लंबाई लगभग 13 किलोमीटर है। इसपर 55 बड़े और 87 छोटे पुल हैं। इसपर पांच सड़कें ओवर ब्रिज हैं और पांच अंडर ब्रिज हैं। एक पुल 104 मीटर ऊंचा है जो कि कुतब मीनार से भी 32 मीटर ऊंचा है।