Pakistan was exposed again Happy Pasiya used to carry out terrorist attacks in Punjab at the behest of ISI फिर बेनकाब हुआ पाकिस्तान, ISI के इशारे पर पंजाब में हमले करता था हैप्पी पसिया; FBI का खुलासा, India Hindi News - Hindustan
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फिर बेनकाब हुआ पाकिस्तान, ISI के इशारे पर पंजाब में हमले करता था हैप्पी पसिया; FBI का खुलासा

  • एफबीआई के अनुसार, हरप्रीत सिंह पिछले लंबे समय से बर्नर फोन और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर अपनी पहचान छुपा रहा था।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानSat, 19 April 2025 06:00 AM
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फिर बेनकाब हुआ पाकिस्तान, ISI के इशारे पर पंजाब में हमले करता था हैप्पी पसिया; FBI का खुलासा

अमेरिका की फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) ने हाल ही में कैलिफोर्निया के सैक्रामेंटो से गिरफ्तार किए गए हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पसिया को लेकर बड़ा खुलासा किया है। एफबीआई के मुताबिक, हरप्रीत सिंह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) और खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के साथ मिलकर काम कर रहा था। हरप्रीत सिंह ने अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश किया था। उसे एफबीआई और यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट की एन्फोर्समेंट एंड रिमूवल ऑपरेशंस (ERO) यूनिट ने संयुक्त रूप से गिरफ्तार किया।

एफबीआई सैक्रामेंटो कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया, "हरप्रीत सिंह एक कथित आतंकी है, जिसने अमेरिका में अवैध तरीके से प्रवेश किया था। उसे एफबीआई और ईआरओ द्वारा सैक्रामेंटो में गिरफ्तार किया गया है। उस पर पाकिस्तान की आईएसआई और खालिस्तानी आतंकी समूह बब्बर खालसा इंटरनेशनल के साथ मिलकर काम करने का संदेह है।"

खुफिया एजेंसियों की नजर में था पसिया

एफबीआई के अनुसार, हरप्रीत सिंह पिछले लंबे समय से बर्नर फोन और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर अपनी पहचान छुपा रहा था। भारत में एफबीआई के कार्यालय ने अमेरिकी अधिकारियों को पहले ही सूचित कर दिया था कि वह पंजाब में कई आतंकी हमलों का वांछित आरोपी है। पंजाब के पुलिस महानिदेशक (DGP) ने इस गिरफ्तारी को आईएसआई-समर्थित आतंकी नेटवर्क के खिलाफ अभियान में एक बड़ी सफलता बताया है।

पंजाब में 16 बड़े आतंकी हमलों में शामिल

इंटेलिजेंस सूत्रों के अनुसार, हरप्रीत सिंह बीते दो वर्षों में पंजाब में हुए कम से कम 16 आतंकी घटनाओं से जुड़ा है, जिनमें 14 ग्रेनेड हमले, एक आईईडी विस्फोट और एक आरपीजी (रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड) हमला शामिल हैं। जनवरी 2025 में अमृतसर के गुमतला पुलिस पोस्ट के पास एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की गाड़ी में विस्फोट हुआ था, जिसमें कार्बोरेटर आधारित IED का उपयोग हुआ था।

सितंबर 2024 में चंडीगढ़ के सेक्टर 10 में एक रिटायर्ड पंजाब पुलिस अधिकारी को निशाना बनाकर किए गए ग्रेनेड हमले में भी उसका नाम सामने आया था। इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने उसके सिर पर ₹5 लाख का इनाम घोषित किया था।

रिंदा और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से संबंध

हरप्रीत सिंह का आपराधिक करियर जग्गू भगवानपुरिया गैंग से शुरू हुआ था, लेकिन बाद में वह पाकिस्तान में बैठे आतंकी हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा के संपर्क में आया। इस समय बब्बर खालसा का अहम ऑपरेटर माना जाता है। इन दोनों ने मिलकर पंजाब में शराब माफियाओं, व्यापारियों और हिंदू नेताओं को निशाना बनाकर जबरन वसूली का एक आतंकी नेटवर्क खड़ा किया। यह नेटवर्क आगजनी, गोलीबारी और धमकी के जरिए पैसा जुटाता था।

पंजाब पुलिस की रिपोर्ट में हरप्रीत के अमेरिका स्थित सहयोगियों गुरदेव सिंह जैसल पहलवान और गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी नवांशहरिया और जर्मनी स्थित स्वर्ण सिंह उर्फ जीवन फौजिया के नाम भी शामिल हैं।

नशे में धकेले गए नाबालिगों का इस्तेमाल

रिंदा–पसिया नेटवर्क की भर्ती नीति भी चौंकाने वाली है। पंजाब पुलिस के अनुसार, यह नेटवर्क नशे के आदी नाबालिगों को पैसे और नशीले पदार्थों का लालच देकर आतंकी हमलों के लिए इस्तेमाल करता था। दिसंबर 2024 में अजनाला पुलिस स्टेशन के पास IED लगाने वाले 17 वर्षीय युवक की गिरफ्तारी से यह खुलासा हुआ था। पूछताछ में उसने बताया कि उसे ₹30,000 और नशा देने का वादा किया गया था।

भारत ने शुरू की प्रत्यर्पण की प्रक्रिया

हरप्रीत सिंह की गिरफ्तारी के बाद भारत ने अमेरिका से उसका प्रत्यर्पण कराने की दिशा में तेजी से कदम उठाए हैं। पंजाब पुलिस और NIA ने आवश्यक दस्तावेज अमेरिकी एजेंसियों को भेज दिए हैं। भारत सरकार उम्मीद कर रही है कि उसे जल्द भारत लाया जाएगा ताकि पंजाब में हुए आतंकी हमलों के मामलों में उस पर मुकदमा चलाया जा सके।